बुधवार, 5 अक्टूबर 2011

Women on birth control pills at risk from HIV

Women on birth control pills at risk from हिव
हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार वह महिलायें जो हारमोन युक्त गर्भ निरोधी गोलियों का सेवन करतीं हैं न सिर्फ खुद के लिए "एच आई वी" से संक्रमित होने का ख़तरा दो गुना बढा लेतीं है उनके यौन सहयोगी के लिए भी खतरे का यह वजन दो गुना बढा हुआ रहता है .
यह रिसर्च वर्क अफ्रीका में उन ३७९० विषम लिंगी (हैट्रोसेक्स्युअल कपल्स )जोड़ों पर संपन्न किया गया है जिनमे से एक साथी एच आई वी वाहक (एच आई वी करियर ,एच आई वी से संक्रमित )था ,जबकि दूसरा इसके असर से मुक्त था .उसके खून में यह विषाणु मौजूद नहीं था ।
गर्भ निरोध और एच आई वी से बचाव के लिए रणनीति बनाने में इस शोध के नतीजों का बड़ा महत्व है ।
सुरक्षित यौन संबंधों को नै रोशनी में लातें हैं यह नतीजे साथ इस तथ्य को रेखांकित करतें हैं कि एक सुरक्षा कवच के रूप में जर्मिसाइड संसिक्त कंडोम के महत्व को नज़रंदाज़ करने के अपने खतरे हैं ।
एच आई वी एड्स के खिलाफ एक अभेद्य कवच का अपना एहम रोल आइन्दा भी रहेगा .

अक्टूबर ५ ,२०११

Now , a fruit pill that prevents hair going grey

Now , a fruit pill that prevents hair going grey
दुनियाभर में मशहूर कोस्मेटिक जाइंट सौन्दर्य प्रशाधन निगम L'रेअल ने दस साला एक क्लिनिकल ट्रायल के बाद एक फ़ूड सप्लीमेंट की ही तरह रोजाना ली जा सकने वाली एक गोली फलों के सत से तैयार कर लेने का दावा किया है जो बालों को सफ़ेद होनेसे थामे रहेगी ।
और इसी के साथ इस सौन्दर्य प्रशाधन निगम का बालों को रंगने के लिए प्रयुक्तहोने वाली डाई के विविध रंगी बाज़ार पर कब्जा हो जाएगा .कमोबेश कुल आठ अरब पोंड का बाज़ार है औरत और मर्दों के लिए प्रयुक्त डाई का जिसका स्थान अब यह गोली ले सकती है जिसे L'रेअल आइन्दा चार सालों में ही बाज़ार में उतारने को कटिबद्ध है ।
सहज सुलभ और सस्ती होगी यह गोली जिसका सेवन खुराकी सम्पूरकों की तरह पुरुष और महिलायें कर सकेंगी .अलबत्ता यह एक बचावी पिल ही होगी जो बालों की सफेदी को मुल्तवी रखेगी लेकिन जिनके बाल एक बार सफ़ेद हो चुकें हैं उस क्रम को उलट नहीं सकेगी .
बतलादें यह दवा एक Unidentified फ्रूट ,अनचीन्हें फल से प्राप्त यौगिक से तैयार की गई है एक पादप उत्पाद है .अपने असर और प्रभाव उत्पादकता में यह एक एंजाइम "टायरोसाइनेज रिलेटिड प्रोटीन २ "जैसी है .यह किण्वक (एंजाइम )रंजक उत्पादन ,पिगमेंटेशन को रोकती है .मुल्तवी रखती है पिगमेंटेशन प्रक्रिया को ।
इसका दूसरा काम एक और महत्वपूर्ण प्रक्रिया "ओक्सीड़ेतिव स्ट्रेस "Oxidative स्ट्रेस को आगे खिसकाते रहना है थामना है ।
इसके तहत केश कोशिकाएं नुकसान दायक " "anti -oxidants " एंटी -ओक्सिदेंट्स के असर से ग्रे हो जातीं हैं . कम्पनी में केश जैविकी (हेयर बायलोजी )के मुखिया ब्रुनो बर्नार्ड का यही कहना है ।
आदर्श स्थिति में यह गोली ता -उम्र लेनी पड़ेगी लेकिन केवल उन्हीं के लिए है यह हिदायत जिनके बाल अभी धौले(ग्रे )नहीं हुएँ हैं .एक बार सफेदी आने पर यह असर नहीं करेगी .बाल सफ़ेद हो गए तो हो गए .अलबत्ता जवान दिखने की कोशिश ज़ारी रखिये .

'Male menopause 'is for real ,cure is on the way

'Male menopause 'is for real ,cure is on the वे
एक अनुमान के अनुसार बीस लाख से ज्यादा मर्द ' मेल मिनोपौज़ 'की गिरिफ्त में हैं .अब तक इसे उपहास का विषय ही समझा जाता है प्रौढ़ पुरुष की बदमिजाजी कहके रफा दफा कर दिया जाता था ."टेस्टोस्टिरोंन पुनर्स्थापन चिकित्सा "से परहेज़ रखा जाता था .आशंका थी इसका नजदीकी रिश्ता "प्रोस्टेट कैंसर "पौरुष ग्रंथि के कैंसर "से है ।
The most effective known medication for what is officially the andropause----had been linked to prostet cancer.
पहली मर्तबा यह आशंका अब निर्मूल साबित हुई है ।
इसी के साथ लाखों लाख लोगों के जीवन में उम्मीद की किरण लौट आई है .अब यह इलाज़ तजवीज़ किया जा सकेगा .१५०० मरीजों पर किये गए एक ताज़ा तरीन अध्ययन से जिसे यूनिवर्सिटी कोलिज हॉस्पिटल लन्दन के इंस्टिट्यूट ऑफ़ युरोलोजी ने समपन्न किया है यह जानकारी हासिल हुई है कि टेस्टोस्तेरोंन के स्तर में वृद्धि से प्रोस्टेट को लाभ ही पहुंचता है .टेस्टोस्तेरोंन रिप्लेसमेंट थिरेपी से प्रोस्टेट कैंसर का ख़तरा नहीं पैदा होता है ।
मेल मिनोपौज़ को टेस्टोस्तेरोंन डेफि -शियेंशी सिंड्रोम भी कहा जाता है .पचास के पेटे में आये मर्दों में बेहद की थकान का एहसास ,अवसाद (डिप्रेशन ),वेट गेन(मुटिया जाना ),याददाश्त क्षय भूलने की आदत का घर बनाना ,नींद में खलल ,यौन सम्बन्धों में कमतर दिलचस्पी रह जाना ,ब्रेन फोग (मानसिक कुन्हासा ) इसी के चंद लक्षण हैं ।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी इसी का लक्षण है लेकिन ज्यादातार मामलों में बेहद की थकान ,थके होने का एहसास ही मुखर होता है ।
कितने ही पुरुष तीसम तीस ओर चालिसे के पेटे में आते ही इसकी गिरिफ्त में आजातें हैं लेकिन रोगनिदान १%के मामले में ही लेदे के होपाता है .
माहिरों के अनुसार पुरुषों में होने वाली यह एक आम हारमोन सम्बन्धी गड़बड़ी है.नै शोध ने पुख्ता इलाज़ का रास्ता दिखाया है ।
नॅशनल हेल्थ सर्विसिज़ में टेस्टोस्तेरोंन ट्रीटमेंट उपलब्ध है लेकिन बहुत एहतियायत बरती जाती है इस इलाज़ के मामले में .अब तक इलाज़ भी आशंकाओं के घेरे में था ।
सन्दर्भ सामिग्री :'Male menopause 'is for real ,cure is on the way-THE INDEPENDENT

6 टिप्‍पणियां:

Sunil Kumar ने कहा…

राम राम जी, इतनी सारी जानकारी एक साथ हम तो धन्य हो गए बहुत ही सार्थक पोस्ट है आभार....

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत बढिया जानकारी मिली, आभार.

रामराम

मनोज कुमार ने कहा…

बिल्कुल नई जानकारी है मेरे लिए।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

क्या जानकारी है ... कई बार पढनी पड़ी पोस्ट ...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

एकदम नया तथ्य है यह तो।

www.navincchaturvedi.blogspot.com ने कहा…

विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं। बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक यह पर्व, सभी के जीवन में संपूर्णता लाये, यही प्रार्थना है परमपिता परमेश्वर से।
नवीन सी. चतुर्वेदी