सोमवार, 23 जुलाई 2012

कैसे बचा जाए मधुमेह में नर्व डेमेज से

कैसे बचा जाए मधुमेह में नर्व डेमेज से 




Diabetes gets on your nerves 


Peripheral neuropathy can be a painful and difficult -to -treat complication of diabetes .Here's help to manage the frustrating sensations it causes.


Ways to prevent nerve damage 


1.Get your blood glucose level within your target range and keep it there.


2.Eat a healthful diet with lots of fruits and vegetables to be sure your body is getting essential vitamins .


3.Ask your health care provider to screen for peripheral neuropathy every year.


4.Check your feet daily for injuries ulcers ,and infections .Wear shoes that fit well to prevent sores.




5.Exercise often to keep your nervous system working well .




अमरीकी न्यूरोपैथी संघ के मुताबिक़ मधुमेह से ग्रस्त लोगों में से 60 -70%लोग पेरिफरल न्यूरोपैथी का शिकार हो जातें हैं .


क्या है पेरिफरल न्यूरोपैथी 


It is a disorder of the motor ,sensory and autonomic nerves that connect the spianl cord to muscles,skin ,and internal organs.


यहाँ मोटर का अर्थ अंग संचालन से ,सेंसरी का इन्द्रिय बोध से ,फिजिकल सेंसेसंस से है तथा ऑटो -नोमिक शब्द का अर्थ स्वयं चालित अनुक्रियाओं से है .


Autonomic means controlled by automatic responses describes functions of the nervous system not under the voluntary control of the individual ,e.g. the regulation of heart beat or gland secretions ,


Autonomic describes an action that occurs without conscious control . Also produced or caused by internal stimuli.


पेरिफरल न्यूरो -पैथी एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसके  प्रमुख लक्षण हैं


कमजोरी ,सुन्नता (नम -नेस )शरीर के किसी भी अंग में कीलें सी चुभना ,झुनझुनी  चढ़ना (टिंगलिंग )  हाथ पैरों में दर्द होना .


पेरिफरल न्यूरो -पैथी  के तकरीबन 30%मामले मधुमेह से ही सम्बद्ध होतें हैं .प्री -डायबिटीज़ में भी इसका प्रगटन हो सकता है .




ठीक ठीक बता पाना नामुमकिन है इस चिकित्सीय प्रावस्था में क्या चीज़ है वह जो नुकसानी के नर्व डेमेज की वजह बनती है .




अलबत्ता दीर्घावधि तक खून में शक्कर का स्तर ऊंचा बने रहना (मान्य  स्तरों से ऊपर बने रहना ),इंसुलिन का आधिक्य होना ,कुछ अपचयन सम्बन्धी बदलाव भी इस नुकसानी की वजह बन सकतें हैं .माहिरों की यही राय है .


दवा दारु से लाभ होता है 


Medicine can help 


  लक्षणों की तरह पेरिफरल न्यूरोपैथी का इलाज़ और इलाज़ की अवधि भी यकसां नहीं रहती है 




कुछ मामलों मे दर्द इधर आया उधर गया वाली स्थिति रहती है आहिस्ता आहिस्ता ही रोग बढ़ता है महीनों क्या सालों लग जातें हैं इसके उग्र होनें में .


कुछ को यह एक दम से और यकायक अशक्त बनाके रख देता है .


बेशक नष्ट हो चुकी नसों (damaged nerves) को ठीक नहीं किया जा सकता है .स्थाई नुकसानी है यह .


अलबत्ता स्थितयों में सुधार जीवन शैली को सुधार कर लाया जा सकता है 


कुछ दवाओं का सेवन भी ज़रूरी है .एक रणनीति तैयार करनी होगी एक ड्रग रेजिमेन पे चलना होगा .


बिना नुस्खे के मिलने वाली दर्द निवारक दवाओं  से कुछ आराम आता है ..


कुछ को अवसाद रोधी दवाओं से मदद मिलती है ..ऐसी ही एक अवसाद रोधी दवा है -AMITRIPTYLINE (ELAVIL) ,अलावा इसके DESIPRAMINE (NORPRAMIN) भी कुछ को लाभ पहुंचाती है .




ये दवाएं दर्द की लहर को थाम लेती है .लेकिन इन दवाओं का असर होतेद होते ही होता है चंद हफ्ते तो असर सामने आने में लग ही जातें हैं .


कुछ माहिर दौरा  अवरोधी दवाएं ANTICONVULSANTS यथा PREGABALIN (LYRICA) तजवीज़ करतें हैं पेरिफरल न्यूरो -पैथी पैन में ..


माहिरों के अनुसार कुछ को माफिक आती है METANX 


इस सूत्रण  में मौजूद रहता है विटामिन बी 6 और बी 12 तथा फोलिक एसिड इसीलिए अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था ऍफ़. डी.  ए. ने इसे मेडिकल फ़ूड कहा है .


क्या सिफत है इस दवा में जिसे मेडिकल फ़ूड कहा जा रहा है 


यह दवा नाइट्रिक एसिड के उत्पादन को हवा देती है .यह एक वैसो -दायलेटर है जो रक्त संचरण को सुधारता है तथा नष्ट प्राय :नसों की मुरम्मत करता है .


Signs & Symptoms of Peripheral Neuropathy




पैरों में संवेदना शून्यता ,जड़ता का सुन्नता का महसूस होना .


दर्द का रात में बदतर हो जाना सुबह होने पर सुधार महसूस होना .


जीना चढ़ने उतरने में कष्ट होना .


बेशक मधुमेह से ग्रस्त कितने ही लोगों में ये लक्षण दबे ढके ही रहतें हैं प्रगटित नहीं होते भले वह डैबेटिक न्यूरो -पैथी की गिरिफ्त में आ चुकें हों पता तब चलता है जब ये लक्ष्ण उग्र रूप धारण कर लेतें हैं .


कैसे पता चले दैबेटिक न्यूरोपैथी का 


सालाना जांच ही इसका समाधान है 


Only an annual comprehensive exam that assesses your skin ,muscles ,bones ,circulation and sensations in your feet can determine if you have it .


PEOPLE WHO TAKE METFORMIN MAY ABSORB LESS VITAMIN B12 ,WHICH IS INVOLVED IN NERVE HEALTH.


TAKING THE NEXT STEP WITH NERVE DAMAGE


स्वस्थ जीवन शैली बचाव की कुंजी है इस पीडादायक चिकित्सीय प्रावस्था से 


क्या कहतें हैं माहिर करने को 


अपना ब्लड ग्लूकोज़ एक दम से कंट्रोल में रखें .


फास्टिंग और खाने से पहले इसका स्तर 70 -130 मिलीग्राम /डेसीलिटर  रखा जाए ,तथा बाद खाने के 180 से नीचे .


AIC का स्तर हर हाल 7%से कम रखा जाए .


जितना हो सके चलते फिरते चुस्त और सक्रीय रहे


सिर्फ 20 मिनिट का ऐसा व्यायाम जिसमें  आपकी ऑक्सीजन खपत बढती हो (एरोबिक्स ),आपके खून में शक्कर के स्तर को कम रखने में मदद गार सिद्ध हो सकता है .


दर्द को कमतर रख सकता है यही व्यायाम .


बेशक पहले से ही नर्व डेमेज की स्थिति में आप चकल फिर तो नहीं सकतें लेकिन साइकिल चला सकतें हैं (चल या अचल साइकिल कोई भी जो सहज हो आपके लिए सहज सुलभ भी हो ).,तैर सकतें हैं तो तैरने जाएँ रोज़ .


बैठे बैठे भी कितने ही व्यायाम किये जा सकतें हैं (SEATED EXERCISES)


CONSIDER PRESCRIPTION MEDICATIONS


कितने ही नुस्खे दर्द को दूर करने के लिए आजमाए जातें हैं .इनमे अवसाद -रोधी नुस्खे भी शामिल रहतें हैं .,ANTI -EPILEPTICS (अपस्मार या एपिलेप्सी रोधी )भी .आम भाषा में कभी कभार मिर्गी का रोग भी कह दिया जाता है एपिलेप्सी को .


Analgesics ,selective serotonin reuptake inhibitors ,and opioid painkillers are also traied.


कम कर दें शराब का सेवन .बेशक कभी कभार एक आदि ड्रिंक ले लें लेकिन रोज़ -बा -रोज़ इसका सेवन दर्द को बद  से बदतर बना सकता है . 


सन्दर्भ -सामिग्री :


daibetic LIVING (DiabeticLivingOnline.com)Fall 2012 Display until Oct.30/diabetes gets on your nerves.p.46-48.

























































6 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आपकी सलाह सबके लिये ही बहुत उपयोगी है..

Suresh kumar ने कहा…

Bahut hi badhiya jaankaari...

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

मधुमेह पर बहुत अच्छी
जानकारी आप लाये हैं
साथ साथ हिन्दी और
अंग्रेजी में भी समझाये हैं

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

मीठे के प्रयोग से, हो जाता मधुमेह।
थोड़ा-थोड़ा पीजिए, शर्वत या अवलेह।।

Rajesh Kumari ने कहा…

बहुत जानकारी देती हुई स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हुई पोस्ट

dr.mahendrag ने कहा…

,मधुमेह की राजधानी भारत के लोगों के लिए , जिनकी कुल संख्या एक संगठन के अनुसार ५०.३०% है , उपयोगी जानकारी इस हेतु आपका आभार