फर्म्स अर्ज्द टू डिस्प्ले सेल फोन रिस्क (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर ११ ,२०१० ,पृष्ठ १७ )।
साइंसदानों और शोध -कर्ताओं ने एक बार फिर चेताया है .सेल फोन को बच्चे की तरह बदन से सटा-चिपका कर न रखा जाए .बेशक मोबाइल फोन मेंयुअल्स में इसी आशय के चेतावनी लिखी जाती है लेकिन इतने छोटे अक्षरों में ,कि,कोई पढ़ न ले ।
पूर्व में सिगरेट के पेकिट्स पर भी यही चालाकी दिखलाई गई थी .इसलिए एक मर्तबा साइंसदानों ने जन हित में सीधे -सीधे सेल फोन निगमों ,फर्मों से निवेदन किया है ,चेतावनी को मुखर बनाया जाए .साफ़ -साफ़ बड़े अक्षरों में लिखा जाए .सेल फोन से लगातार रिश्ते विकिरण के सम्भावित दुष्प्रभावों के प्रति खबरदार किया जाए ।
बेशक साफ़ -साफ़ अभी कुछ पुष्ट नहीं हुआ है लेकिन कई अध्ययन ऐसा संकेत देते रहे हैं ,सेल फोन रेडियेशन ,यानी विद्युत् -चुम्बकीय विकिरण दिमाग को असर ग्रस्त करने के अलावा पुरुषों में स्पर्म काउंट को भी कम कर सकता है .आज हर छटा दंपत्ति किसी -न- किसीकिस्म की बाँझ -पन सम्बन्धी परेशानी झेल रहा है .
सोमवार, 11 अक्तूबर 2010
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