शनिवार, 6 मार्च 2010

छोटे गृह ही डायना-सौर के विनाश का कारण बने .....

मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच में छोटे ग्रहों की एक पूरी पट्टी है जो सूर्य की परिक्रमा कर रहें हैं .समझा जाता है यहीं कहीं से एक एस्टेरोइड (लघु ग्रह) निकल कर पृथ्वी की और गुरूत्व की डोर से बंधा चला आया .और एक बड़े भूभाग से रीढ़ धारी जीवों का सफाया हो गया .इनमे डायना -सौर भी शामिल थे ।

गत दशकों में डायना -सौरों के विनाश को लेकर अनेक कयास लगाए गए हैं .कई सिद्धांत चर्चित रहें हैं .अब लगता है साइंसदानों की एक आलमी टोली इनके विनाश को लेकर एक मत है ।

४१ विज्ञानियों की एक टोली ने गत दो दशकों की इस दिशा में की गई शोध का जायजा लिया है .विज्ञानी अब एक राय हैं ,अब से तकरीबन ६.५ करोड़ बरस पहले पृथ्वी के आधे से ज्यादा जीवों का सफाया हो गया था (के टी एक्सटिंक्शन यानी क्रीतेशस-तर्शरी एक्सटिंक्शन ).विज्ञानी एक और इस विनाश के लिए किसी लघु ग्रह के पृथ्वी से आ टकराने और दुसरी ओरडेकन ट्रेप (इंडिया )में ज्वालामुखी विस्फोटों को जो तकरीबन १५ लाख बरसों तक फटतेफूटते रहे .सुलगते रहे ।

"(पूरबी ओर पश्चिमी घाटों के बीच का त्रीकोनीय पठार डेकन कहलाता है .क्रीतेशिअस पीरियड में खडिया नुमा (चाक जैसी )चट्टाने बनी .६.५ -१४.४ करोड़ बरस पहले का यह भूगर्भ काल है जिसका सम्बन्ध मेसोज़िक काल के अंत से शुरू हुआ माना जाता है ।)

विज्ञान पत्रिका 'साइंस "में प्रकाशित इस (चर्चित )अध्धय्यन के अनुसार अब से कोई ६.५ करोड़ साल पहले मेक्सिको के "चिच्क्सुलुब"स्थान पर कोई १५ किलोमीटर चौड़ा एल अलघु ग्रह आ गिरा था .इसी के साथ व्यापक स्तर पर आगजनी ,भूकंप ,भूस्खलन जैसी आपदाओं ने हार्बर वेव्स (सूनामीज़ ) को ट्रिग्गर प्रदान किया ।

टक्कर के फलस्वरूप पूरी पृथ्वी को अँधेरे की चादर ने ढांप लिया .नागा साकी पर गिराए गए एटमी बम से एक अरब गुना ज्यादा विस्फोटक ऊर्जा इस लघु ग्रह के पृथ्वी के आ टकराने से पैदा हो गई थी .एक एटमी जाड़े ने पृथ्वी को लील सा लिया था .फलस्वरूप कितनी ही जिव प्रजातियाँ समाप्त हो गईं .डायना -सौर भी उनमे से एक प्रजाति थी ।

साइंसदानों ने यह तमाम निष्कर्ष जीवाश्मों के विश्लेषण अध्धययन ,भू -रसायन विदों ,जलवायु का मोडिल तैयार करने वाले माहिरों ,भू -भौतिकी -विदों ,अवसाद अध्धय्यन के माहिरों (सेदिमेंतोलोजिस्ट्स )के गत बीस वर्षों के शोधों का जायजा लेने के बाद निकालें हैं ।

सन्दर्भ सामिग्री :इट्स ओफ़िशिअल :एस्तेरोइद्स किल्ड दाई -नोज़ (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,

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