शुक्रवार, 27 मई 2011

सिकिल सेल एनीमिया :प्रिव्लेंस .

अब तक आप पढ़ चुकें हैं ,सिकिल सेल एनीमिया रक्त का एक ऐसा विकार है जो विरासत में मिले एब -नोर्मल हिमोग्लोबिन से पैदा हो जाता है .एब -नोर्मल हिमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स को विकृत करके उन्हें हंसिया के आकार का बना देता है ,सिकिल्ड कर देता है .यह सिकिल्ड सेल्स बड़ी नाज़ुक हो जाती है इनमे रप्चर होने की प्रवृत्ति रहती है जब रप्चर होने इनके फटने -फूटने से इन की संख्या कम हो जाती हैं हिमोलिसिस हो जाती है एनीमिया हो जाता है .
यही कंडीशन सिकिल सेल एनीमिया है ।
प्रिव्लेंस :अमरीका में तकरीबन बीस लाख कालों में (ब्लेक पोप्युलेशन में )सिकिल सेल ट्रेट मौजूद है (यह कालों की आबादी का जन्म के वक्त ८ %बैठता है )।
जब दो सिकिल सेल ट्रेट वाले व्यक्ति (औरत -मर्द )परस्पर सम्भोग रत होतें हैं तब होने वाली संतान के लिए वन इन फॉर चांस(एक चौथाई ) सिकिल सेल एनीमिया का पैदा होजाता है ।
अफ्रिका के कुछ हिस्सों में पांच में से एक काला सिकिल सेल ट्रेट लिए हुए है ।
गत पोस्ट में आप सिकिल सेल ट्रेट के बारे में अलग से पढ़ चुकें हैं .जिन लोगों में एक जीन सिकिल सेलजीन हिमोग्लोबिन के लिए एक पेरेंट से दूसरा नोर्मल जीन दूसरे पेरेंट से मिलता है (यानी एब्नोर्मल हिमोग्ल्बिंन एक से तथा नोर्मल दूसरे से मिलता है )उनमें यह सिकिल सेल ट्रेट तो होता है सिकिल सेल एनीमिया रोग नहीं .ये आम तौर पर सामान्य ज़िन्दगी ही बितातें हैं ,कुछेक लक्षण ही इनमें होतें हैं लेकिन यह सिकिल सेल जीन अपनी संतानों को भी थमा देतीं हैं ।
१८७५ लोगों के पीछे एक अफ़्रीकी -अमरीकी सिकिल सेल एनीमिया से ग्रस्त है ।
(ज़ारी ...).

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