सोमवार, 28 नवंबर 2011

स्तन कैंसर की बढ़वार को मुल्तवी रखती है टाइप -२ डायबितीज़ की दवा मेटफोर्मिन .

टाइप -२ डायबितीज़ के प्रबंधन में स्तेमाल होती है एक दवा मेत्फ़ोर्मिन(Metformin ).खासी सस्ती है यह दवा लेकिन अपने असर में समझा जाता है यह ब्रेस्ट कैंसर की बढ़वार को लगाम लगा देती है .समझा जाता है यह दवा जो सेकेंडरी डायबिटीज़ के मरीजों को दाय्बेतिक कंट्रोल के लिए दी जाती है कुछ मानव निर्मित तथा कुछ कुदरती रसायनों को बाधित करती है जो ब्रेस्ट कैंसर ( स्तन कैंसर) की बढ़वार को हवा देते हैं .डायबितीज़ से सम्बद्ध कुछ कैंसरों में आम हैं स्तन ,अग्नाशय तथा यकृत कैंसर (ब्रेस्ट ,पेंक्रियाज़ तथा लीवर कैंसर्स ).डायबिटीज़ के मरीज़ के लिए इन कैंसरों के खतरे का वजन बढ़ जाता है .
डायबितीज़ के प्रबंधन में प्रयुक्त यह दवा इन कैंसरों का जोखिम घटा देती है लेकिन यह सब होता कैसे है यह अभी अनुमेय ही है .
यही कहना है बाल रोगों के माहिर तथा Michigan;s college of Human Medicine में बतौर प्रोफ़ेसर कार्यरत Trosko का .
Michgan state university के जामेस त्रोसको के अलावा साउथ कोरिया की सिओल युनिवार्सिती की एक टीम भी इस रिसर्च से जुडी रही है .इस आशय की साक्ष्य जुटाए गए हैं कि मेत्फ़ोर्मिन दवा इन कैंसरों के खतरे को कम किये रहती है .
LINKS TO THIS POST :SECONDARY DIABETES ,METFORMIN ,CANCERS .
सन्दर्भ - सामिग्री : Low-cost daibetes drug can reduce cancer risk/SHORT CUTS /TIMES OF INDIA ,MUMBAI /NOVEMBER ,28 ,2011,P17
RAM RAM BHAI !RAM RAM BHAI !
परिवास योग्य एक ग्रह पृथ्वी जैसा .
(Found :Planet that's just like Earth/Gliese May Contain Liquid Water And Even Life ,Say Scientists )/TIMES TRENDS /THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,NOVEMBER 28,2011/P17.
साइंसदानों ने दावा किया है बिलकुल पृथ्वी जैसा एक ग्रह खोज निकालने का जहां सिर्फ पानी ही नहीं जीवन भी हो सकता है .समझा जाता है वायुमंडल से लैस हो सकता है यह ग्रह अपने पर्याप्त गुरुत्व की वजह से ,परिवास योग्य भी .
इस भौमेतर ग्रह (exoplanet )को Gliese 581g कहा जा रहा है .हमारे अपने ग्रह पृथ्वी से इसकी दूरी १२३ ट्रिलियन मील बतलाई जा रही है .एक हज़ार अरब को एक ट्रिलियन या दस खरब कहा जाता है .और एक मील में होतें हैं १.६ किलोमीटर .यह अपने पेरेंट स्टार की परिक्रमा ठीक उतनी दूरी से कर रहा है जो इसके परिवास योग्य होने के लिए कॉफ़ी है .इसे Goldilocks zone कहा जाता है .पृथ्वी अपने पेरेंट स्टार सूरज से ठीक ठीक दूरी पर है और पर्याप्त गुरुत्व लिए है जो वायुमंडल को रोके रखे रहने के लिए कॉफ़ी है .यही परिवास योग्य क्षेत्र कहलाता है .जहां जीवन की संभावना बनी रहती है .
खगोली पिंडों के उद्भव विकास और भौतिक गुणों से सम्बद्ध एक विज्ञान पत्रिका astrophysical journal में यह नवीनतर शोध कार्य प्रकाशित हुआ है .प्रकाशित रिसर्च के अनुसार इस चर्चित ग्रह की सतह पर तरल रूप में द्रव रूप में पानी हो सकता है .यही संभावना इसे पृथ्वी की मानिंद परिवास योग्य ग्रहों और चन्द्रों के समक्षऔर समकक्ष ला खडा करती है .
इस शोध के अगुवा हैं केलिफोर्निया विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान और तारा -भौतिकी (Astrophysics) के आचार्य (Professor) Steven Vogt.
यह अनुसंधान ११ बरसों की तपस्या का नतीजा है .इस दरमियान लगातार निकटस्थ रेड ड्वार्फ स्टार Gliese 581 के प्रेक्षण लिए गए हैं .इस लाल बौने सितारे के गिर्द एक नहीं दो -दो ग्रहों को प्रेक्षण में लिया गया है .अब तक इसके गिर्द कुल मिलाकर छ :ग्रहों का पता चल चुका है .
हमारे सौर मंडल के बाहर यह छ :ग्रह अब तक की सबसे बड़ी ज्ञात संख्या में किसी सौर परिवार के सदस्य हैं . इन सबकी कक्षाएं करीब करीब वृताकार हैं .पृथ्वी की ही तरह सर्क्युँल्र ओर्बिट्स लिए हैं ये तमाम ग्रह .
इस ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी से तीन से चार गुना ज्यादा है .यह ३७ दिन में अपने पेरेंट स्टार की एक परिक्रमा कर लेता है यानी इस ग्रह पर एक वर्ष की अवधि ३७ दिन की बराबर है .इसके द्रव्यमान से भासित होता है यह चट्टानी प्रकृति का है ,सुनिश्चित आकार लिए है तथा प्रयाप्त गुरुत्व लिए है एक आवास योग्य वायुमंडल को थामे रखने के लिए .

2 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

नयी जानकारी -धन्यवाद !

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

जीव-जंतुओं के परिवास के लिए नए ग्रह की जानकारी अच्छी लगी।