शुक्रवार, 28 जनवरी 2011

डिप्रेशन का सामान है हाई -फैट डाइट.

हाई -फैट डाइट कैन ट्रिगर डिप्रेशन ,सेज स्टडी (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जनवरी २८ ,२०११ ,पृष्ठ २१ ).
ट्रांस -फैट्स और संतृप्त वसाओं (सेच्युरेतिद फैट्स )से सना -भीगा भोजन डिप्रेशन को दावत देता है .यही लब्बोलुआब है एक स्पेनिश स्टडी का जो अमरीका में प्रकाशित हुआ है .पूर्व के अध्ययनों में जंक फ़ूड और डिप्रेशन में एक अंतर -सम्बन्ध की पुष्टि हो चुकी है ।
रिसर्चरों ने यह भी पता लगाया है स्वास्थ्यकर ओमेगा -९ फैटी एसिड्स से भरपूर ओलिव -आयल जैसे कुकिंग मीडियम मानसिक विकारों के खतरे के वजन को कम करतें हैं ।
६ साल के एक दीर्घावधि अध्ययन में साइंसदानों ने १२,००० स्वयंसेवियों के खानपान खुराक और जीवन शैली का अध्ययन और विश्लेषण किया है .इसमें 'नवर्रा तथा लॉस पाल्मास दे ग्रां केनारिया विश्वविद्यालय के साइंसदान शामिल रहें हैं ।
अध्ययन के शुरू में किसी भी प्रतिभागी को अवसाद (डिप्रेशन )डायग्नोज़ (रोग निदान )नहीं हुआ था .लेकिन अंत आते आते ६५७ को बाकायदा डिप्रेशन डायग्नोज़ हुआ ।
इनमे वही प्रतिभागी दिखलाई दिए जिनकी खुराक में ट्रांस -फैट्स खासी बड़ी जगह बनाए हुए थे ,पेस्ट्री और फास्ट फूड्स पर टूटते थे ये लोग.इनमे अवसाद के खतरे का वजन ४८ फीसद बढा हुआ मिला बरक्स उनके जिनकी खुराक में ये ट्रांस - फैट्स शामिल नहीं थे .

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