सोमवार, 9 नवंबर 2015

सुख दुःख ,हानि लाभ ,जीवन मरण ,यश -अपयश को प्रसाद समझ के ही ग्रहण किया जाए। जो होता है अच्छा और कल्याणकारी ही होता है। विपरीत गुण धर्म राग द्वेष से ऊपर उठकर समत्व भाव ,भारत भाव बनाये रखा जाए। '

चुनाव बाद की गुटरगूं 

(१)अ -सहिष्णु और सहिष्णु समर्थक मार्च का अब कोई प्रयोजन शेष नहीं रह गया है। देश हित  में इन्हें सुरक्षित संरक्षित रख लिया जाए। 
 निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश ,पश्चिमी  बंगाल ,पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभाई चुनाव होनें हैं। 

फिलवक्त सहृदय होकर काम किया जाए। बिहार का कंधा केंद्र के कंधे से मिलके देश का कांधा कह लाये। विकास पथ के राही आगे बढ़ते जाएँ। 

(२ )भगवान किसी का बाजा न बजे 

जिसके भी घर बजें बाजे ही बजें 

बहुत समय के बाद कांग्रेस के घर (कांग्रेस कमिटी दफ्तर ,नईदिल्ली )के बाहर भी बाजे बजे। बधाई। लोग इतने खुश थे और मिठाई भी इतने दिनों बाद खाई थी कि कई लोग सुतली ही लड्डू समझ के खा गए। 

(३ ) 'अरे ऐसा क्या हो गया क्यों इतना चिल्ला रहे हैं लोग। आधा घंटा हो गया जिसे देखो उछल उछल के बोल रहा है -इतना बड़ा देश है और कोई इसके अलावा न्यूज़ ही नहीं है '

न्यूज़ देखते देखते सहज लहजे में मेरी बेटी कह उठी। '

(४)'मेरे अति आदरणीय मित्रों ,बहनों ,सम्मान के योग्य भाइयों आप सभी को बहुत बहुत बधाई इत्ता बड़ा काम शांतिपूर्वक संपन्न हो गया।जिसको जहां भी चुनना था बिहार ने अपने मिज़ाज़ के अनुरूप चुन लिया।बधाई भारत ,बधाया बिहार। 

सुख दुःख ,हानि लाभ ,जीवन मरण ,यश -अपयश को प्रसाद समझ के ही ग्रहण किया जाए। जो होता है अच्छा और कल्याणकारी ही होता है। विपरीत गुण धर्म राग द्वेष से ऊपर उठकर समत्व भाव ,भारत भाव बनाये रखा जाए। '

सुप्रिया भाजपा को एक परामर्श -आइन्दा कहीं भी होने वाले चुनावों में स्थानीय नेतृत्व को ही आगे रखा जाए। पार्टी के जो भी वजनदार लोग हैं  वह पीछे रहके काम करें। मोदी महामंत्र को बहुत सोच समझ  कर गहन विमर्श के बाद ही बरता जाए। 

गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं जो मेरी निंदा करे मुझसे ईर्ष्या करे उसे मेरा ज्ञान न सुनाना न कहना ,तुम भी ईश निंदा के पाप के भागी बनोगे ऐसा करने से उसका तो नुक्सान होगा ही होगा उसके नुक्सान का जिम्मा भी तुम्हारा होगा। '   

जयश्री कृष्णा !

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