शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009

गुणकारी लहसुन -स्वाद भी इलाज़ भी

एंटीबायोटिक ही नहीं एन्तिफंगल (फफूंद रोधी )और एंटीवायरल (वायरस/विषाणु रोधी )गुणों से भी भर -पूर है लहसून .आपको याद होगा "गार्लिक पर्ल्स "बाज़ार में उतारे थे दवा निगम रेनबेक्सी ने ।
गुणकारी लहसुन कफ़, कोल्ड और फ्ल्यू से बचाए रखने में मदद गार है .सूप सलादद्रेसिंग्स , चटनी आदि में भी स्तेमाल किया जाता है लहसुन .यूँ स्वाद वर्धक के बतौर इसका अचार भी परोसा जाता है .गाडुले लुहार (घुमंतू ट्राइब्स ) बेहतरीन चटनी तैयार करतें हैं लाल मिर्ची नमक और लहसुन को घोट पीसकर .नमकीन में स्वाद वर्धक के रूप में भी इसका चलन है ।
हो भी क्यों ना ?रोगों से जूझने वाले हमारे कुदरती प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करता है लहसुन का नियमित सेवन .स्तन ,मूत्राशय (ब्लेडर )त्वचा और आमाशय कैंसर से बचावी चिकित्सा के बतौर आजमाया गया है लहसुन ।
एस्पिरिन की टिकिया सा काम करता है गार्लिक क्लोव (लहसुन की एक कलि) का नियमित सेवन ,खून के थक्कों को घुलाने गलाने की अद्भुत क्छमता से लैस है लहसुन ।
इस प्रकार दिल के दौरों और सेरिब्रो -वेस्क्युलर एक्सीडेंट (स्ट्रोक )से बचाए रखने में भी कारगर हो सकता है लहसुन का सेवन ।
खून में घुली शक्कर का विनियमन करने की काबिलियत रखता है लहसुन .एलोपेशिया एरिआता (गंज के पेचीज़ ),पेची हेयर लोस के मामले में लहसुन की ५-६ कलियाँ कूट पीसकर क्रस्श करके प्रभावित गंज पर लगाने पर लाभ पहुंचता है .कई मामलों में ऐसा देखा गया है ।
दांतों के बेहद के रेडियेटिंग पेन में भी गार्लिक क्रश करके प्रभावित दांत पर मलने से आराम आता है ।
जिन लोगों को गैस ज्यादा बनती है उन्हें सुबह सवेरे लहसुन की कलियाँ ताज़ा पानी या फ़िर दूध के संग लेते देखा जा सकता है .कहा जा सकता है एक "प्राकृतिक चिकित्सक "सा है गुणों की खान लहसुन ।
सन्दर्भ सामिग्री :-किचिन क्युओर" गार्लिक" -डॉ .प्रीती छाबरा .,आयुर्वेदिक कंसल्टेंट (वेलनेस /माइंड बोदी स्पिरिट एंड यु /वाट इज हाट/ टाइम्स ऑफ़ इंडिया सप्लीमेंट /दिसंबर ४ ,२००९ .,पृष्ठ १४ )
प्रस्तुति :-वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

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