शनिवार, 28 जनवरी 2012

नुश्खे सेहत के ,विज्ञान समाचार और बहुत कुछ .

नुश्खे सेहत के ,विज्ञान समाचार और बहुत कुछ .
रेड बेल पेपर (लाल शिमला मिर्च )में सिलिकोन की भरमार (बाहुल्य )रहता है जो जोड़ों के किस्म किस्म के दर्द ,गठिया में चढ़ आई सूजन को कम करता है .
Because of its high silicon content red peppers reduce arthritic swelling .
अंकुरित दालें सोडियम बहुल हो जातीं हैं .यह पाचन में ज़रूरी (मददगार )सिद्ध होती हैं .
Sprouted pulses show an increase in sodium ,essential to the digestive system.
विज्ञान समाचार :
अमरीकी अन्तरिक्ष संस्था 'नासा 'की  ग्रहअन्वेषी (ग्रह टोही) अन्तरिक्ष दूरबीन ने ११ नए ग्रह मंडलों (Planetary systems)का अन्वेषण किया है .इनमे से एक ग्रह मंडल (सौर मंडल से परे अन्य सौर मंडल पढ़ें इसे )के पांच ग्रह  हैं यह अपने पितामह  सितारे (Parent star) की परिक्रमा नज़दीक से कर रहें हैं .यह दूरी उस दूरी से कम है जिस दूरी से बुद्ध ग्रह सूर्य की परिक्रमा कर रहा है .
इस प्रकार सौर मंडल के पार ,अन्वेषित ग्रह प्रणालियों की संख्या बढ़कर अब ७२९ हो गई है .इनमे से ६० का अन्वेषण केप्लर टीम ने ही  किया है .
अब आज का नीतिपरक दोहा :
  कबहूँ प्रीती न जोड़िये  ,जोरि तोरिये नाहिं ,
  ज्यों तोरे जोरे बहुरि ,गाठिं परत मन मांहि.
वृन्द कवि का यह नीतिपरक दोहा -
रहीम के निम्न दोहे का ही विस्तार भाव है -
रहिमन धागा प्रेम का ,मत तोड़ो चटकाय ,
टूटे से फिर न जुरे ,जुरे गांठ पड़ी जाय .
अब कोई झंझट नहीं होती न धागा जुड़ता है न टूटता है .रोबोटीय(कामकाजी )हो गए हैं सम्बन्ध .
शायर के इस शेर की तरह मौजूं -
मोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .





9 टिप्‍पणियां:

अशोक सलूजा ने कहा…

लगता है ...हिंदी लिखने की समस्या दूर हो गई है आज की सेहत का नुस्खा ....और दोहा .....और सब से बड कर आज का शे'र ....
वाह:
मोहब्बत में कोई मुसीबत नहीं है ,
मुसीबत तो यह है मोहब्बत नहीं है .
(आज की महोब्बत ,मुसीबत साथ लती है :-))))
राम-राम !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सिलिकॉन वैली और शिमला मिर्च..

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

सुंदर कॉकटेल।

डॉ टी एस दराल ने कहा…

बढ़िया शेरो शायरी से सुसज्जित सेहत समाचार ।

Dr Ved Parkash Sheoran ने कहा…

मुसीबत है मोहब्बत नहीं है .

Shanti Garg ने कहा…

बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
बसंत पचंमी की शुभकामनाएँ।

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

मैंने सुना है कि आजकल मोहब्बत और मुसीबत में ज्यादा अंतर नहीं होता।

virendra sharma ने कहा…

मैंने सुना है कि आजकल मोहब्बत और मुसीबत में ज्यादा अंतर नहीं होता।
जब सुना है तो ठीक ही सुना होगा .लोग झूठ तो बोलते नहीं हैं

बेनामी ने कहा…

बहोत अच्छे ।

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