शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2016

तीन तलाक के मुद्दे पर भारत के मुल्ला मौलवी कौन से शरिया और हदीस की बात कर रहे हैं





    1. तीन तलाक के मुद्दे पर भारत के मुल्ला मौलवी कौन से शरिया और हदीस की बात कर रहे हैं क्या इनका शरीयत क़ानून उन २२ मुस्लिम मुल्कों से अलहदा है जिन्होनें तीन तलाक पर पाबन्दी लगाईं हुई है। 

      भारत के उदार लोकतंत्र का फायदा उठाकर यह लोकतंत्र के बीच में मज़हव तंत्र को लाकर भारतीय मुस्लिम मौतरमाओं की आवाज़ को ज़बरिया दबाने की ना -कामयाब कोशिश कर रहे हैं। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड नगर नगर महिलाओं को अपने दफ्तर में बुलाकर मय घर के मुखिया के उनसे मनमाने तरीके से तीन तलाक के समर्थन के मुद्दे पर शरिया और हदीस की आड़ में दस्तखत करवा रहा है। 

      देखा आपने पिछड़ा हुआ तबका किस तरह एक दिखने लगता है भले अंदर से चटक रहा हो ,भले रूह अंदर से सुलग रही हो। लेकिन यह मामला तरक्की पसन्द मौतरमाओं की दमदार आवाज़ और हकों से जुड़ा है जिसे दबाने छीनने की नाकामयाब कोशिश कठमुल्ले (बुनियाद परस्त )कर रहे हैं। 
      तलाक ,तलाक ,तलाक के मुद्दे पर शाहबानो से शारिया तक की कथा यकसां हैं महज पात्र बदलें हैं स्थितियां वहीँ हैं -राजीव गांधी ने एक गलती की देश के सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले को उलटकर जो शाहबानों को उसका हक़ हुकूक दिलाने से ताल्लुक रखता था।उसे ढकने के लिए वह गलती दर गलती करते चले गए ,बाबरी का ताला खुलवाने से लेकर शिला पूजन तक पूरा एक पंडोरा बॉक्स खुलता गया।
      घियासुद्दीन गाज़ियों के वंशजों से उम्मीद भी क्या रखी जा सकती थी ,वो नीली पगड़ी वाला बिजूका तो इस देश के संशाधनों पर पहला हक़ मुसलामानों का बतलाता था ,कुछ भी नहीं बदला है ,अलबत्ता मुस्लिम महिलाएं अपने हक़ हुकूक की लड़ाई अब खुद लड़ रहीं हैं इस जिहाद को हिंदुस्तानी कठमुल्ले रोक नहीं पाएंगे ,चाहे वे कांग्रेसी हों या रक्तरंगी लेफ्टिए ,मुद्दा हाशिये पर अद -बदा -के रखी गई मुस्लिम मौतरमाओं से जुड़ा है एडिट प्लेटर का विश्लेषण और संजीव श्रीवास्तव की भली सी आवाज़ ने इस विश्लेषण को और भी असरदार बना दिया। एडिट प्लेटर अपने जन्म के फ़ौरन बाद एक न्यूज़ अवतार की तरह छा गया है। बधाई इन तमाम पत्रकारों को जो योरोप प्रवास भुगताकर वतन लौट आएं हैं ,चैनालियों को पत्रकारिता के मायने समझाने में एडिट प्लेटर कामयाब होगा ऐसी अपेक्षा रखना अतिशयोक्ति न होगी।


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      #देश #दुनिया के #प्रमुख समाचारों व आलेखों पर हमारे संस्थापक #संपादक संजीव श्रीवास्तव का #विश्लेषण यहां पढ़ें। #हिंदीन्यूज #हिंदीखबर #Editplatter
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      तीन तलाक के मुद्दे पर भारत के मुल्ला मौलवी कौन से शरिया और हदीस की बात कर रहे हैं क्या इनका शरीयत क़ानून उन २२ मुस्लिम मुल्कों से अलहदा है जिन्होनें तीन तलाक पर पाबन्दी लगाईं हुई है। 

      भारत के उदार लोकतंत्र का फायदा उठाकर यह लोकतंत्र के बीच में मज़हव तंत्र को लाकर भारतीय मुस्लिम मौतरमाओं की आवाज़ को ज़बरिया दबाने की ना -कामयाब कोशिश कर रहे हैं। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड नगर नगर महिलाओं को अपने दफ्तर में बुलाकर मय घर के मुखिया के उनसे मनमाने तरीके से तीन तलाक के समर्थन के मुद्दे पर शरिया और हदीस की आड़ में दस्तखत करवा रहा है। 


      देखा आपने पिछड़ा हुआ तबका किस तरह एक दिखने लगता है भले अंदर से चटक रहा हो ,भले रूह अंदर से सुलग रही हो। लेकिन यह मामला तरक्की पसन्द मौतरमाओं की दमदार आवाज़ और हकों से जुड़ा है जिसे दबाने छीनने की नाकामयाब कोशिश कठमुल्ले (बुनियाद परस्त )कर रहे हैं। 

    2 टिप्‍पणियां:

    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

    शरद पूर्णिमा की हार्दिक मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (16-10-2016) के चर्चा मंच "शरदपूर्णिमा" {चर्चा अंक- 2497 पर भी होगी!

    प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

    बहुत निम्न मानसिकता का सूचक है यह तीन तलाक़.