शुक्रवार, 2 मार्च 2012

ज्यादा नाज़ुक पाए गए हैं किशोर किशोरी दिमागी चोट के प्रति .

ज्यादा नाज़ुक पाए गए हैं किशोर किशोरी दिमागी चोट के प्रति .
'concussions affect teens more than kids,adults/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,MAR1,2012/P21.
सदमा पहुंचाने वाली दिमाग की चोट हो या कोई और दिमागी चोट किशोर वृन्द ज्यादा असुरक्षित रहता है ऐसी चोटों से .एक अन्य अध्ययन का यही दावा है .
विज्ञान प्रपत्र 'ब्रेन इंजरी 'में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार ऐसी चोटों से किशोर वृन्द को वर्किंग मेमोरी के मामले में ज्यादा बाधा पहुँचती है .
अल्प कालीन सूचना संशाधन और संग्रहण दोनों ही असर ग्रस्त होतें हैं दिमागी चोट से .ज़ाहिर है याद रखने में दिक्कत पेश हो सकती है ऐसी चोट के बाद .दिमागी चोट लगने के छ ;माह बाद भी किशोर वृन्द में यह मेमोरी इम्पेयर्मेंट देखा गया है .बच्चों और बालिगों को ऐसी नुकसानी अपेक्षाकृत कम उठानी पड़ती है यही इस शोध का परिणाम है .
इस अध्ययन  के ऑथर डॉ. एल्लेम्बेर्ग के मुताबिक़ दिमाग का एक हिस्सा फ्रन्टल लोब वर्किंग मेमोरी के लिए जिम्मेवार रहता है जिसकी बढ़वार को किशोरावस्था में ही पंख लगतें हैं .और इसलिए यह और भी ज्यादा असुरक्षित अरक्षित बना रहता है किशोर वय  में .दिमागी चोट के प्रति एक दम से नाज़ुक .डॉ .एल्लेम्बेर्ग University of Montr
   eal ,Quebec में Kinesiology के आचार्य हैं .
काइनेसियोलोजी मानवीर शरीर अंगों के सन्दर्भ में गति की यांत्रिकी की व्याख्या करता है .
Kinesiology is the study of the mechanics of motion with respect to human anatomy. It  is the study of muscles and body movement.
Deficits in working memory can impair a person's ability to do everyday things ,such as multitasking ,Ellemberg said.
"contrary to the belief that children can play through a concussion because their brains are more resilient ,we find they are more vulnerable to the effects of a brain injury than adults,"he said.
राम राम भाई !  राम राम भाई !
आर्कटिक    सागर   की  हिमानी  छीज़न लाई   थी  योरोप  की  बर्फानी   ठंड   .
Arctic sea ice decline behind Europe's big chill/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,MARCH 1,2012/P21.
आर्कटिक सागर में हिम राशि का क्षीण होना योरोप की अप्रत्याशित बर्फानी ठंड की वजह बनी थी.जबकि  विशाल हिम राशि की छीज़न का कारण उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र की गर्माहट बनी थी ऐसा साइंसदानों का अब मानना बूझना है .
एक तरफ प्रेक्षण में लिए गए आंकडें और दूसरी तरफ कंप्यूटर मोडलों से आकलित आकड़ों के संयोजन से ऐसे निष्कर्ष निकाले गए हैं .
आर्कटिक सागर में आये पत झड कालीन बदलावों के फलस्वरूप मौसम के मिजाज़ में आये बदलावों के बीच एक अंतर सम्बन्ध साफ़ साफ़ दिखलाई दिया है .वातावरण में इस दरमियान न सिर्फ आद्रता बढ़ी तापमानों ने भी निम्नतर स्तर छूए .फलस्वरूप उत्तरी अमरीका , योरोपऔर एशिया में   में भारी हिमपात भी हुआ .निष्कर्ष :
उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र की गर्माहट से जुडी है योरोप की बर्फानी ठंड की नव्ज़.
बेशक इसमें उत्तरी ध्रुवीय सागर की हिम राशि का क्षीण होना विधाई रहा है .हालिया सिरहन और बर्फानी ठंड की वजह यही हिमानी छीज़न बनी है .
1970s के आखिरी बरसों में उपग्रहों से हिमराशी का आकलन शुरू हुआ .बराबर रिकार्ड रखा गया है तब से .तब  से  अब तक अपार हिमराशी गायब है .अगर यही सिलसिला ज़ारी रहा तो एक दिन इस क्षेत्र में हिम शून्य ग्रीष्म भी प्रगट होगा .और ऐसा आने वाले चंद दशकों में ही देखने में आ सकता है माहिरों ने दो टूक चेतावनी दे दी है .
लाइव साइंस ने इस अध्ययन की रिपोर्ट प्रकाशित किया है .
सागर से हिम राशि का क्षीण होना निश्चय ही एत्मोस्फीयरिक सर्कुलेशन पैट्रन को प्रभावित कर सकता है पश्चिमी पवनों को कमज़ोर बना सकता है .फल स्वरूप 'jet stream'  का amplitude भी बढ़ सकता है .वातावरण में कुल नमी बढ़ सकती है .
Georgia Tech के जिपिंग लिऊ का यही मत है .आप ही इस अध्ययन के प्रमुख लेखक हैं .आपके शब्दों में -
"These pattern changes enhance blocking patterns that favour more frequent movement of cold air masses to middle and lower latitudes ,leading to increased heavy snowfall in Europe ,and the Northeast and Middle regions of the United states ,"Liu said. 
राम राम भाई !  राम राम भाई !
रुक जायेगी हिमालय की विकास यात्रा आइन्दा दो करोड़ सालों में .
Himalayas will stop growing in 20 million years ,finds study/ THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,MARCH 1,2012/P21.
समझा  जाता  है अब से कोई पांच करोड़ बरस पहले भारतीय प्लेट की यूरेशियाई प्लेट से टक्कर के फलस्वरूप शिशु हिमालय का प्रादुर्भाव हुआ था .तब से शिशु हिमालय विकासमान था इसकी ऊंचाई में भी इजाफा हो रहा था .अनुमान है आइन्दा आने वाले दो करोड़ बरसों में यह विकास थम जाएगा .
ऐसा पृथ्वी की मैन्टल(भूमि के मध्य बिंदु और सतह के बीच का भू अंश ) की स्ट्रेंग्थ(भारी वजन संभाले रखने की ताकत )के कारण   होगा  न   कि  हिमालय    की उत्तुंगता ,  ऊंचाई की वजह       से .
ब्रितानी विज्ञान साप्ताहिक 'नेचर 'में यह शोध पत्र प्रकाशित हुआ है जिसकी   ऑथर अमरीकी भू -भौतिकी की माहिर मारिन क्लार्क हैं .
इस अन्वेषण ने सुविख्यात प्लेट विवर्तन सिद्धांत को सवालों के घेरे में ला खडा किया है .यह बूझना है प्रोफ़ेसर क्लार्क का .आप मिशिगन विश्वविद्यालय में आचार्य हैं .
बकौल आपके जिस रफ़्तार से भारतीय उप   -महाद्वीपीय  प्लेट खिसकती रही है वह रफ़्तार  बेशुमार तेज़ी के साथ   कम हो रही है .इस भारतीय  प्लेट का खिसकाव एक्स्पोनेंशियाली कम हो रहा है .
आपने उत्तरी भारत के खिसकाव की  प्रकाशित स्थितियों का गत ६.७ करोड़ सालों के काल क्रम में आकलन किया है .कन्वर्जेन्स रेट्स (अभिसरन की दर )का मूल्यानाकन किया है .दो प्लेटो का विभिन्न दिशाओं से आकर मिलना टकराना ,केंद्राभिमुख होना कन्वर्जेन्स कहलाता है .
इस प्रकार से हिमालयीन विकास अपनी परिणति को प्राप्त हो संपन्न हो जाएगा .
The convergence will halt -putting an end to one of the longest periods of mountain -building in recent geological history -in about 20 million years,she estimated .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
सूखे हुई खूबानी मैग्नीशियम का बेहतरीन स्रोत हैं .मैग्नीशियम स्ट्रेस बस्टर  (तनाव शैथिल्य ) का काम करता है .पेशियों को भी तनाव मुक्त  रखता  है .शिथिल         करता है .

Dried apricots are a source of magnesium ,which is a stress releaser and helps relax your muscles. 
गुणकारी    है    केला    :पोटेशियम  और  मैग्नीशियम  का  प्रचुर  भण्डार   रहता  है  केले  में  .हमारे  निद्रा - लीं  होने  पर  यह  ब्लड  प्रेशर  को  कमतर (Lower) रखता  है   .
Bananas are rich in potassium and magnesium which help lower blood pressure while sleeping.
नुश्खे सेहत के :
ऊंची एडी पहनने का एक  और खमियाजा उठाइएगा ?

'Stilleto heel ' एक फेशनेबुल फुट वीयर ही नहीं 'सेक्सी' भी है .लेकिन यह महिला के शरीर को भी कम क्षत विक्षत नहीं करती है .
'Ingrown toenails' की भी वजह बनती है .कई मर्तबा इस स्थिति में शल्य ही समाधान रह जाता है .यहाँ तक की पूरा नाखून ही निकालना पड़ता है .फेशन फुटवियर  ही उत्तरदाई हैं इस स्थिति के लिए क्योंकि पैर का पूरा पंजा ही कुचला जाता है इस सेक्सी चीज़ से .
It is because toenails occur when the toes are compressed too much forcing the toenail to grow into the skin .
यही  स्थिति  कहलाती है 'इन ग्रोन टो नेल्स 'जब नाखून की बढ़वार चमड़ी के अन्दर की ओर होने लगती है .अनेक बार संक्रमण  कारी सिद्ध होती है .ऐसे में सर्जरी ही समाधान बचता है . 
राम राम भाई !  राम राम भाई !
चिर युवा बनाए रह सकता है दिमाग को मछली का सेवन .साइंसदानों के मुताबिक़ जिन लोगों की खुराक में ओमेगा थ्री फेटि एसिडों की कमी बेशी पाई जाती है उन लोगों की  बोध सम्बन्धी क्षमताओं में ह्रास, मेंटल डिक्लाइन और दिमागी सिक्डाव(brain shrinkage) अपेक्षाकृत जल्दी होने लगता है .
Fish oil can help keep brain young ,cut shrinkage/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB29,2012,P19.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ केलिफोर्निया ,लोस एन्ज़िलीज़ के रिसर्चरों के अनुसार जिन लोगों की खुराक में ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स की न्यूनतम मात्रा रहती है उनमे ब्रेन मॉस भी इतना कमतर रहता है जो कालक्रम में दो साला एजिंग के समतुल्य तो होता ही है .मालूम हो ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स मछली में पाए जाने वाला प्रमुख घटक है .इसीलिए मछली का तेल स्वास्थ्य के लिए अच्छा बतलाया गया है .
साइंसदान पहले से जानते हैं ,ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स का निम्नतर स्तर ही विज्युअल मेमोरी ,प्रोब्लम सोल्विंग ,मल्टी टास्किंग और एबस्ट्रेक्ट थिंकिंग में आपको पिछाड़ी बना देता है .लो स्कोर्स मिलतें हैं आपको .
समझा जाता है मच्छी के तेलों में पाया जाने वाला ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स न सिर्फ दिमागी विकास और स्नायु कोशिका (नर्व सेल री -जेनरेशन )में सहायक सिद्ध होता है ब्रेन इन्फ्लेमेशन को भी कम करता है .
जर्नल 'न्यूरोलोजी '  में प्रकाशित इस ताज़ा अध्ययन के अनुसार रिसर्चरों ने १५०० लोगों के ब्रेन स्केन लिए हैं जिनकी औसत उम्र ६७ बरस रही है .इनमे से उन लोगों के दिमाग में सिक्डाव(ब्रेन श्रीन्केज )ज्यादा मिला जिनमें DHA(docosahexaenoic acid) का  स्तर घटा हुआ था .
DHA ही वह ओमेगा थ्री फेटि एसिड है जो नर्व सेल्स के परस्पर संवाद को कामयाब बनाता है .
जिन लोगों के खून में ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स का स्तर कमतर बना रहता है इनमें ब्रेन वोल्यूम भी कम रहता है .इनका दिमाग कम जगह घेरता है क्योंकि इसका आयतन कमतर रहता है .यह आयतन की कमीबेशी दो साला संरचनात्मक दिमागी उम्र दराज़ होने (स्ट्रक्चरल एजिंग )के समतुल्य होती है जहां उम्र के साथ दिमागी आयतन कम होता है सिक्डाव आता है आयतन में . 
नुश्खे सेहत के कुछ और हाज़िर हैं चुन तो लें :
स्वाद स्वाद में बचिए स्ट्रेस से .
सुस्वादु मच्छी  :तनाव को हाशिये  पर  रखने  के  लिए  अपनी  खुराक में शामिल कीजिये ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स .ये आवश्यक वसाएं (वसीय अम्ल )स्ट्रेस हारमोन मध्यम/मझौले   स्तर पर (न बहुत कम न बहुत ज्यादा )बनाए  रहतें   हैं .अवसाद   से आपको  बचाए  रहतें  हैं .इन्हें   प्राप्त    किया    जा  सकता  है हफ्ते  में दो  बार  मच्छी अपनी खुराक में शामिल करके .एक  बार की  खुराक में इसकी  मात्रा      85 ग्राम   ज़रूर  रहे  .जो  लोग  मच्छी नहीं खाते   वह  एक मुठ्ठी  अखरोट    की गिरी   (मुठ्ठी  लालच  में आकर नहीं भरनी है सामान्य तौर  पर जितने  अखरोट  एक बार में आजायें ,उतने काफी हैं ).
फिश आयल सम्पूरण भी स्तेमाल कर सकतें हैं .लेकिन खाद्य पदार्थों से इनकी प्राप्ति सबसे उम्दा रहती है .
ब्लेक टी :
   एक ब्रितानी रिसर्च के अनुसार छ :सप्ताह  तक  जिन सब्जेक्ट्स को रोजाना चार कप ब्लेक टी पीने को दी गई उनमे स्ट्रेस हारमोन कोर्टिसोल का स्तर नीचे  आगया.दिमाग खपाऊ स्त्रेस्फुल काम काज के बाद ये ज्यादा आराम से और रिलेक्स्ड देखे गए बरक्स उनके जिन्हें ब्लेक टी नहीं दी गई थी और वही मगज खपाऊ  काम करवाया गया था .
अन्य अध्ययनों में ब्लेक टी को चुस्त दुरुस्त रखने वाला बतलाया गया है .सलाह दी गई दिन भर मेंटली एलर्ट बने रहने के लिए ब्लेक टी लीजिये .
आवोकाडोज़:इसके गूदे में भरा हुआ है पोटेशियम और एकल अ -संतृप्त वसाएं .ये दोनों ही पुष्टकार तत्व ब्लड प्रेशर घटाने में विधाई भूमिका निभातें हैं .एकल अ -संतृप्त वसाएं अवसाद को दूर रखने में मददगार रहतीं हैं .
स्पेन में किये गए एक ११ साला अध्ययन में जिन लोगों की खुराक में अधिक म्युफा (मोनो -अन -सेच्युरेतिद फेटि एसिड्स )था उनमे अवसाद ग्रस्त रहने की संभावना भी उतनी ही कमतर देखी गई .
अलावा इसके चित्त को शांत रखने के लिए सिलेरी और गाज़र साबुत खाइए चबा चबा के कुतर कुतर के .जबड़े की जकरण   कम होगी तनाव भी कम होगा .
Munching celery ,carrot sticks ,and other crunchy foods can help relax a clenched jaw and ward off tension.
दूध      का सेवन        भर पूर        केल्शियम     मुहैया     करवा    सकता     है .'पूर्व     मासिक    संलक्षणों '   से महिलाओं    को राहत     दिलवा   सकता है .दूध    में मौजूद    केल्शियम   .बे   -चैनी  भी कम कर सकता है .

Drink milk :Calcium may help ease anxiety and mood swings linked to pre-menstrual syndrome.

     

12 टिप्‍पणियां:

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

महत्वपूर्ण लेख...
हार्दिक बधाई..

SANDEEP PANWAR ने कहा…

वीरु जी गजब का लेख बेहद ही ज्ञान से भरी हुई जानकारी है। आप एक ही लेख में कई-कई बिन्दु समेट लेते है, इससे बाद में हमें कुछ तलाश करना हो तो परेशानी बढ जाती है। अत: आप कोशिश करिये एक लेख+(शीर्षक) में एक ही विषय रखा जाये। रही बात मुट्ठी की तो मेरा एक से क्या होगा?

रविकर ने कहा…

बढ़िया विश्लेषण ।।
आभार ।।

अशोक सलूजा ने कहा…

वीरू भाई, नमस्कार !
तू जो नही है ....तो कुछ भी नही है !!!
ये माना के महफ़िल जवां है हसीं है||
आभार!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

मानसिक आघात जीवनक्षयकारी होता है..

Arvind Mishra ने कहा…

महत्वपूर्ण जानकारी!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
रंगों के त्यौहार होलिकोत्सव की अग्रिम शुभकामनाएँ!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

वीरू भाई जी,...गजब,ज्ञान की बाते बताई..
जानकारी देता उपयोगी आलेख

भूले सब सब शिकवे गिले,भूले सभी मलाल
होली पर हम सब मिले खेले खूब गुलाल,
खेले खूब गुलाल, रंग की हो बरसातें
नफरत को बिसराय, प्यार की दे सौगाते,

NEW POST...फिर से आई होली...

Rakesh Kumar ने कहा…

वाह! जी वाह! इतनी सारी जानकारी.
केला खाएं सोते समय ब्लडप्रेशर घटाए.
पर जिनका ब्लड प्रेशर कम हो तो क्या
वे भी केला खूब खाएं.

शानदार जानकारी के लिए आभार.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

राम राम भाई.

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

बहुमूल्य जानकारी।
किशोरावस्था सजग रहने की अवस्था है।

babanpandey ने कहा…

very ex plaintive post... going deep... it will be better for us to take a print... and keep it always..
i m thankful to you for visiting my blog .

Aruna Kapoor ने कहा…

बहुत उपयोगी और विस्तृत जानकारी यहाँ आपने दे है....धन्यवाद!...होली की ढेरों शुभ कामनाएं!