रविवार, 15 जनवरी 2012

क्या है फिमेल सेक्स्युअल अराउज़ल डिस -ऑर्डर ?

क्या है फिमेल सेक्स्युअल अराउज़ल डिस -ऑर्डर ?
Frigid jones's diary
There is a scinetific explanation for the alleged 'headache ' women use with their 'honey '.Female Sexual Arousal Disorder '(FADS) Commonly plagues sex lives and is just as easily resolved .Here is how?/YOU/HEALTH TIPS /MUMBAI MIRROR /JANUARY 13 ,2012 ,P27.
कई महिलाओं को निन्दात्मक रूप में अनादर पूर्वक एक तमगा दे दिया जाता है फ्रिजिड होने का .क्या है महिलाओं में वह यौन उत्तेजन सम्बन्धी विकार 'Female sexual Arousal Disorder '(FSAD) जिसके लिए कहीं न कहीं किन्ही न कंही अंशों में पुरुष भी जिम्मेवार रहता है .
बेशक यह बहु -आयामीय समस्या कितनी ही महलाओं में व्याप्त है लेकिन इसका बाकायदा आसान समाधान भी है .
बकौल डॉ राजन भोंसले इस समस्या के कई चरण और आयाम या स्तर मौजूद रहतें हैं -
(१)सेक्स के बारे में गलत जानकारी होना इसका एक पक्ष है .मानसिक स्तर तक सीमित है यह पहलू .
(२) दूसरा एक किस्म का यौन फोबिया है जो पुरुष के प्रवेश लेने से जुड़ा है (फोबिया ऑफ़ पेनीट्रेशन )जो इस धारणा और सुनी सुनाई से जुदा है कि मैथुन एक पीडादायक अनुभव है ,सहवास के दौरान रक्त स्राव होता है .यही ख्याल पस्त और हताश बे -चैन कर देता है महिला को .
(३) vaginismus: vaginismus is a painful spasm of the muscles surrounding the vagina ,usually in response to the vulva or vagina being touched .Sexual intercourse may be impossible ,and the condition may be associated with fear of or aversion to coitus .
It is a painful and often prolonged contraction -where there is optimum desire and arousal but just as penetration is about to happen ,there is an involuntary spasm which interferes with intercourse.

डॉ राजन भोंसले यौन चिकित्सा के माहिरहैं .आप Department of Sexual Medicine,के. ई .एम्. अस्पताल ,मुंबई में विभागाध्यक्ष हैं .आप जी एस मेडिकल कोलिज से भी सम्बद्ध हैं .बकौल आपके ज्यादातर समस्याओं के मूल में एक तरफ गलत सूचना का महिला के पास होना दूसरी तरफ जीवन साथी का एक तरफ़ा उतावला पन रहता है .धैर्य का अभाव रहता है साथी में .
कई मर्तबा अतीत की छवियाँ भी तंग करतीं हैं जैसे बेटी द्वारा माँ का यौन शोषण पिता द्वारा उसके बालपन में , कमउम्र में देखा जाना .
हारमोन असंतुलन भी इस यौन व्यवहार विकार की वजह बनता है .
माहिरों के अनुसार मर्द का अनाड़ीपन भी आड़े आता है .मनोविज्ञानी एवं यौन सलाहकार डॉ संजय मुखर्जी कहतें हैं अरेंज्ड मेरिज़िज़ में भी यह समस्या देखने में आई है .औरतों को उनके मर्द का अनाड़ीपन रास नहीं आता .जहां मर्द बस सुरक्षा कवच धारण करके बस कुरुक्षेत्र के मैदान में कूदना ही जानता है . मैथुन पूर्व चुम्बन आलिंगन मान मनोवल क्या होती है उसे नहीं मालूम रहता है .
अकसर मैथुन पूर्व प्रेमालाप इस समस्या की जड़ में रहता है . इसी गफलत में कई मर्तबा साल दो निकल जातें हैं और गाडी प्लेटफोर्म पर ही खड़ी रहती है .प्रेम मिलन समागम हो ही नहीं पाता .ऐसा भी होता है माहिरों के अनुसार जहां महिला को फोरप्ले तो भाता है लेकिन पुरुष के दाखिल होने से ठीक पहले एन वक्त पर वह ठिठक कर अलग हो जाती है .इन मामलों में बचपन में महिला का यौन शोषण होना भी वजह बनता है .
लेकिन इन मामलों में यौन सलाह मशविरा एवं सम्मोहन चिकित्सा बड़ी कारगर सिद्ध होती है .ऐसे में पुरुष -परमेश्वर का सहयोग विधाई भूमिका निभाता है .
लेकिन सारे मर्द ऐसे होते नहीं हैं .
समस्या का एक और भी पहलू है जहां महिला पहल करती है समस्या को सुधारने की लेकिन मर्द राजी नहीं होता .उसे बस यंत्रवत अपने एक तरफ़ा 'काम' से मतलब है .ऐसे में रेस्पोंस कहाँ से मिले ?
कोई चाहकर भी इन मामलों में कुछ नहीं कर सकता .एक को तो पहल करनी ही होगी .समझना होगा प्रेमालिंगन फॉर -प्ले मैथुन पूर्व का ज़रूरी कार्य व्यापार है ,रोमांचक यौन -उत्तेजक अंग है ,जान है प्रेम मिलन की .
ज़रुरत है मर्दों को सलाह मशविरे की .औरतों की शरमो- हया उन्हें मार रही है .मर्द को पोस्ट प्ले क्या फॉर प्ले भी नहीं मालूम .एक ढूंढों हजार मिल जायेंगे ऐसे अनाड़ीऔर स्वार्थी .
बेशक आज ऑन लाइन भी बहुत कुछ उपलब्ध है तो भी ज़रूरी जानकारी के अभाव में कितने ही अँधेरे में एक तरफ तीर चला रहें हैं .लक्ष्य तक महिला को नहीं ले जा पारहें हैं . यौन शिखर तो उनके लिए अज्ञेय है अबूझ ही है .
खुद के साथ संवाद कीजिए-अपने शरीर के मिजाज़ और सेक्स्स्युँलिती के साथ साथ अपने साथी की ज़रूरीयात भी जानिए .बात कीजिए .टूटी हुई कड़ियाँ जोडिये .ये वो धागा है यौन -प्रीत का जो जोड़े से सहज ही जुड़ जाता है ,गांठ नहीं पड़ती .
सकारात्मक पहल के साथ FSAD का बा -कायदा इलाज़ है .वर्जना का क्षेत्र न बनाएं इसे,संवाद की सिटकनी को खोलें .बाकी रास्ते आपसे आप खुल जायेंगें .
बातचीत सलाह मशविरा एवं हारमोन संतुलन दोनों स्तर पर समाधान मयस्सर है .ज़रुरत पहल की है .महसूस करवाइए अपने साथी को आप उसे चाहतें हैं .उसे सराह्तें हैं .रोमांच और पुलक प्रेम मिलन सहवास का ज़रूरी हिस्सा है बाकी सब मशीनी है .ज़रुरत मानसिक अव -रोधों को गिराने ध्वस्त करने की है . संकोच और अज्ञान के दायरे से बाहर आइये .जीवन को आनंदमय ऊर्जावान बनाइये .यौन ऊर्जा जगाइए .बस चार से लेकर छ :सत्र चाहिए सेक्स्युअल क्लिनिक में .
RAM RAM BHAI !RAM RAM BHAI !
सेहत के नुश्खे :
HEALTH TIPS:
(1)रक्त संचरण को सुधारने एवं मेटाबोलिज्म (अपचयन ,शरीर द्वारा ऊर्जा खर्च करने की दर ) को बढाने के लिए नियमित नारियल पानी लीजिए .
Drink coconut water regularly to improve your circulation and increase metabolism.Metabolism is the sum of all the chemical and physical changes that takes place within the body and enable its continued growth and functioning .Metabolism involves the breakdown of complex organic constituents of the body with the liberation of energy ,which is required for other processes and the building up of complex substances which form the material of the tissues and organs from simple ones.
THE SERIES OF PROCESSES BY WHICH FOOD IS CONVERTED TO THE ENERGY AND PRODUCTS NEEDED TO SUSTAIN LIFE IS ALSO CALLED METABOLISM.
डकार और अफारा से राहत के लिए चाय की पत्ती के स्थान पर जीरे की चाय बनाकर पीजिए .
A cup of tea made from cumin seeds helps reduce flatulence .
Flatulence:It is an uncontrollable feeling caused by having too much gas in the stomach.and intestines.It is a sensation of abdominal distension .
आज का नीति परक दोहा -
तुलसी हाय गरीब की कभी न खाली जाय ,
बिना जीव के सांस से लौह भस्म हो जाए .
आपने देखा होगा लुहार की धौंकनी खाल की बनी होती है इसमें से सांस फूंकता है वह तो लोहा भी गर्म होके गल जाता है .ऐसे ही गरीब की हाय कभी खाली नहीं जाती अर्थात गरीब को सताना आगे चलके गुल खिलाता है भुगतना पड़ता है गरीब की बद्दुआ लगती है .दुआ लो उसकी बद्दुआ नहीं .३२ रुपया जीवन निर्वाह के लिए बतलाने वालों को इस मर्म को समझना चाहिए .
RAM RAM BHAI ! RAM RAM BHAI !
कौन है यह राष्ट्रीय बंदर ?
गांधीजी के पास तीन बन्दर थे सीख - देते बुरा मत देखो ,बुरा मत बोलो ,बुरा मत सुनो .हमारे पास इन दिनों एक ऐसा राष्ट्रीय बन्दर है जो एक साथ यह तीनों काम करता है .बुरा देखता है ,बुरा सुनता है बुरा बोलता है .आप अपनी अपनी समझ के मुताबिक़ कयास लगाएं और चुनाव पूर्व की इस वेला में उस बन्दर का नाम बतलाएं .

9 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

उपयोगी पोस्ट..

डॉ टी एस दराल ने कहा…

कुछ कुदरत सिखा देती है , कुछ नेट । :)

SANDEEP PANWAR ने कहा…

गजब करते हो, सब कुछ बता देते हो, कुछ बचा भी लिया करो, राम राम जी

Jeevan Pushp ने कहा…

आजकल तो ये शिक्षा नितांत हो गया है !
एक उपयोगी आलेख !
आभार !

Amrita Tanmay ने कहा…

ऐसी जानकारी जो जन-जन तक पहुँचनी चाहिए ..

दिगम्बर नासवा ने कहा…

राम राम जी ...
जो न जानो कम है ...

Patali-The-Village ने कहा…

एक उपयोगी आलेख|

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

गंभीर चिंतन। सुंदर पोस्ट।
बंदर का नाम..ना बाबा ना..राम राम।

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

bahut achchi jankari.