गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

तेंदुए को चक्मई रंगत कैसे प्राप्त हुई ?

हाउ लोप-अर्ड गोट इट्स स्पोट्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अक्टूबर २१ ,२०१० ,न्यू -देल्ही संस्करण )।
तेंदुआ बिल्ली -परिवार का एक बड़े डील डौल वाला जंगली हिंस्र जानवर है.इसका चरम कोट पीले -कथ्थई रंग का होता है जिस पर काले रंग के स्पोट्स (धब्बे )रहतें हैं .अफ्रिका और दक्षिण एशिया इसका प्राकृत आवास है ।
सवाल यह है इसे अपना चकमा देने वाला लुक (आवरण )मिला कैसे और कहाँ से ?इस विषय में रुडयार्ड किपलिंग की एक बालगल्प (बाल -कथा ) के अनुसार तेंदुआ एक भूरा -पीलापन रंगी बिल्ली जैसा जीव था .शिकार के वक्त इसे इसका प्रे (शिकार के रूप में जिसे खाया जाना है वह जानवर ) दूर से ही देख लेता था .केमाफ्लेजिंग नहीं कर पाता था इसका आवरण .भला हो उस इथियोपियाई का जिसने इसके आवरण को चकमा देने आसानी से नजर ना आने वाला बना दिया .अपनी आवासीय पृष्ठ भूमि में अब यह आसानी से जंगली प्राणियों को जिन्हें यह अपना शिकार बनाता था नजर ही नहीं आता था ।
इसके चरम कोट पर तरतीबी से पैट्रन उकेर दिए इस शख्श ने ।
ब्रिस्टल विश्व -विद्यालय के प्रायोगिक मनो -विदों ने इस बात की पड़ताल की है कैसे इसकी रंगत इसे इसके परिवेश में घुला -मिला -गुमा देती है .माहिरों की इस टीम ने इस एवज फेलिड्स (शेर ,बाघ ,बिल्ली परिवार के प्राणी )की ३७ प्रजातियों की छवियों का विस्तृत अध्ययन विश्लेसन किया .इनके चरमकोट के पेचीला पैट्रन को गणितीय फार्मूलों में अभिव्यक्त किया .अब इन इमेज़िज़ की तुलना इनके प्राकृत आवासों से जुटाए गये आंकड़ों से की गई जिसमे इनके व्यवहार का भी ब्योरा था .इन आवासों में पहाड़ ,जंगल घास के मैदान ,चट्टानी इलाकों का इनके व्यवहार और शिकार पर निकलने के हर पहर ,निशि -दिन पलछिन की पूरी जानकारी थी ।
पता चला इनमे से जो फेलिड्स बंद आवासों (क्लोस्द हेबिटेट ,घने जंगल) में रहते थे उनके चरम कोट पर बहुत ही पेचीला और अव्यवस्थित पैट्रन थे जो उष्ण कतिबंधों में इनके लिए शिकार को चकमा देने में सहायक रहें हैं ।
पूमा (कूगार्स ) खुले आवासों में रहने वाला प्राणी है .इनका चरम कोट सीधा -साधा बिना किसी पैट्रन के रहा है ।
लेपर्ड दोनों के बीच की कड़ी है .सीधे -साधे व्यवस्थित पैट्रन वाले इसके स्पोट्स इसे वृहद् घास के मैदानों में छिपने में मदद देते रहें हैं .घने पेड़ों की शाखाओं में भी यह छिपकर सो सका है इन्हीं व्यवस्थित स्पोट्स की बदौलत ।
प्रकृति की अनोखी माया है कहीं धूप कहीं छाया है इसकी काया पर .इसका चक्मई आवरण शानदार आवासीय अनुकूलन का नतीजा है .

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