अहेतुक यौन सम्बन्ध युवतियों और किशोरियों में बढा रहें हैं सर्विक्स कैंसर के मामले .
जब से ब्रितानी समाज में सर्विक्स कैंसर की व्यापक स्क्रीनिंग शुरु हुई है तब से एक तरफ महिलाओं में सर्विक्स के कुल मामले एक तरफ लगातार कम हुए हैं लेकिन दूसरी तरफ अहेतुक यौन सम्बन्धों (केज्युअल सेक्स )के चलते युवतियों में ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है .
कम उम्र कमसिन युवतियों में अहेतुक यौन सम्बन्ध इस अप्रत्याशित वृद्धि की गत दो दशकों से एक बड़ी वजह बना हुआ है .इसी के चलते बीसम बीस साला युवतियों में १९९२ -२००६ के दरमियान कैंसर के मामलों में ४३ %इजाफा हुआ है .
बतलादें आपको -सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय गर्दन कैंसर ,गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर ) ह्यूमेन पेपिलोमा वायरस की उस स्ट्रेंन की वजह से होता है जो स्त्री -पुरुष मैथुन के दौरान अंतरित होता है .अहेतुक सेक्स के चलते
,20 -29 साला युवतियों में प्रत्येक हज़ार के पीछे सन १९९२ -२००६ की अवधि में सर्विक्स कैंसर की दर ५.५ से बढ़कर ७.९ हो गई .दूसरे शब्दों में इस उम्र की युवतियों में इस कैंसर के मामले इस बीच २१५ से बढ़कर प्रति हज़ार महिलाओं के पीछे २८३ तक पहुँच गए .
दूसरी और सर्वाइकल स्क्रीनिंग शुरु होने के फ़ौरन बाद में बरसों में सर्वाइकल कैंसर के मामले एक दम से कम हुए .लेकिन १९९० के दशक के लगते ही बीसम बीस साला युवतियों में ऐसे मामलों में वृद्धि भी दर्ज़ होती गई .
अध्ययन के अगुवा रॉबर्ट अल्स्टोंन इसकी पुष्टि करतें हैं .
इसी के साथ यौन संबंधों से संचारित होते रोगों में होने वाली बढ़ोतरी इस और इशारा करती है कि अधिकाधिक युवतियां असुरक्षित यौन सम्बन्ध बना रहीं हैं और वह भी एक से ज्यादा यौन सखाओं के संग .
Head of health information and evidence at Cancer Research UK के मुखिया Hazel Nunn जिन्होनें इस अध्ययन को अनुदान मुहैया करवाया है ऐसा ही मानतें हैं .
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