हवा में कैसे बना रहता है हवाईजहाज़ ?एक नवीन व्याख्या पुरानी व्याख्या को गलत सिद्ध करती है .अब तक यही समझा जाता रहा है की वायुयान हवा में ऊपर उठकर इसीलिए तिरता रहता है क्योंकि उसके पंखों की बनावट पंखों के नीचे कम दाब पैदा करदेती है ऊपर के फलक (सतह )की बनिस्पत .लेकिन यह दाबांतर पैदा होता क्यों है इसे लेकर अभियानिकीविद भ्रमित रहें हैं .अब लगता है यह मिथ है यथार्थ नहीं .
टूट रहा है यह फ़्लाइंग मिथ .अब तक यही समझा जाता था की विमान का हवा में ऊपर उठना और तिरते रहना उसके पंखों की ख़ास बनावट की वजह से मुमकिन होता है .ऊपर की सतह घुमाव लिए होती है जबकी निचली सतह सपाट रहती है .ऐसे में वायु ऊपरकी घुमावदार सतह पर ज्यादा दूरी तय करती है बनिस्पत निचली सतह के जहां उसी वक्त पहुँचने के लिए उसे वेगवान रहना पड़ता है .
केम्ब्रिज विश्वविद्यालय के साइंसदान होल्गेर बबिन्स्कय कहतें हैं यह मिथ भौतिकी के ज्ञात नियमों का खंडन करता प्रतीत होता है .असल व्याख्या का इस बात से कोई लेना देना नहीं है की हवा को कितना फासला कितनी दूरी तय करनी पड़ती है .
बकौल उनके पंखों का घुमाव दाबांतर इसलिए पैदा करता है क्योंकि यही घुमाव कुछ वायु राशि को ऊपर की ओर खींचता है .इसी वजह से दवाब कम होता है .जबकी शेष वायु राशि को नीचे की ओर बलपूर्वक धकेलता है .जिससे उच्च दाब पैदा होजाता है .
बेशक बर्नौली का प्रमेय कहता है :जहां जहां दवाब कम होता है वहां वायु राशि तेज़ गति करती है .इसलिए वायुराशी पंख की ऊपरली सतह पर तेज़ी से गति करती है बनिस्पत निचली सतह के वेग के .लेकिन दाबांतर की असल वजह यह नहीं है .
आपने अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए विंग के गिर्द एक स्मोक के प्रवाह को फिल्म में कैद किया है .
यदि परम्परा गत समझ सही होती तब स्मोक को पंखों के ऊपर नीचे होते हुए अग्र भाग तक एक साथ एक ही समय पर पहुंचना चाहिए था लेकिन प्ल्युम विंग की ऊपरले सिरे पर अपेक्षाकृत पहले पहुँचते हुए फिल्म किया गया .
Refrence Material:Scientists debunks flying myth.Offers A New Explanation About How Aircraft Stay Afloat/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,JANURAY26,2012/P23.
टूट रहा है यह फ़्लाइंग मिथ .अब तक यही समझा जाता था की विमान का हवा में ऊपर उठना और तिरते रहना उसके पंखों की ख़ास बनावट की वजह से मुमकिन होता है .ऊपर की सतह घुमाव लिए होती है जबकी निचली सतह सपाट रहती है .ऐसे में वायु ऊपरकी घुमावदार सतह पर ज्यादा दूरी तय करती है बनिस्पत निचली सतह के जहां उसी वक्त पहुँचने के लिए उसे वेगवान रहना पड़ता है .
केम्ब्रिज विश्वविद्यालय के साइंसदान होल्गेर बबिन्स्कय कहतें हैं यह मिथ भौतिकी के ज्ञात नियमों का खंडन करता प्रतीत होता है .असल व्याख्या का इस बात से कोई लेना देना नहीं है की हवा को कितना फासला कितनी दूरी तय करनी पड़ती है .
बकौल उनके पंखों का घुमाव दाबांतर इसलिए पैदा करता है क्योंकि यही घुमाव कुछ वायु राशि को ऊपर की ओर खींचता है .इसी वजह से दवाब कम होता है .जबकी शेष वायु राशि को नीचे की ओर बलपूर्वक धकेलता है .जिससे उच्च दाब पैदा होजाता है .
बेशक बर्नौली का प्रमेय कहता है :जहां जहां दवाब कम होता है वहां वायु राशि तेज़ गति करती है .इसलिए वायुराशी पंख की ऊपरली सतह पर तेज़ी से गति करती है बनिस्पत निचली सतह के वेग के .लेकिन दाबांतर की असल वजह यह नहीं है .
आपने अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए विंग के गिर्द एक स्मोक के प्रवाह को फिल्म में कैद किया है .
यदि परम्परा गत समझ सही होती तब स्मोक को पंखों के ऊपर नीचे होते हुए अग्र भाग तक एक साथ एक ही समय पर पहुंचना चाहिए था लेकिन प्ल्युम विंग की ऊपरले सिरे पर अपेक्षाकृत पहले पहुँचते हुए फिल्म किया गया .
Refrence Material:Scientists debunks flying myth.Offers A New Explanation About How Aircraft Stay Afloat/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,JANURAY26,2012/P23.
नुश्खे सेहत के :
HEALTH TIPS :
आपकी रोजमर्रा की सलाद में खीरे का शामिल रहना दिल और ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाओं )की बीमारियों के खतरे के वजन को कम कर देता है .
Adding cucumber to your salads will reduce your risk of cardiovascular disease.
आघात (ब्रेन अटेक या सेरिब्रल एक्सीडेंट/सेरिब्रो -वैस्क्युअलर एक्सीडेंट ) से कमोबेश बचाव के लिए एक गाज़र नियमित सेवन करना चाहिए .
A carrot a day will go a long way in preventing a stroke.
क्या है साड़ी कैंसर ?जानकारी के तेहत पढ़िए :
क्या है साड़ी कैंसर ?जानकारी के तेहत पढ़िए :
चेन्नई के माहिरों ने हाल फिलाल साड़ी कैंसर की चर्चा की है .साडी कैंसर का सम्बन्ध पेटीकोट में प्रयुक्त नाड़े(स्ट्रिंग )से जोड़ा गया है .जो अकसर महिलायें कसके (टाईट )बाधती हैं .अकसर एक ही जगह बांधतीं हैं .अपने निशाँ छोड़ जाता है यह नाड़ा . कुछ को इर्रिटेशन शुरू हो जाता है .डर्मातोसिस (Dermatosis) हो जाती है.
अब तक तीन मामले इस चमड़ी रोग के लापरवाही से कैंसर में तब्दील हो चुकें हैं .
री -कंस्ट्रक्शन सर्जरी समाधान है . लेकिन मलिग्नेंसी होने पर उसे हटाना पड़ता है .
साफ़ बचा जा सकता है साड़ी कैंसर से .पेटी कोट का नाड़ा चौड़ा रखिये .ढीला बांधिए .स्थान नाड़ा बांधेने का बदलते रहिये .जींस या बेल्ट पहनने पर प्रेशर बड़े इलाके में विभाजित हो जाता है बंट जाता है ,कम हो जाता है चौड़ा अस्तर वाला नाड़ा पहनने से .
आज का नीतिपक्रक दोहा :
कबीरा तेरी झोंपड़ी गल कटीअन के पास ,
करेंगे सौ भरेंगे ,तू क्यों भया उदास .
बात साफ़ है जैसी करनी ,पार उतरनी /वैसी भरनी .