मंगलवार, 28 अक्तूबर 2008

सेकुलर ब्रांड आतंकवाद

जबसे कांग्रेस के अल्पसंख्यक सेल के नेत्रित्व में मुसलामानों का एक प्रतिनिधिमंडल मनमोहन सिंह से जामिया नगर एनकाउंटर मुद्दे पर मिला है, आतंकवाद के वज़न को कम करने की कोशिशें जोरो पर हैं, इन्ही कोशिशों के तहत एक शगूफा छोड़ा गया है : हिंदू आतंकवाद। ये साजिश उन्ही लोगों ने रची है जो इंसपेक्टर महेश चंद्र शर्मा की शहादत को घेरे में लेने के बाद पुलिस की साख को मेटने की नाकाम कोशिश करने के बाद अब लोह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल को ही आतंकवादी घोषित कर रहे हैं पूर्व में यह शहीद भगतसिंह के बारे में भी ऐसा ही संलाप कर चुके हैं किसी और देश में ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ अब तक राष्ट्र द्रोह का मुकद्दमा दायर हो चुका होता लेकिन सोनिया संचालित मनमोहन की सरकार तो टिकी ही लादेंमुखियों के सहारे है जो अपने चेहरे से नकाब उठा कर अपना असली चेहरा कई मर्तबा दिखला चुके हैं, कभी अमर सिंह बन कर तो कभी राम विलास पासवान और मुलायम बन कर। दरअसल यह तमाम लोग अब एक ब्रांड बन चुके हैं । सेकुलर ब्रांड आतंकवाद इन्ही की मानसिक जुगाली है। तुश्तिवाद के यह तमाम पोषक और संरक्षक जामिया नगर एनकाउंटर में आज़म्गड़ वासियों के निशाने पर निशाने पर आ जाने के बाद से ही बेहद हैरान और परेशान थे। पहले इन्होने दिल्ली पुलिस को इशान पर लिया अब मुख्या धारा के लोगों पर ही निशाना साधा है यह बारहा कहते raहैं हैं : ज्यादा खतरनाक है बहुसंख्यक आतंकवाद जैसे अल्पसंख्यक आतंकवाद तो benign ट्यूमर और बहुसंख्यक सेकुलर ब्रांड malignant tumor हो हिन्दुस्तान की काया पर।

हिंदू मुजह्हिदीन इनकी माने तो इंडियन मुजह्हिदीन का ही तर्जुमा है। हिंदू चरमपंथ इन्ही सेकुलर पुत्रों ने चलाया है। इनसे पुछा जाना चाहिए ग्लेमर गर्ल प्रज्ञा सिंह ठाकुर के कथित प्रेम प्रसंगों का आतंकवाद से क्या सम्बन्ध है पुछा यह भी जाना चाहिए : जब आप मुख्या धारा के लोगों को ही आतंकवादी बतलाने पर आमादा हैं तब आगे इस देश का क्या होगा। मनमोहन सिंह और सोनिया दोनों बतलायें वह आगे और क्या क्या करवाना चाहते हैं। टी आर पी के आगे और कुछ भी ना देखने भालने वाले चैनल भी बतलायें : किधर ले जाना चाहते हैं वह इस देश को ?

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