गुरुवार, 13 अक्तूबर 2011

यौन संबंधों के प्रति किशोर वृन्द का नज़रिया .

यौन संबंधों से पैदा वार्ट्स एवं अन्य खतरों के प्रति किशोर वृन्द की खबरदारी नदारद रहती है अलबत्ता धार्मिक आश्थायें और परमेश्वर का खौफ ज़रूर कई किशोर -किशोरियों को कॉफ़ी अंशों में बचाए रहता है .ज़ाहिर है यौन संचारी रोगों के प्रति चेतना भी आई तो इसी आश्था और भगवान् भरोसे आयेगी .विज्ञान सम्मत दृष्टि और नज़रिए के तहत नहीं .
सेहत से ताल्लुक रखने वाले आंकड़े जुटाने के लिए नियत एक संस्था National Center for Health Statistics के अनुसार धर्म भीरुता और धर्म से पैदा नैतिकता के भय को ही किशोर -किशोरियों के एक बड़े तबके ने सेक्स से छिटके रहने की सबसे बड़ी वजह बतलाया है .यौन संचारी रोगों की दुश्चिंता सेहत के प्रति खबरदारी इस परहेजी की वजह के रूप में सामने नहीं आई है .१५-१९ साला थे ये किशोर वृन्द .
२००२ में इससे पहले इस बाबत एक रिपोर्ट आई थी जिसके बरक्स इस मर्तबा टीन एज सेक्स में थोड़ी सी कमी ज़रूर आई है लेकिन यह कमीबेशी उतनी भी नहीं है क्योंकि गत दो दशकों में घटाव का यह ट्रेंड लगातार देखने को मिला है .ये तमाम आंकड़े Centers for Disease Control and Prevention’s national survey.ने प्रस्तुत किये हैं .
पता चला किशोर अपने पहले यौन तर्जुबे में अब अधिकाधिक कंडोम तथा किशोरियां Depo-Provera,की सुइयां तथा गर्भ -निरोधी पेचिज़ अपनाने लगीं हैं .आइये कुछ नतीजों पर गौर किया जाए .
(१)२००९ में बर्थ रेट ३९.१ थी १५ -१९ साला किशोरियों के लिए .यानी प्रति -एक हज़ार में से इतनी किशोरियां बिन ब्याहे माँ बन गईं थीं .
(२)१९८८ में यही बर्थ रेट ५३ थी .लेकिन गत दो दशकों में टीन बर्थ रेट्स कम ज्यादा होती रही है .
अब ज़रा कनाडा ,जर्मनी और इटली से अमरीकी टीन बर्थ रेट्स की तुलना करें जहां ये क्रमश :१४ ,१० और ७ प्रति हजार हैं .
अमरीकी परि-दृश्य की और लौट ते हैं जहां १५-१९ साला किशोरियों में से कुल ४३%ने एक मर्तबा मैथुन (योनी सम्भोग )ज़रूर किया है .इस उम्र की कुल २२८४ किशोरियों से इस बाबत पूछताछ की गई थी जो इस आयु वर्ग के लिए सबसे बड़ा सर्वेक्षण कहा जा सकता है .
बेशक गत २० बरसों में यह प्रतिशत (%) ५१ %से गिरकर ४३%पर आगया था २००६-२०१० की अवधि तक .
लातिनी मूल और गोरी युवतियों के बरक्स ऐसे यौन तजुर्बे के मामलों में काली लडकियाँ (अफ़्रीकी अमरीकी ) आगे रही आईं हैं .यह एक इतिहासिक तथ्य है .
२००२ में सेक्स तजुर्बा लेने वाली ऐसी ही काली लड़कियों के जहां ५७%मामले दर्ज़ हुए थे वहीँ अब यह %घटकर ४६ फीसद पर आगया है .
और इसी के साथ यह नस्ली अंतर भी तकरीबन पट गया है .
१५ -१९ साला किशोरों में ४२%मामले इस उम्र में पहले यौन तजुर्बे के दर्ज़ हुएँ हैं .
इस एवज २३७८ ऐसे किशोरों से पूछताछ की गई थी जो अविवाहित रहे आये थे .
किशोरों के मामले में नस्ली अंतर ऐसे अनुभवों का आज भी बरकरार है .जहां कालों में यह %३८ था ,वहीँ स्पानिक और गैर स्पानी मूल के गौरों के लिए यह ३० और २५ %था .
जहां ४१%किशोरियों ने यह माना कि धार्मिक एवं नैतिक वजहों से वह यौन सम्बन्ध बनाने से बची रहीं ,वहीँ किशोरों के मामले में यह अपराध बोध भावना केवल ३१%में पाई गई .
दूसरा बड़ा कारण लड़कों के मामले में सही यौन साथी का न मिल पाना तथा यह डर रहा कि कहींउनसे यौन सम्बन्ध बनाने से कोई लडकी गर्भवती न हो जाए और वह मुसीबत में फंस जाएँ .
एक चौंकाने वाला तथ्य यह रौशनी में आया कि अमरीका में यौन संचारी रोगों के कुल मामलों में से आधे मामलों की चपेट में १५-२४ साला लोग आतें हैं .
इनमे से २५%किशोर वृन्द और अपेक्षाकृत युवा लोग ही होतें हैं जबकी आबादी में इनकी कुल हिस्सेदारी ५०%रहती है .ऐसा खौफ नाक मंज़र है सेक्स्युअली ट्रांसमितिद दिजीज़िज़ का .
chlamydia and gonorrhea.यौन रोगों की दर १५ -१९ साला किशोरियों मेंsarvaadhik मिली है .
एकल माँ बाप की संतानों में यौन तजुर्बों की कुल भागेदारी ५३-५४%पाई गई है .
जिनका लालन पालन दोनों माँ -बाप के हाथों हुआ उनके यौन अनुभव रत होने की संभावना कम रही .
इनमे ऐसा तजुर्बा लेने की संभावना कुल ३५ %कम रही .ज़ाहिर है परिवार की बुनावट भी अपना रंग दिखाती है .
१४ साल से कम उम्र की १८ %किशोरियां अपनी मर्जी के खिलाफ ही सम्भोग रत हुईं .उनकी मर्जी थी नहीं ऐसा हो लेकिन ऐसा हुआ था .
इसके बरक्स ३०% चाहती थीं कि ऐसा हो इच्छुक थीं वह यौनिक मैथुन की .शेष लड़कियों की प्रतिक्रिया मिली जुली थी .
७८%ने पहली मर्तबा में गर्भ निरोधी उपाय आजमाया था इन उपायों में कंडोम भी थे हारमोन युक्त गर्भ -निरोधी तथा आपातकालीन गोलियां भी थीं ,पेचिज़ भी थे .
कंडोम की हिस्सेदारी ६८%तथा गोलियों की १६%रही .
लड़कों के मामले में ८५ %ने पहली मर्तबा के तजुर्बे में भी गर्भ निरोधी उपाय आजमाया .कंडोम सबसे ज्यादा लोकप्रिय साधन रहा ..
८६ %युवतियों ने माना हालिया भी ऐसे अनुभव में उन्होंने गर्भ निरोधी उपाय स्तेमाल किया था .
लोकप्रियता के shikhar पर कंडोम ही रहा .पिल्स और हारमोन युक्तियाँ इसके बाद आईं .
९३ %पुरुषों ने आखिरी बार भी गर्भ निरोधी उपाय अपनाने के बारे में बतलाया .ज़ाहिर है गर्भ -निरोधी उपाय दिनानुदिन अपनाए गएँ हैं .
टीन age sex एक hakeekat है .fact है fantasy नहीं .

6 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आवश्यक है।

रविकर ने कहा…

४१%किशोरियों ने यह माना कि धार्मिक एवं नैतिक वजहों से वह यौन सम्बन्ध बनाने से बची रहीं ||

सुन्दर प्रस्तुति ||
बधाई ||

अशोक सलूजा ने कहा…

लाभकारी जानकारी ...आवश्यक है !
वीरुभाई राम-राम !

Arvind Mishra ने कहा…

हकीकत या नैसर्गिक बात एक ही है

SM ने कहा…

condom is must and its good that more and more people are using it.

www.navincchaturvedi.blogspot.com ने कहा…

सुरक्षा मानकों को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए


गुजर गया एक साल