जो किरण बेदी जी का इतिहास जानना चाहते हैं .
जो किरण बेदी जी का इतिहास जानना चाहतें हैं उनके वंशज यदि खुशवंत जी के पिता से जिन्होनें भगत सिंह के खिलाफ गवाही दी थी से भिन्न नहीं है वह पहले अपनी पात्रता बतलाएं .जब यह मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री थे इन्होनें क्या किया था समाज की बेहतरी के लिए .जब अँगरेज़ इस देश पर शाशन करते थे इनके पिता क्या करते थे ?इनके दादा क्या करते थे ?क्या अंग्रेजों की मुखबरी करते थे ?इस व्यक्ति के जीवन खण्डों की,जीवन इकाइयों जींस की आनुवंशिक जांच होनी चाहिए ,कहीं देश द्रोह के बीज तो मौजूद नहीं हैं ?यदि हाँ तो हमें दिग्विजय सिंह जी से कोई शिकायत नहीं है उस पंडित से ज़रूर शिकायत है जिसने इस व्यक्ति का नाम दिग्विजय रख दिया .जिसे न सिर्फ दिशाओं का कोई बोध है जो दिशा भ्रमित भी है .
उस महिला जिसने अपने व्यक्तिगत खर्च में किफायत बरत के शेष पैसा सामाजिक संस्था को दे दिया खुद कोई लाभ न उठाया ,जो दिशा च्युत व्यक्ति उसकी तुलना राजा से करता हो जिसने २ जी स्केम करके न सिर्फ देश को चूना लगाया अपने सम्बन्धियों को लाभ पहुंचाया .उस व्यक्ति को अंग्रजों का मुखबिर का वंशज न समझा जाए तो क्या समझा जाए .
सोमवार, 24 अक्तूबर 2011
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14 टिप्पणियां:
दिगविजय को जूते जोर से मारा करो,,,,,यक नम्बर का कु,,,,कमी,,,, है
बहुत सुन्दर...दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं
Majority of people are blind !
दीपावली की मुबारक और शुभकामनाएँ!
कुत्ते के आगे से हड्डी खिस्काओगे तो यही कुछ होगा ...???
जानदार शानदार,,
उस पंडित को उसके पेशे से बेदखल कर देना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसा भ्रमित करने वाले नाम न रखे...
बाकि दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकार करें...
solution is just ignore ignore
and support and good people so strong
ऐसी घृणित बातों के लिए क्या कहा जा सकता है...?
** दीप ऐसे जले कि तम से संग मन को भी प्रकाशित करे ***शुभ दीपावली **
दीवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ
दीपावली के पावन पर्व पर आपको मित्रों, परिजनों सहित हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ!
दिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
बहुत ही खोजी खबर देते हैं आप।
वह तो नालायक ही है।
प्यार हर दिल में पला करता है,
स्नेह गीतों में ढ़ला करता है,
रोशनी दुनिया को देने के लिए,
दीप हर रंग में जला करता है।
प्रकाशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!!
बहुत सुन्दर वीरू भाई.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
आपकी मेरे ब्लॉग पर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार.
पर मुझे आपने 'डॉ. जाकिर'क्यूँ बना दिया जी.
राम राम भाई.
गज़ब की बात ... दिग्गी राजा को अपना इतिहास देखना चाहिए ... और सबसे पहले तो मीडिया को देखना चाहिए ... आगे लाना चाहिए ...
नयी संस्कृति के नये तरीके।
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