गुरुवार, 26 अक्तूबर 2017

What is the difference between Heart disease and Cardiovascular Diseases ?

अक्सर हृद रोग (Heart disease )और ह्रदय तथा रक्त संचरण सम्बन्धी रोगों को यकसां मान और समझ लिया जाता है जबकि दोनों एक दूजे से जुदा हैं और इनका ताल्लुक हमारे शरीर के अलग -अलग अंगों से रहता है। 

हृदय रोग का मतलब सिर्फ दिल से और दिल से सम्बंधित रक्त -वाहिका तंत्र (रक्त -शिरा -तंत्र blood vessel system )तक ही सीमित रहता है। 

हृद -शिरा या वाहिका - संबंधी कार्डिओ- वैस्कुलर डिज़ीज़ का सबंध हृदय से तो होता ही है हृद के अलावा पूरे रक्त शिरा तंत्र ,रक्त संचरण से रहता है जो पूरे शरीर को भी रक्त मुहैया करवाता है, पैर के अंगूठे से दिमाग तक होने वाले संचरण से इसका संबंध रहता है। इसमें सब प्रकार की ब्लड वेसिल्स (शिराएं ,धमनियां तथा शरीर की सबसे छोटी रुधिर वाहिनियां कपिलरीज़ भी शामिल रहती हैं। फिर चाहे वह दिमाग को रक्त मुहैया करवाने वाला वाहिका तंत्र हो या टांग को ,फेफड़ों का  हो या आँख के परदे पे फ़ैली कपिलरीज़ का जाल ।  

'कार्डिओ' शब्द का अर्थ होता है हृदय -संबंधी तथा 'वैस्कुलर 'रक्त वाहिका तंत्र या रक्त शिरा तंत्र से ताल्लुक रखने वाला शब्द  है। 

Although often thought to be the same condition, heart and cardiovascular diseases are different and involve different parts of the body. Heart disease refers only to the heart and the blood vessel system of the heart.

Cardiovascular disease refers to heart disease and diseases of the blood vessel system (arteries, capillaries, veins) throughout the body, such as the brain, legs and lungs. “Cardio” refers to the heart and “vascular” refers to the blood vessel system.

हृदय है क्या है  ?दिल चीज़ क्या है कौनसी शै का नाम दिल है ?

हृदय एक मजबूत पेशी(strong muscle ) ही है। यह रक्त उठाने उलीचने, पूरे शरीर को मुहैया करवाने वाला एक रक्त पम्प है जिसका आकार हमारी मुठ्ठी  मुष्टिका के आकार से बस थोड़ा सा ही आकार में बड़ा रहता है। यही संचरण तंत्र में खून उलीचता रहता है। खून की मोटी , बारीक ,बाल सी पतली नालियों (arteries ,veins ,capillaries ) का एक  तंत्र है हमारी संचरण प्रणाली।

Understanding the flow of blood 

हृद -फेफड़ा तंत्र यानी हृदय और हमारे दोनों फेफड़े इसके प्रमुख करता धरता हैं। इनको रक्त मुहैया करवाने  वाली और निकासी करने वाली अनेक नालियां हैं जैसा ऊपर बतलाया गया है। 

धमनियों और सबसे छोटी खून की नालियों का काम हमारे हृदय और फेफड़ों से आक्सीजन युक्त और पुष्टिकृत रक्त लेकर शेष शरीर को मुहैया करवाना है। शिराओं का काम रक्त को वापस लाना है।यह वह रक्त है जो शेष शरीर को आक्सीजन और पुष्टिकर तत्व मुहैया करवाके उनके पुनर -आभरण के लिए फेफड़ों  और दिल की ओर  लौट रहा है।

(शेष अगले अंक में,दूसरी क़िस्त का इंतज़ार कीजिये  )


सन्दर्भ -सामिग्री :
(१ )http://heartdiseasefaqs.com/cardiovascular-disease/?utm_source=bing&utm_medium=cpc&utm_campaign=heartdiseasefaqs.com&utm_term=cardiovascu     


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