बुधवार, 1 अक्टूबर 2008

dharmnirpekshta nahin khataraa dharmnirpekshon se.

ज्योंही मुशीरुल हसन V.C. जामिया मिलिया इस्लामिया ने जामिया नगर में हुए एनकाउंटर में पुलिस द्वारा पढ़ताल के बाद नामज़द इस मदरसे में पढने वाले दो छात्रों की हिमायत में बयान जारी किया, सेकुलर मंत्रिमंडल के वरिष्ठतम सदस्य नामवर श्री अर्जुन सिंह ने इसे लपक लियाइतना ही नही इसे राष्ट्रहित में दिया बयान बतलायाबिलाशक परिवार के मुखिया के नाते हसन साहब ने अपनी फ़र्ज़ अदायगी की लेकिन पूरी तरीके से नहीक्या उनका यह फ़र्ज़ नही बनता था की वह राष्ट्रहित में इतना तो कहते : " नामज़द छात्रों की जांच हम कराएँगे और आगे बढ़कर उन्हें दोषी पाये जाने पर हथकडियां लगवाएंगेंअर्जुन सिंह की तारीफ करनी होगी उनके fande बिल्कुल क्लेअर हैं : वोट राष्ट्र नही देता मोहल्ला देता है और यकीनन् उन्होंने जामिया नगर तथा इसी नाम के मदरसे के वोट तो पक्के कर ही लिएराष्ट्र से उन्हें वैसे भी क्या लेना देनाप्रधानमंत्री तो उन्हें बनाया नही गया, पप्पू को बना दिया गयाआज यही पप्पू घर बाहर बारहा दोहराए है : हम धर्मनिरपेक्षता के लिए कृत संकल्प हैंयकीनन यहाँ भी उनका धर्मनिरपेक्ष कद अर्जुन सिंह से बड़ा हो गया हैलादेन मुखी दुर्मुख "राम विलास पासवान" की तो फ़िर क्या बिसात, कौन खेत को मूली ? ऊधो कौन देस को वासी ? अलबत्ता यह बात संसदीय इमाम "मौलाना मुलायम' के हक़ में जाती है के वह इस मुद्दे पर खामोश हैं, लगता है सिमी से पल्ला झाड़ लिया हैइस देश में एक दो दर्जन ऐसे धर्मनिरपेक्ष सेकुलर पुत्र हैं जो ऐसे मौको की ताक में रहते हैं और जंतर मंतर से लेकर वाघा सीमा तक मोमबत्तियां जलाते हैंरौशनी फ़िर भी क्यों नही होती ?