वक्र मुखी सांसदों का दुस्साहस .
वक्र मुखी सांसदों का दुस्साहस .ये वक्र मुखी सांसद कभी किसी राज्यपाल को बूढी गाय कहकर तो कभी राष्ट्रपति की संविधानिक संस्था को सफ़ेद हाथी कहकर उनकी अवमानना करतें हैं .
इनकी निगाह में संसद पर हमला करने वाले फांसी की सजा याफ्ता अफज़ल गुरु साहब और साधारण अपराधी दोनों राष्ट्रपति की माफ़ी के समान रूप से अधिकारी रहें हैं .जिसकी मार्फ़त इन्होनें आतंक वादियों को यह सन्देश दिया था -आओ और इस देश पर हमला करो .
अब ये वक्र मुखी सांसद ,ये दुर्मुख देश की सर्वोच्च सत्ता के प्रतीक सेना -नायकों को अपने निशाने पर लेकर कह रहें हैं -हम संसद में आके (लाके )इनका इलाज़ करेंगे .
पूछा जा सकता है -क्या संसद मानसिक आरोग्य शाला है जहां अपराधियों का इलाज़ होता है और जहां पहले से ही १६० मनोरोगी अपराध तत्व भर्ती हैं .
मतिभ्रम ,संभ्रम है यह इन सांसदों का .ये सांसद खुद को ही संसद समझ बैठे हैं .जबकि मरता सांसद है संसद कभी नहीं मरती .तिहाड़ सांसद पहुंचता है न की संसद .संसद तिहाड़ नहीं है .
तब क्या यह हमारे पडोसी चीन ,और पाकिस्तान को यह निमंत्रण दे रहें हैं तुम आओ और देश पर हमला करो .हमने देश की सर्वोच्च प्रतिष्ठा संस्थान के प्रतीक पुरुष को बंधक बना लिया है .
उन्हें यह बर्खास्त करना चाहतें हैं बिना यह बतलाये उनका जुर्म क्या है ?क्या देश की हिफाज़त करना ?उसके लिए जान देना ?
इसे इन सांसदों का उन्माद ,शीजो -फ्रेनिक बिहेवियर न कहा जाए तो क्या कहा जाए ?
राम राम भाई ! राम राम भाई ! राम राम भाई !
आज का नीतिपरक दोहा :
खीरा मुख ते काटि के ,मलिए नमक (नान )लगाए ,
रहिमन कडवे मुखन को चहिहै इहै सजाय .
सेहत के नुश्खे :
भुनी हुई मूंगफली एंटी- ओक्सिडेंट बहुल हैं .इनमे सेब (एपिल ),गाज़र ,चुकंदर आदि से ज्यादा एंटीओक्सिडेंट रहतें हैं .
आमला विटामिन -सी का भण्डार है .१०० ग्राम आंवले में मौजूद रहता है ७०० मिलीग्राम विटामिन -सी .यह मात्रा इतने ही संतरे में मौजूद मात्रा का ३० गुना है .
राम राम भाई ! राम राम भाई ! राम राम भाई !
डिप्रेशन का समाधान 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर '?
अवसाद के समाधान के लिए इनदिनों एक्यु -पंक्चर में प्रयुक्त सुइयों को आवेशित कर स्तेमाल किया जा रहा है .समझा जाता है इससे इस परम्परा गत प्राविधि की प्रभाव -शीलता ,प्रभ -विष्णुता असर -कारिता बढ़ जाती है .होन्ग कोंग में संपन्न एक अध्ययन से यही संकेत मिलें हैं .स्कूल ऑफ़ चाइनीज़ मेडिसन ,होन्ग कोंग विश्व -विद्यालय के रिसर्चरों ने इस संशोधित प्राविधि 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर 'की आजमाइशें की हैं .
कुल ७३ प्रतिभागियों के सर के सात अलग अलग एक्यु -प्रेशर पॉइंट्स को इस प्राविधि से उत्तेजन प्रदान किया गया था .गत सात सालों में यह अनेक बार अवसाद की चपेट में चले आये थे .
सन्दर्भ -सामिग्री :New way to treat depression /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,BANGALORE ,P15,MAR30,2012..
7 टिप्पणियां:
हम कहें तो ठीक, आप कहें तो अपराध।
एक गाना आजकल हिट हैं -- याद आ गया -- मैं करूं तो साला करैक्टर ढीला है।
तभी तो अन्ना टीम लतिया रही है रोज ...
समरथ को नहिं दोस गुसाईं।
हाड़ी सा ला हो गया, पीकर खाकर मस्त ।
मुता रहे कुक्कुर सभी, चारो *खम्भे पस्त ।
चारो *खम्भे पस्त, चले चांदी का जूता ।
जन-जन है अभ्यस्त, बचा ना रविकर बूता ।
बूढी गाय स्वजात्य, बसे गौशाल तिहाड़ी ।
अपराधी अभिजात्य, भरी पापों की हाड़ी ।।
* क्या है ??
सबके अपने अपने अधिकार क्षेत्र नियत हैं।
वीरू भाई राम-राम .....
आजकल पढू मैं ,जो भी पर्चा
हो बस उसमे, तेरा ही चर्चा |
खुश रहें!
चुप रहूँ तो मुश्किलें, कह ना मुहाल है।
सांस भी जो ले लिया तो बाप लाल है।
सादर.
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