रविवार, 9 अक्टूबर 2016

सोई जानेहु ,जेहि देहु जनाई , जानत तुमहि , तुमहि हो जाई।

सोई जानेहु ,जेहि देहु जनाई  ,

जानत तुमहि , तुमहि हो जाई।

वही जाने जिसे तू जनवाये ,जो तुझे जाने वह तेरा ही रूप हो जाए।

सति पुरखु जिनि जानिआ ,सतिगुरु तिस का नाउ।

तिस कै संगि सिखु उधरै ,नानक हरि गन गाउ।

जिसने सतपुरख (परमात्मा )को जान लिया वह पुरुष सतपुरख ही हो गया। जिसने सत्य को जाना वही सतिगुरु। कबीर सत्य को प्राप्त व्यक्ति थे वह सतिगुरु थे। उसके (सतिगुरु )संग जो सिख जुड़ेगा उद्धार उसका भी हो जाएगा।