घर की नीची छत तले घुटता है दम ,आसमां को ओढ़कर सोया करें .
जब आदमी नंगा हो जाता यही करता है .बिल्ली जब चूहे का कुछ नहीं बिगाड़ पाती तब खम्बा नोचने लगती है .इसके दो फायदे होतें हैं ,खम्बे का कुछ बिगड़ता नहीं बिल्ली की झेंप भी मिट जाती है .कपिल मुनि वाले एपिसोड पर स्वामी अग्निवेश कुछ भी कहते अन्ना जी के खिलाफ मीडिया मानता नहीं .मीडिया के सामने सीधे -सीधे अग्निवेश जीकुछ भी कहने का साहस ही जुटा न सके ,इसलिए अपनी झेंप मिटाने के लिए ,स्पष्टीकरण देने के लिए अब बिग बोस के बैनर तले आ रहें हैं .यही सोचकर कि यहाँ तो हर तरह का अच्छा बुरा आदमी आता है बहती गंगा में हाथ धोकर चला जाता है अग्निवेश जी भी चले आये .हमारा विचार है दिग्विजय सिंह जी को भी बुलाया जाना चाहिए जो शिज़ोफ्रेनिक बिहेवियर दर्शा समझा रहें हैं हिन्दुस्तान के आवाम को .
दोबारा पोलिटिकल डिसकोर्स में आने की सूरत तो रह जायेगी .वैसे तो सीधे -सीधे मीडिया के सामने कुछ कह नहीं सके अब यह बतलाने आ रहें हैं -"मैं इतना बुरा भी नहीं ,दिग्विजय सिंह जी की तरह मैं भी अन्ना जी की इज्ज़त करता हूँ .मैं तो अन्ना जी के गिर्द जमा गर्दो गुबार ही हटा रहा थादिग्विजय की तरह , जिनके गिर्द गलत लोग जमा हो रहे थे .हो रहें हैं .
मंगलवार, 8 नवंबर 2011
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2 टिप्पणियां:
सुन्दर प्रस्तुति.
जब घर में गर्मी अधिक होती है, हम तो छत में जाकर सो जाते हैं।
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