बिहार चुनाव के नतीज़ों पर एक द्रुत प्रतिक्रिया :
भाजपा की हार पर हमने डॉ. वागीश मेहता(गुडगाँव ) से बात की। उन्होंने संक्षेप सार जो दिया वह यूँ है -बिहार की सामाजिक संरचना बड़ी जटिल है। बिहार के मन को समझना भी। यहां जाति और मज़हब की दुरभिसंधि उत्तर प्रदेश से भी अलग है। जहां लालू जैसे लोग थे ,कुटिला कांग्रेस थी और सेकुअलर की बीन बजाने वाले नीतीशजी तो थे ही।
भाजपा की एक बड़ी कमज़ोरी यह थी स्थानीय नेतृत्व नहीं था जो भी था जैसा भी था उसे आगे लाना चाहिए था बाकी लोगों को पीछे से उनका बल बढ़ाना चाहिए था।
मोदी मन्त्र को सीधे सीधे इस्तेमाल करने से पहले सौ बार सोचा जाना चाहिये।
भाजपा की हार पर हमने डॉ. वागीश मेहता(गुडगाँव ) से बात की। उन्होंने संक्षेप सार जो दिया वह यूँ है -बिहार की सामाजिक संरचना बड़ी जटिल है। बिहार के मन को समझना भी। यहां जाति और मज़हब की दुरभिसंधि उत्तर प्रदेश से भी अलग है। जहां लालू जैसे लोग थे ,कुटिला कांग्रेस थी और सेकुअलर की बीन बजाने वाले नीतीशजी तो थे ही।
भाजपा की एक बड़ी कमज़ोरी यह थी स्थानीय नेतृत्व नहीं था जो भी था जैसा भी था उसे आगे लाना चाहिए था बाकी लोगों को पीछे से उनका बल बढ़ाना चाहिए था।
मोदी मन्त्र को सीधे सीधे इस्तेमाल करने से पहले सौ बार सोचा जाना चाहिये।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें