मंगलवार, 1 दिसंबर 2009

विश्व -एड्स दिवस के मौके पर एक ज़रूरी बात ...

एच आई वी ट्रीटमेंट शुडस्टार्ट सूनर(टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,दिसम्बर १ ,२००९ )शीर्षक से प्रकाशित इस ख़बर में बतलाया गया है ,विश्व्स्वास्थय संगठन ने एच आई वी एड्स के इलाज़ में पहले की गई सिफारिशों में रद्दोबदल किया है .अब तक जिस स्टेज में दवाएं दी जाती रहीं हैं वास्तव में चिकित्सकों को उससे १-२ साल पहले ही एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट शुरू करने की अनुशंषा की गई है ।
आप को बत्लादें एच आई वी एड्स में करते करते वाईट ब्लड सेल्स की तादाद नष्ट होकर कम होने लगती है .एच आई वी एड्स की दोनों स्त्रेंस (एच आई वी -१ ,एच आई वी -२ ) ब्लड सेल्स सी दी -४ को निशाना बनातीं हैं .इनकी एक क्रांतिक तादाद हमारे प्रतिरक्षा तंत्र की मुस्तैदी के लिए ,चाक चौबंद रहने होने के लिए ज़रूरी समझी गई है .अभी तक इलाज़ तब शुरू किया जाता था जब इनकी संख्या घटकर २०० के आस पास आ जाती थी ।
ताज़ा सिफारिशों के अनुसार सी दी -४ सेल्स की तादाद ३५० तक आते ही इलाज़ शुरू किया जाना चाहिए .

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