मंगलवार, 27 मार्च 2012

बड़े दिमाग वालों के होतें हैं ज्यादा दोस्त .

कितनी दूर तक निभाते हैं आप दोस्ती ?क्या शोहरत है आपकी दोस्तों में, दोस्ती निभाने में बतलायेगा आपके दिमाग का साइज़ (आकार ).ऑक्सफोर्ड विश्व -विद्यालय के माहिरों ने आपके दोस्तों की संख्या और आपके मष्तिष्क के आकार के बीच परस्पर एक अंतर -सम्बन्ध की पुष्टि की है .
Brain size linked to how many friends you have /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,MAR26,2012,P15.
आँखों  के ठीक ऊपर दिमाग का एक हिस्सा होता है ' दी ओर्बिटल प्री -फ्रन्टल -कोर्टेक्स 'यह हिस्सा उन लोगों में अपेक्षाकृत ज्यादा बड़ा पाया गया है जो यारों के यार है और ज्यादा लोगों से जिनका याराना है .
'दी प्रोसीडिंग्स ऑफ़ दी रोयल सोशायटी  बी जर्नल 'में यह सारा मामला (इस अध्ययन की रिपोर्ट )छपी है .पता चला है एक से ज्यादा दोस्त बनाए रखने में एक से ज्यादा ही बोध सम्बन्धी संज्ञानात्मक सेटों को सुचारू रूप दक्ष रखने की कायम किये रहने की ज़रुरत पड़ती है .
इस हुनर  को यूं कहिये हुनरों को ,इन  स्किल्स को  एक नाम दिया गया है-मेंट -लाइज़िंग   या फिर माइंड रीडिंग .यानी आपमें सामने वाले के दिमाग में क्या चल रहा है वह जान लेने का अतिरिक्त कौशल .
और यह वैयक्तिक क्षमता दिमाग के ख़ास हिस्सों के आकार से ताल्लुक रखती है .खासकर दिमाग  का एक हिस्सा फ्रन्टल लोब इस काम को अंजाम देने की योग्यता से सम्बद्ध समझा गया है .
Frontal lobe is the front part of each hemisphere of the brain.It is the anterior part of each ce -rebral hemisphere (cerebrum),extending as far back as the deep central sulcus (cleft) of its upper and outer surface .Immediately anterior to the central sulcus lies the motor cortex ,responsible for the control of voluntary movement ,the area further forward -the prefrontal lobe -is concerned with behaviour ,learning ,judgment and personality.
लेबल :बड़े दिमाग वालों के होतें हैं ज्यादा दोस्त .दिल दिमाग और दोस्त ?
राम राम भाई !  राम राम भाई ! राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के बनामपाक कला :
  सलाद ड्रेसिंग के लिए हंग कर्ड  या चक्का दही का स्तेमाल कीजिये .चक्का दही तैयार करने के लिए लो फेट या लाईट मिल्क (सपरेटा दूध ) बाज़ार    से खरीद कर जामुन(तोड़   ,खट्टा  )      लगाके   ज़मा  दीजिये  .इस प्रकार तैयार दही को मलमल के महीन कपडे में गांठ बाँध के चार घंटे तक लटका रहने दीजिए .और ड्राई करना है तो इसे वजन से दबाकर छोड़ दीजिये .अब इसे फैंट कर सलाद पर  बुरक दीजिये .यही है चक्का या हंग कर्ड .
कुकिंग टिप्स :
(इसे नुखा -ए -सेहत न  समझा जाए  ,स्वाद     खोरों    के   लिए   है     यह      ):
रेड  मीट  को पकाने के बाद उसे कमरे के ताप पर ही रखा रहने दे .ज्यादा जूसी हो जाएगा ,जूस समान रूप से वितरित हो जाएगा .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
गर्भ धारण के मौके बढ़ाती है गर्मागर्म चाय .गर्भ धारण के मौके बढ़ाती है गर्मागर्म चाय .यह कमाल है उस एंटी -ओक्सिडेंट का जो चाय में पसरा रहता है .बोस्टन विश्वविद्यालय के रिसर्चरों के अनुसार जो महिलायें नियमित चाय का सेवन करतीं हैं उनके गर्भधारण करने के मौके २७ %बढ़ जातें हैं बरक्स उनके जो चाय कभी पीती ही नहीं है .चाय में मौजूद एंटीओक्सिडेंट तत्व प्रजनन  क्षमता गर्भ धारण क्षमता ,गर्भाधान की संभावना को बढाता है .
दूसरी तरफ इसी अध्ययन से यह भी इल्म हुआ है दिन में  रोजाना दो मर्तबा फजी ड्रिंक्स पीना गर्भधारण के मौके कम कर देता है .  इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप डाईट  सोडा पी  रहें  हैं या  रेग्युअल्र शक्कर संसिक्त  सोडा .
रोजाना दो मर्तबा कथित सोफ्ट ड्रिंक्स पीने  वाली महिलाओं के लिए गर्भ धारण के मौके (संभावना )२० %कम हो जाती है अन्यों के बरक्स जो इनके चस्के से दूर ही  रहतीं हैं .
जिनकी वरीयता में कोफी पीना शामिल है उनपर कोई असर नहीं पड़ता देखा गया है इस अध्ययन में .गर्भ धारण के मौके संतान चाहने वाली ऐसी महिलाओं के लिए न कम होतें हैं ,न बढ़ते हैं .
३६०० ऐसी महिलाओं का गहन विश्लेषण करने के बाद जो गत एक बरस से बच्चा चाह रहीं थीं ये निष्कर्ष निकाले गएँ हैं .
ये महिलायें चाय कैसे पीती थीं लेमन के साथ या दूध के रिसर्चरों को इसका इल्म नहीं है अलबत्ता दिन में दो या तीन बार चाय का सेवन करने वाली संतान की इच्छुक महिलाओं के लिए गर्भधारण के मौकों में २७%इजाफा देखा गया .बेशक कुछ और चीज़ें भी इनकी जीवन शैली में शरीक रहीं हो सकती है .मसलन अपेक्षाकृत ज्यादा उम्र की थीं ये संतान  चाहने वाली और चाय पीने वाली महिलायें बरक्स उनके जो चाय पीती ही नहीं थीं .   

12 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

अच्छी जानकारी विरुभाई |

Aruna Kapoor ने कहा…

बढ़िया जानकारी दी है आपने!

Maheshwari kaneri ने कहा…

वीरू भाई..बहुत बढ़िया जानकारी देने के लिय आभार.....

SANDEEP PANWAR ने कहा…

ऐसा है?

कुमार राधारमण ने कहा…

दोस्तों की संख्या का ज़्यादा होना इस बात का प्रतीक है कि आप मिलनसार हैं,अच्छे प्रबंधक हैं,संजीदगी आपकी रग में है और संबंधों की अहमियत आपके लिए बेहद है।

babanpandey ने कहा…

दोस्ती टूटती क्यों है ... इस पर भी लिखें

डॉ टी एस दराल ने कहा…

वाह ! बहुत बढ़िया जानकारी ।
दिमाग के इस हिस्से को बड़ा करने का क्या तरीका है veerubhai जी ? :)

virendra sharma ने कहा…

डॉ .दराल आपसे यारी रखनी पड़ेगी

virendra sharma ने कहा…

बे -वफाई की भी होती है एक खानदानी दे ,जीवन इकाइयां ,जीवन खंड ,जींस .वफा के बदले मिलती है ऐसेमें जफा .सम्बन्ध न टूटें तो क्या हो .?

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Aaj ke chay ke khas nuskhe to vishesh Varg ko dhyan rakh ke likhe hain ...
Aur Ab to dimag ke us hisse ko dekhna padega pahle kitne yaar hain apne ....

Ram Ram Ji ....

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अब जाकर समझ में आया कि हमारे दोस्त इतने कम क्यों हैं।

virendra sharma ने कहा…

प्रवीण पांडे साहब मज़ाक अच्छा कर लेतें हैं आप खुद के साथ .इसे ही कहतें हैं खुद्दारी .हमारे एक दोश्त हैं वह खुद का ही मज़ाक उड़ाते रहतें हैं औरों का पूरा ख़याल रखतें हैं प्रेमसे लबालब रहतें .