शनिवार, 21 अक्तूबर 2017

कुण्डलिनी चक्र ये ही संगमस्थल हैं नाड़ियों के

यूं हमारे शरीर के संचालन के लिए हमें कुदरत ने ११४ पावर हाउस या ऊर्जा सेंटर दिए हैं बहत्तर हज़ार नाड़ियाँ। नाड़ियों का संगम स्थल हैं ये ऊर्जा घर। यहां जो गति है उसका अभिप्राय ऊर्जा के एक से दूसरे स्तर एक डायमेंशन से दूसरे तक जाना है। आकार में ये एनर्जी सेंटर त्रिभुजाकार हैं लेकिन इन्हें  ही वील या चक्र कह दिया जाता है।कुण्डलिनी चक्र ये ही हैं।

इनमें से दो हमारे भौतिक शरीर से बाहर रहते हैं शेष ११२ में से १०८ कार्यशील रहते हैं बाकी चार इनके सक्रिय होने पर फलीभूत होने लगते हैं। ये १०८ का आंकड़ा भौतिक विज्ञानों से लेकर अध्यात्म -विद्या तक बड़ा एहम माना गया है।

सूर्य के व्यास से पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी १०८ गुना ज्यादा है  . सूर्य का व्यास पृथ्वी  के व्यास से १०८ गुना है। पृथ्वी और चंद्र के बीच की दूरी चंद्र व्यास से १०८ गुना है। सौर -परिवार की निर्मिति में इस प्रकार इस नंबर १०८ की बड़ी भूमिका रही है हमारे शरीर के लिए भी यह संख्या इसलिए महत्वपूर्ण है। हमारी जैव -घड़ी को भी पृथ्वी की सूर्य के गिर्द गति और नर्तन ही तो चलाये हुए हैं ।

आगम -निगमों के अंतिम भाग वेदों की क्रीम के रूप में वेदों के सार तत्व के रूप में हमारे पास १०८ उपनिषद हैं। कुछ लोग तो अपना नाम ही श्री श्री श्री १००८ या १०८ रख लेते हैं।





कोई टिप्पणी नहीं: