यौन संबंधों के दीर्घ स्वास्थ्य के लिए प्रेम मिलन के बाद का प्रेम प्रदर्शन ज़रूरी है .
यौन संबंधों के सुदीर्घ स्वास्थ्य के लिए प्रेम मिलन के बाद का प्रेम प्रदर्शन ,प्रेमी द्वारा प्रेमिका को गले लगाके प्रेम का इज़हार करना उसके बालों में ऊंगली फिराना किसी और विध प्रेम जतलाना ,यौन संबंधों के दीर्घावधि स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी पाया गया है .
अक्सर यौन क्रिया भुगताने के बाद पुरुष पहले सो जाता है वह भी अक्सर दूसरी तरफ करवट लेके प्रेमिका से मुंह मोड़के .जबकि यही वह लम्हे हैं जब महिला असुरक्षित महसूस करने लगती है .उसे तो प्रेम मिलन के बाद लाड दुलार चाहिए .
दोनों की संवेगात्मक ज़रूरीयात भिन्न रहतीं हैं .पुरुष अकसर दौड़ के शिखर छू लेता है .और फिर उसी अंदाज़ में नीचे भी उतर आता है शिखर से .जबकि महिला एक विस्तृत सुदीर्घ समतल पठार पर बनी रहती है काबिज़ रहती है .
उत्तर मैथुन चुम्बन आलिंगन उसे शांत करता है .प्रेम वार्ता उसे आश्वस्त करती है .एक सुरक्षा का बोध कराती है .यौन संबंधों की बेहतरी के लिए भी ज़रूरी है यह उत्तर मैथुन प्रेम संवाद .मिलन मनाने के बाद के खाली पन को यह भाव से संपूरित करता है .यही लब्बोलुआब है एक ताज़ा रिसर्च का जिसे मिशिगन विश्वविद्यालय के शोध कर्ताओं ने संपन्न किया है .उत्तर मैथुन प्रेम प्रदर्शन परस्पर प्रति -बद्धता का सूचक बनके आता है .अध्ययन में ४५६ लोगों का जायजा लिया गया .जाना गया जोड़ों का सोने का अंदाज़ .
पता चला पुरुष बाद मैथुन जल्दी ही घोड़े बचके सो जातें हैं .तुरता भोजन की तरह सेक्स को निपटा देतें हैं .पिलो टाक्स कितना ज़रूरी हैं परस्पर प्रेम की अनच को बनाए रखने के लिए इन्हें नहीं मालूम .औरत सुनना चाहती है बाद मैथुन मर्द कहे -
सत्य ही रहता नहीं ये ध्यान ,तुम ,कविता ,कुसुम या कामिनी हो .
और यह भी -
रूप की आराधना का मार्ग आलिंगन नहीं तो और क्या है ,
स्नेह का सौन्दर्य को उपहार रस चुम्बन नहीं ,तो और क्या है ?
सन्दर्भ -सामिग्री :-
POST -SEX PILLOW TALK HEALTHY FOR RELATIONSHIPS/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI,JANURAY 25,2012
6 टिप्पणियां:
जानकारी देता उपयोगी पोस्ट,..बहुत बढ़िया,....
WELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
excellent post
Indians need sex education.
क्या कहने :) मेरी हार्दिक इच्छा है वीरू भाई एक उत्तर कामसूत्र की रचना अब आपके जीवन का उच्च ध्येय बन जाये ..,..एक और वात्स्यायन का लाभ सिगरी मानवता को मिल जाय ....
गंभीर विषय...उत्तम प्रस्तुति!
मिश्र जी से हम भी सहमत हैं भाई जी । :)
काम की बातें।
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