रविवार, 5 नवंबर 2017

Vijay Kaushal Ji Maharaj | Shree Ram Katha Ujjain Day 2 Part 3 ,Day 3 part l

इस कलियुग में स्वयं की मर्यादा का फंदा स्वीकार करो वरना क़ानून का फंदा कभी न कभी स्वीकार करना पड़ेगा। अमर्यादित जीवन शैली की अपनी सौगातें हैं। 

जीवन में किसी न किसी का पाश (रखिये )अपने सिर पर ,बाल्य -कैशोर्य तक माँ -बाप का ,शादी होने के बाद छोटे बच्चों को अपने सिर पर निगरानी तंत्र के रूप में बिठाइये -देखिये आप जो खा पी रहें है कर रहें हैं ,बोल रहें हैं जैसी वाणी उसका आपके नौनिहालों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। 

प्रौढ़ावस्था में किसी संत का फंदा धारण कीजिये ताकि याद रहे मेरा किया कोई काम जब उन्हें पता चलेगा ,तो उनको कैसा लगेगा। 
पाश (फंदा )और फरसा (दान किसी भी किस्म का देते रहना )जीवन में रहेगा तो आपके हाथ में लड्डू रहेंगे। 

सन्दर्भ -सामिग्री :

(१ )https://www.youtube.com/watch?v=yBKBAz8wUfM


(२ )Vijay Kaushal Ji Maharaj | Shree Ram Katha Ujjain Day 2 Part 3 2016 mangalmaypariwar.com



(३ )Vijay Kaushal Ji Maharaj | Shree Ram Katha Ujjain Day 3 Part 1 2016 mangalmaypariwar.com



कोई टिप्पणी नहीं: