रविवार, 17 नवंबर 2013

भारत कठिन परिश्रम करने वाले लोगों को सम्‍मानित करता है: वैज्ञानिक सी एन राव

भारत कठिन परिश्रम करने वाले लोगों को सम्‍मानित करता है: 


वैज्ञानिक सी एन राव


 क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के अलावा भारत 


रत्‍न के लिए चुने गये वैज्ञानिक सी एन राव ने कहा कि मैं यह सुनकर 


आश्‍चर्यचकित हूं कि मुझे 


इस 


सम्‍मान के लिए चुना गया। उन्‍होने कहा कि भारत में कठिन परिश्रम 


करने वाले लोगों को सम्‍मान दिया जाता है लेकिन अगर आपमें कठिन 


परिश्रम और समर्पण के गुण 


नहीं हैं तो आपको यह सम्‍मान नहीं मिलेगा।

गौर हो कि राव अपने 60 साल के वैज्ञानिक करिअर में 60 से भी 


अधिक मानद पीएचडी हासिल कर चुके हैं। राव के अनुसार मुझे 


अंदाजा 


नहीं था कि यह सम्‍मान मुझे 


मिलेगा, मेरे ख्‍याल से यह सम्‍मान परमाणु वैज्ञानिक होमी भाभा को 


भी मिलना चाहिए। उन्‍होने कहा कि जब मैंने बनारस विश्‍वविद्यालय 


में विज्ञान पढ़ना शुरू किया था 


तो मुझे यकीन नहीं था कि मुझे इतनी ऊंचाईयां मिलेंगी, मैंने इसके 


लिए काफी कड़ी मेहनत की है। उन्‍होने अपने सम्‍मान का श्रेय अपनी 


पत्‍नी बच्‍चों और उन युवाओं को 


दिया, जो उनके साथ काम करते हैं।


राव का कहना है कि आज के दौर में विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा दिया 


जाना चाहिए, जैसा चीन ने किया है। चीन ने विज्ञान और संस्‍थान में 


निवेश किया है। राव ने यह बातें 


बैंगलोर हवाई अड्डे पर कही, वह तिरूअनंतपुरम से वापस आ रहे थे। 


राव ने कहा कि मुझे तिरूअनंतपुरम में इस बात की जानकारी मिली, मैं 


भारत के प्रधानमंत्री और 


उनकी सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं।


सचिन को भारत रत्‍न दिये जाने की बात पर उन्‍होने कहा कि 'मैं उन्‍हें 


इसके लिए बधाई देता हूं और कहूंगा कि वह महान क्रिकेटर हैं।'

China confers top science award on noted scientist Dr C N R Rao


Noted Indianscientist Dr C N R Rao has been conferred with China's top science award for hisimportant contributions in boosting Sino-India scientific cooperation.

Chinese Academy of Sciences (CAS) yesterday gave its 2012 Award for International Scientific Cooperation to three scientists from India, Germany, and Russia.


Rao, 79, founder of Jawaharlal Nehru Centre for Advanced Scientific Research (JNCASR), Bangalore, shared the 2012 award with Herbert Jaeckle of Germany's Max Planck Society and Russian space physicist G A Zherebtsov.

The awards are given every year by the CAS, which is China's top academic and research institution for natural sciences.

It has so far honoured 17 international scientists for their contributions in Sino-Foreign researchcooperation, since the prize was instituted in 2007.

Rao is devoted to the research of solid-state and structural chemistry. He was awarded for his important contributions in boosting scientific cooperation between China and India, as well as raising the scientific capabilities of

developing countries", state-run Xinhua news agency quoted CAS as saying in a statement.
Rao has won various prestigious awards. He is currently the Head of the Scientific Advisory Council to the Indian Prime Minister.

German scientist Jaeckle specialised in the fields of molecular developmental biology. He has actively promoted scientific cooperation between China and Germany, CAS said.

He has explored and put into practice approaches thatintegrate a Max Planck management modelwith the CAS's scientific research system, as well as set up an international team of researchers, it said.

Zherebtsov has actively promoted the construction of a Sino-Russian weather research centre and is currently working to get Russia involved in a CAS space science programme, the CAS said.


Scientist Dr C N R Rao

8 टिप्‍पणियां:

आशीष अवस्थी ने कहा…

आदरणीय सर , सर्वप्रथम तो क्षमा चाहता हूँ , अगर कहीं कुछ ज्यादा लिख दिया हो ,
बढ़िया काम के योग्य जानकारी , धन्यवाद

राजीव कुमार झा ने कहा…

भारत रत्न से सम्मानित दोनों विलक्षण प्रतिभाओं को बधाई !!

Anita ने कहा…

परिश्रम और लगन को मिला सम्मान भारत रत्न को महान बनाता है, सार्थक जानकारी !

रविकर ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति-
आभार भाई जी--

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बधाई ऐसे परिश्रमी भारतीयों को...... सार्थक पोस्ट

दिगम्बर नासवा ने कहा…

राव साहब को बधाई ... हाई टाइम है देश की दिशा बदली जाए ... अच्छे समाज और अच्छी राष्ट्र का निर्माण हो सके ...

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

बहुत ख़ूब! वाह!

Harihar (विकेश कुमार बडोला) ने कहा…

हां सम्‍मान दिया तो गया है, पर न जाने क्‍या-कया सोचकर।