ऐसे शख्श मणिशंकर अय्यर और इसकी पार्टी पर अनिवासी भारतीय थू थू कर रहे हैं कि सोनिया मायनों ने क्या क्या पाल रखें हैं।
एक पाकिस्तानी चैनल 'दुनिया ' के टीवी एंकर ने जब मणिशंकर अय्यर से पूछा कि दोनों देश के बीच पड़ी संबंधों की बर्फ को पिघलाने के लिए क्या करने की ज़रुरत है तब इस मार्क्सवादी बौद्धिक गुलाम अय्यर ने फरमाया कि सबसे पहले और सबसे ज़रूरी चीज़ है कि मोदी को हटाया जाए। बाद में अय्यर लगभग याचना करते हुए पाकिस्तानी चैनल से बोले कि हमें सत्ता में वापस लाया जाए और भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी को हटाएं ,उसके अलावा और कोई चारा नहीं है। और कोई तरीका वर्तमान में नहीं दिखलाई देता है।
जिनके वैचारिक पुरखों ने क्रांतिकारियों के विरुद्ध अंग्रेज़ों की मुखबिरी की थी और आज़ादी के संघर्ष से दूर रहे। अब लगता है इनके जैविक पुरखों ने भी यही सब किया। यही लोग,मणिशंकर और मणिशंकर सोच के तमाम लोग अब चाहते हैं पाकिस्तान भारत के लोकतांत्रिक चुनावों में दखल दे। सोनिया मायनो के मार्गदर्शन में उसके ये सिपहसालार अब ये चाहते हैं कि पाकिस्तान भारतीय राजनीति को प्रभावित करने की ताकत हासिल करे। वो सभी यह कहना चाहते हैं कि भारत में २१ करोड़ मुसलमान रहते हैं और पाकिस्तान यह काम भी नहीं कर सकता।
पूर्व में इतना नुक्सान जयचंदों ने ,मौहम्मद गौरी से मिलकर नहीं किया था जितना अब मणिशंकर अय्यर ,शकील अहमद ,सलमान खुर्शीद ,आज़म खान ,शाहरुख खान ,ओवैसी ,हामिद अंसारी सोच के लोग कर रहे हैं।
ऐसे शख्श मणिशंकर अय्यर और इसकी पार्टी पर अनिवासी भारतीय थू थू कर रहे हैं कि सोनिया मायनों ने क्या क्या पाल रखें हैं।
जिनके वैचारिक पुरखों ने क्रांतिकारियों के विरुद्ध अंग्रेज़ों की मुखबिरी की थी और आज़ादी के संघर्ष से दूर रहे। अब लगता है इनके जैविक पुरखों ने भी यही सब किया। यही लोग,मणिशंकर और मणिशंकर सोच के तमाम लोग अब चाहते हैं पाकिस्तान भारत के लोकतांत्रिक चुनावों में दखल दे। सोनिया मायनो के मार्गदर्शन में उसके ये सिपहसालार अब ये चाहते हैं कि पाकिस्तान भारतीय राजनीति को प्रभावित करने की ताकत हासिल करे। वो सभी यह कहना चाहते हैं कि भारत में २१ करोड़ मुसलमान रहते हैं और पाकिस्तान यह काम भी नहीं कर सकता।
पूर्व में इतना नुक्सान जयचंदों ने ,मौहम्मद गौरी से मिलकर नहीं किया था जितना अब मणिशंकर अय्यर ,शकील अहमद ,सलमान खुर्शीद ,आज़म खान ,शाहरुख खान ,ओवैसी ,हामिद अंसारी सोच के लोग कर रहे हैं।
ऐसे शख्श मणिशंकर अय्यर और इसकी पार्टी पर अनिवासी भारतीय थू थू कर रहे हैं कि सोनिया मायनों ने क्या क्या पाल रखें हैं।
2 टिप्पणियां:
वीरू भाई ...ये हमारी बदकिस्मती है कि हम अभी भी सदियाँ गुज़र जाने के बाद भी जय चंदो और घर के भेदियों से घिरे हुए हैं न जाने कब तक .....अभी और कितने इम्तहान बाकी हैं ..और ऐसे छुपे हुए शैतान बाकी हैं ...शुभकामनायें हम सब भारतवासियों को ...जय हिन्द.
ऐसी ही मानसिकता वाले लोग देश को इस दशा में ले आये हैं - इनका कोई इंतज़ाम होना बहुत ज़रूरी है!
एक टिप्पणी भेजें