शनिवार, 31 मार्च 2012

.कैंसर एन -साइकलो -पीडिया रखेगा नै दवाओं की नींव .

कैंसर एन -साइकलो -पीडिया रखेगा नै दवाओं की नींव .
ज़रा सोचिये कैंसर रोग समूह पर  अद्यतन हुए काम की जानकारी माहिरों और आम जन के लिए समान रूप से कितनी कारगर हो सकती है .
कितना रोचक हो सकता है यह जानना ,सैंकड़ों कैंसर कोशायें कैसे अनुक्रिया करतीं हैं कैसा और कैसे रेस्पोंड  करती है कैंसर एजेंट्स के प्रति .और वह भी सब एक महाग्रंथ की मार्फ़त . 
अब एक मरीज़ के जीनोम के अनुरूप पूरे उसके जीन रचाव ,जीवन इकाइयों के नैन -नक्श के अनुरूप व्यक्ति विशेष के अनुरूप ख़ास कैंसर रोधी दवाएं निकट भविष्य में बनाई जा सकेंगी .,ऐसी उम्मीद बंध चली है इस एक सन्दर्भ ग्रन्थ के सहज सुलभ हो जाने से .
अब कैंसर के इलाज़ के लिए एक से एक नै दवाओं के निर्माण का रास्ता खुल गया है .टेलर मेड दवाएं सिर्फ आपके लिए तैयार की जा सकेगी आपकी जीन -कद -काठी के अनुरूप .आपकी शख्शियत के अनुरूप .
कैंसर अन्वेषण की दिशा में इतना भर हुआ है अब तक ,प्रयोगशाला में कुछेक कैंसर कोशायें तैयार कर ली गईं हैं .इसका फायदा यह हुआ है कुछ नै ईजाद की गई दवाओं के असर की कैंसर मरीजों पर असर की पड़ताल की जा सकी है .अब एक साथ दुनिया भर  में फैले कैंसर संस्थानों के माहिरों और रिसर्चरों ने एक साथ दो पर्चे विज्ञापित किये हैं इनमें सैंकड़ों कैंसर सेल लाइंस की इत्तला दी गई है .
इस काम में कैम्ब्रिज के नजदीक स्थित 'wellcome Trust Sanger Institute 'की  एक टीम के अलावा अन्यान्य संस्थानों के माहिरों का योगदान रहा है .
टीम ने ६०० से ज्यादा सेल लाइंस की स्क्रीनिंग की है .इन पर तकरीबन १३० अलग अलग किस्म की दवाओं के पड़ने वाले असर की पड़ताल की है . इस प्रकार ड्रग सेंसिटिविटी से सम्बद्ध जेनेटिक सिग्नेचर्स की शिनाख्त भी कर ली गई है .अभी मिलने वाले संकेतों से मरीजों का बहुत भला हो सकता है .इसी के साथ साथ बच्चों में होने वाले एक विरल अश्थी कैंसर की जानकारी भी मिली है .उस पर पड़ने वाले दवाओं के असर की भी .
एक ही जगह पर व्यापक आकड़ों का नेट वर्क पहली दफा उपलब्ध हुआ है माहिरों  को .कौन सी सेल लाइन बेहद सेंसिटिव है और इस सेंसिटिविटी की आखिर वजह क्या है यह भी इल्म हुआ है .
राम राम भाई !   राम राम भाई !   राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के :
ओरेंज बेल पेपर (नारंगी रंग की शिमला मिर्च जिसे अमरीका में बेल पेपर कहा जाता है ):
'zeaxanthin' का सर्वोत्तम स्रोत है बेल पेपर .यही वह तत्व है जो सफ़ेद मोतिया बिन्द (केटेरेक्ट)और उम्र दराज़ लोगों के रोग, मेक्युलर दिजेंरेशन से बचाए रह सकता है .
पीली और लाल रंग की बेल पेपर :विटामिन -सी ,Capsaicin तथा फ़्लेवोनोइद्स का भण्डार लिए हुए हैं .एक तरफ यह तत्व खून का थक्का बनना  मुल्तवी रखतें हैं दूसरी तरफ हृदय एवं दिमागी  दौरों (ब्रेन अटैक )से बचाव करतें हैं . राम राम भाई !
डिप्रेशन का समाधान 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर '?
अवसाद के समाधान के लिए इनदिनों एक्यु -पंक्चर में प्रयुक्त सुइयों को आवेशित कर स्तेमाल किया जा रहा है .समझा जाता है इससे इस परम्परा गत प्राविधि की प्रभाव -शीलता ,प्रभ -विष्णुता असर -कारिता बढ़ जाती है .होन्ग कोंग में संपन्न एक अध्ययन से यही संकेत मिलें हैं .स्कूल ऑफ़ चाइनीज़ मेडिसन ,होन्ग कोंग विश्व -विद्यालय के रिसर्चरों ने इस संशोधित प्राविधि 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर 'की आजमाइशें  की हैं .
कुल ७३ प्रतिभागियों के सर के सात अलग अलग एक्यु -प्रेशर पॉइंट्स को इस प्राविधि से उत्तेजन प्रदान किया गया था .गत सात सालों में यह अनेक बार अवसाद की चपेट में चले आये थे .
सन्दर्भ -सामिग्री :New way to treat depression /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,BANGALORE ,P15,MAR30,2012..
राम राम भाई !
वक्र मुखी सांसदों का दुस्साहस . 
ये वक्र मुखी सांसद कभी किसी राज्यपाल को बूढी गाय कहकर तो कभी राष्ट्रपति की संविधानिक संस्था को सफ़ेद हाथी कहकर उनकी अवमानना करतें हैं .
इनकी निगाह में संसद पर हमला करने वाले फांसी की सजा याफ्ता अफज़ल गुरु साहब और साधारण अपराधी दोनों राष्ट्रपति  की माफ़ी के समान रूप से   अधिकारी रहें हैं .जिसकी मार्फ़त इन्होनें आतंक वादियों को यह सन्देश दिया था -आओ और इस देश पर हमला करो .
अब ये वक्र मुखी सांसद ,ये दुर्मुख देश की सर्वोच्च सत्ता के प्रतीक सेना -नायकों को अपने निशाने पर लेकर कह रहें हैं -हम संसद में आके (लाके )इनका इलाज़ करेंगे .
पूछा जा सकता है -क्या संसद मानसिक आरोग्य शाला है जहां अपराधियों का इलाज़ होता है और जहां पहले से ही १६० मनोरोगी अपराध तत्व भर्ती हैं .
   मतिभ्रम ,संभ्रम है यह इन सांसदों का .ये सांसद खुद को ही संसद समझ बैठे हैं .जबकि मरता सांसद है संसद कभी नहीं मरती .तिहाड़ सांसद पहुंचता है न की संसद .संसद तिहाड़ नहीं है .
तब क्या यह हमारे पडोसी चीन ,और पाकिस्तान को यह निमंत्रण दे रहें हैं तुम आओ और देश पर हमला करो .हमने देश की सर्वोच्च प्रतिष्ठा संस्थान के प्रतीक पुरुष को बंधक बना लिया है .
उन्हें यह बर्खास्त करना चाहतें हैं बिना यह बतलाये उनका जुर्म क्या है ?क्या देश की हिफाज़त करना ?उसके लिए जान देना ?
इसे इन सांसदों का उन्माद ,शीजो -फ्रेनिक बिहेवियर न कहा जाए तो क्या कहा जाए ?
राम राम भाई !   राम राम भाई !   राम राम भाई !

आज का नीतिपरक दोहा :
खीरा मुख ते काटि  के ,मलिए नमक (नान )लगाए ,
रहिमन कडवे मुखन को चहिहै इहै  सजाय .
सेहत के नुश्खे :
  भुनी हुई मूंगफली एंटी- ओक्सिडेंट बहुल हैं .इनमे सेब (एपिल ),गाज़र ,चुकंदर आदि से ज्यादा एंटीओक्सिडेंट रहतें हैं .
आमला विटामिन -सी का भण्डार है .१०० ग्राम आंवले में मौजूद रहता है ७०० मिलीग्राम विटामिन -सी .यह मात्रा इतने ही संतरे में मौजूद मात्रा का ३० गुना है

  

शुक्रवार, 30 मार्च 2012

वक्र मुखी सांसदों का दुस्साहस .

वक्र मुखी सांसदों का दुस्साहस . 
ये वक्र मुखी सांसद कभी किसी राज्यपाल को बूढी गाय कहकर तो कभी राष्ट्रपति की संविधानिक संस्था को सफ़ेद हाथी कहकर उनकी अवमानना करतें हैं .
इनकी निगाह में संसद पर हमला करने वाले फांसी की सजा याफ्ता अफज़ल गुरु साहब और साधारण अपराधी दोनों राष्ट्रपति  की माफ़ी के समान रूप से   अधिकारी रहें हैं .जिसकी मार्फ़त इन्होनें आतंक वादियों को यह सन्देश दिया था -आओ और इस देश पर हमला करो .
अब ये वक्र मुखी सांसद ,ये दुर्मुख देश की सर्वोच्च सत्ता के प्रतीक सेना -नायकों को अपने निशाने पर लेकर कह रहें हैं -हम संसद में आके (लाके )इनका इलाज़ करेंगे .
पूछा जा सकता है -क्या संसद मानसिक आरोग्य शाला है जहां अपराधियों का इलाज़ होता है और जहां पहले से ही १६० मनोरोगी अपराध तत्व भर्ती हैं .
   मतिभ्रम ,संभ्रम है यह इन सांसदों का .ये सांसद खुद को ही संसद समझ बैठे हैं .जबकि मरता सांसद है संसद कभी नहीं मरती .तिहाड़ सांसद पहुंचता है न की संसद .संसद तिहाड़ नहीं है .
तब क्या यह हमारे पडोसी चीन ,और पाकिस्तान को यह निमंत्रण दे रहें हैं तुम आओ और देश पर हमला करो .हमने देश की सर्वोच्च प्रतिष्ठा संस्थान के प्रतीक पुरुष को बंधक बना लिया है .
उन्हें यह बर्खास्त करना चाहतें हैं बिना यह बतलाये उनका जुर्म क्या है ?क्या देश की हिफाज़त करना ?उसके लिए जान देना ?
इसे इन सांसदों का उन्माद ,शीजो -फ्रेनिक बिहेवियर न कहा जाए तो क्या कहा जाए ?
राम राम भाई !   राम राम भाई !   राम राम भाई !

आज का नीतिपरक दोहा :
खीरा मुख ते काटि  के ,मलिए नमक (नान )लगाए ,
रहिमन कडवे मुखन को चहिहै इहै  सजाय .
सेहत के नुश्खे :
  भुनी हुई मूंगफली एंटी- ओक्सिडेंट बहुल हैं .इनमे सेब (एपिल ),गाज़र ,चुकंदर आदि से ज्यादा एंटीओक्सिडेंट रहतें हैं .
आमला विटामिन -सी का भण्डार है .१०० ग्राम आंवले में मौजूद रहता है ७०० मिलीग्राम विटामिन -सी .यह मात्रा इतने ही संतरे में मौजूद मात्रा का ३० गुना है .
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
डिप्रेशन का समाधान 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर '?
अवसाद के समाधान के लिए इनदिनों एक्यु -पंक्चर में प्रयुक्त सुइयों को आवेशित कर स्तेमाल किया जा रहा है .समझा जाता है इससे इस परम्परा गत प्राविधि की प्रभाव -शीलता ,प्रभ -विष्णुता असर -कारिता बढ़ जाती है .होन्ग कोंग में संपन्न एक अध्ययन से यही संकेत मिलें हैं .स्कूल ऑफ़ चाइनीज़ मेडिसन ,होन्ग कोंग विश्व -विद्यालय के रिसर्चरों ने इस संशोधित प्राविधि 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर 'की आजमाइशें  की हैं .
कुल ७३ प्रतिभागियों के सर के सात अलग अलग एक्यु -प्रेशर पॉइंट्स को इस प्राविधि से उत्तेजन प्रदान किया गया था .गत सात सालों में यह अनेक बार अवसाद की चपेट में चले आये थे .
सन्दर्भ -सामिग्री :New way to treat depression /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,BANGALORE ,P15,MAR30,2012..

डिप्रेशन का समाधान 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर '?

डिप्रेशन का समाधान 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर '?
अवसाद के समाधान के लिए इनदिनों एक्यु -पंक्चर में प्रयुक्त सुइयों को आवेशित कर स्तेमाल किया जा रहा है .समझा जाता है इससे इस परम्परा गत प्राविधि की प्रभाव -शीलता ,प्रभ -विष्णुता असर -कारिता बढ़ जाती है .होन्ग कोंग में संपन्न एक अध्ययन से यही संकेत मिलें हैं .स्कूल ऑफ़ चाइनीज़ मेडिसन ,होन्ग कोंग विश्व -विद्यालय के रिसर्चरों ने इस संशोधित प्राविधि 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर 'की आजमाइशें  की हैं .
कुल ७३ प्रतिभागियों के सर के सात अलग अलग एक्यु -प्रेशर पॉइंट्स को इस प्राविधि से उत्तेजन प्रदान किया गया था .गत सात सालों में यह अनेक बार अवसाद की चपेट में चले आये थे .
सन्दर्भ -सामिग्री :New way to treat depression /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,BANGALORE ,P15,MAR30,2012..
राम राम भाई ! 
वक्र मुखी सांसदों का दुस्साहस . 
ये वक्र मुखी सांसद कभी किसी राज्यपाल को बूढी गाय कहकर तो कभी राष्ट्रपति की संविधानिक संस्था को सफ़ेद हाथी कहकर उनकी अवमानना करतें हैं .
इनकी निगाह में संसद पर हमला करने वाले फांसी की सजा याफ्ता अफज़ल गुरु साहब और साधारण अपराधी दोनों राष्ट्रपति  की माफ़ी के समान रूप से   अधिकारी रहें हैं .जिसकी मार्फ़त इन्होनें आतंक वादियों को यह सन्देश दिया था -आओ और इस देश पर हमला करो .
अब ये वक्र मुखी सांसद ,ये दुर्मुख देश की सर्वोच्च सत्ता के प्रतीक सेना -नायकों को अपने निशाने पर लेकर कह रहें हैं -हम संसद में आके (लाके )इनका इलाज़ करेंगे .
पूछा जा सकता है -क्या संसद मानसिक आरोग्य शाला है जहां अपराधियों का इलाज़ होता है और जहां पहले से ही १६० मनोरोगी अपराध तत्व भर्ती हैं .
   मतिभ्रम ,संभ्रम है यह इन सांसदों का .ये सांसद खुद को ही संसद समझ बैठे हैं .जबकि मरता सांसद है संसद कभी नहीं मरती .तिहाड़ सांसद पहुंचता है न की संसद .संसद तिहाड़ नहीं है .
तब क्या यह हमारे पडोसी चीन ,और पाकिस्तान को यह निमंत्रण दे रहें हैं तुम आओ और देश पर हमला करो .हमने देश की सर्वोच्च प्रतिष्ठा संस्थान के प्रतीक पुरुष को बंधक बना लिया है .
उन्हें यह बर्खास्त करना चाहतें हैं बिना यह बतलाये उनका जुर्म क्या है ?क्या देश की हिफाज़त करना ?उसके लिए जान देना ?
इसे इन सांसदों का उन्माद ,शीजो -फ्रेनिक बिहेवियर न कहा जाए तो क्या कहा जाए ?
राम राम भाई !   राम राम भाई !   राम राम भाई !

आज का नीतिपरक दोहा :
खीरा मुख ते काटि  के ,मलिए नमक (नान )लगाए ,
रहिमन कडवे मुखन को चहिहै इहै  सजाय .
सेहत के नुश्खे :
  भुनी हुई मूंगफली एंटी- ओक्सिडेंट बहुल हैं .इनमे सेब (एपिल ),गाज़र ,चुकंदर आदि से ज्यादा एंटीओक्सिडेंट रहतें हैं .
आमला विटामिन -सी का भण्डार है .१०० ग्राम आंवले में मौजूद रहता है ७०० मिलीग्राम विटामिन -सी .यह मात्रा इतने ही संतरे में मौजूद मात्रा का ३० गुना है

गुरुवार, 29 मार्च 2012

वक्र मुखी सांसदों का दुस्साहस .

वक्र मुखी सांसदों का दुस्साहस . 
ये वक्र मुखी सांसद कभी किसी राज्यपाल को बूढी गाय कहकर तो कभी राष्ट्रपति की संविधानिक संस्था को सफ़ेद हाथी कहकर उनकी अवमानना करतें हैं .
इनकी निगाह में संसद पर हमला करने वाले फांसी की सजा याफ्ता अफज़ल गुरु साहब और साधारण अपराधी दोनों राष्ट्रपति  की माफ़ी के समान रूप से   अधिकारी रहें हैं .जिसकी मार्फ़त इन्होनें आतंक वादियों को यह सन्देश दिया था -आओ और इस देश पर हमला करो .
अब ये वक्र मुखी सांसद ,ये दुर्मुख देश की सर्वोच्च सत्ता के प्रतीक सेना -नायकों को अपने निशाने पर लेकर कह रहें हैं -हम संसद में आके (लाके )इनका इलाज़ करेंगे .
पूछा जा सकता है -क्या संसद मानसिक आरोग्य शाला है जहां अपराधियों का इलाज़ होता है और जहां पहले से ही १६० मनोरोगी अपराध तत्व भर्ती हैं .
   मतिभ्रम ,संभ्रम है यह इन सांसदों का .ये सांसद खुद को ही संसद समझ बैठे हैं .जबकि मरता सांसद है संसद कभी नहीं मरती .तिहाड़ सांसद पहुंचता है न की संसद .संसद तिहाड़ नहीं है .
तब क्या यह हमारे पडोसी चीन ,और पाकिस्तान को यह निमंत्रण दे रहें हैं तुम आओ और देश पर हमला करो .हमने देश की सर्वोच्च प्रतिष्ठा संस्थान के प्रतीक पुरुष को बंधक बना लिया है .
उन्हें यह बर्खास्त करना चाहतें हैं बिना यह बतलाये उनका जुर्म क्या है ?क्या देश की हिफाज़त करना ?उसके लिए जान देना ?
इसे इन सांसदों का उन्माद ,शीजो -फ्रेनिक बिहेवियर न कहा जाए तो क्या कहा जाए ?
राम राम भाई !   राम राम भाई !   राम राम भाई !

आज का नीतिपरक दोहा :
खीरा मुख ते काटि  के ,मलिए नमक (नान )लगाए ,
रहिमन कडवे मुखन को चहिहै इहै  सजाय .
सेहत के नुश्खे :
  भुनी हुई मूंगफली एंटी- ओक्सिडेंट बहुल हैं .इनमे सेब (एपिल ),गाज़र ,चुकंदर आदि से ज्यादा एंटीओक्सिडेंट रहतें हैं .
आमला विटामिन -सी का भण्डार है .१०० ग्राम आंवले में मौजूद रहता है ७०० मिलीग्राम विटामिन -सी .यह मात्रा इतने ही संतरे में मौजूद मात्रा का ३० गुना है . 
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
डिप्रेशन का समाधान 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर '?
अवसाद के समाधान के लिए इनदिनों एक्यु -पंक्चर में प्रयुक्त सुइयों को आवेशित कर स्तेमाल किया जा रहा है .समझा जाता है इससे इस परम्परा गत प्राविधि की प्रभाव -शीलता ,प्रभ -विष्णुता असर -कारिता बढ़ जाती है .होन्ग कोंग में संपन्न एक अध्ययन से यही संकेत मिलें हैं .स्कूल ऑफ़ चाइनीज़ मेडिसन ,होन्ग कोंग विश्व -विद्यालय के रिसर्चरों ने इस संशोधित प्राविधि 'इलेक्ट्रो -एक्यु -पंक्चर 'की आजमाइशें  की हैं .
कुल ७३ प्रतिभागियों के सर के सात अलग अलग एक्यु -प्रेशर पॉइंट्स को इस प्राविधि से उत्तेजन प्रदान किया गया था .गत सात सालों में यह अनेक बार अवसाद की चपेट में चले आये थे .
सन्दर्भ -सामिग्री :New way to treat depression /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,BANGALORE ,P15,MAR30,2012..

जो भी है यही एक पल है .

जो भी है यही एक पल है .'आगे भी जाने न तू ,पीछे भी जाने न तू ,जो भी है बस ,यही एक पल है 'वक्त फिल्म का गाना है .जो अपने आप में एक फलसफा ही नहीं ज्ञान -विज्ञान जीने का एक अंदाज़ छिपाए है.वर्तमान में जीना है को स्वीकार कर संतुष्ट रहना सेहत के लिए अच्छा है .नहीं  को  छोड़  दे  .
अतीत को निहारना ,हताशा ,दुःख का बीते हुए व्यतीत के दुखों में लौटना एक मानसिक कुन्हासा अपने गिर्द इस दुःख का बुनते रहना सेहत को दीमक लगा देता है .कीमत चुकानी पड़ती है आपको इसकी .
यूं ही नहीं है यह गीत 'दुःख भरे दिन बीते रे भैया अब सुख आयो रे ,रंग जीवन में नया लायो रे '
क्यों राग अलापना है -'दुःख के अब दिन बीतत नाहीं ,सुख  के दिन थे ,एक सपन था ,अब कछु सूझत नाहीं  ...'अपने ही व्यतीत को कुरेदना उसे याद कर विक्षोभ और आवेश में आ जाना आइन्दा भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है .बीमार पड़ने के अस्वस्थ बने रहने के मौके बढ़ा देता है व्यतीत का दुखपूर्ण स्मरण ,यही लब्बोलुआब है एक नवीनतर शोध का  जिसे 'University of Granada 'के रिसर्चरों ने संपन्न किया है .
पता चला है जो अतीत को निहारते निहारते क्रोध में आजातें हैं वह दर्द के प्रति भी ज्यादा संवेदी होतें हैं .दूसरे छोर पर जो भविष्य की संभावनाओं में जीते हैं ,दिवा -स्वप्न -जीवी हैं,सीमाओं को दरकिनार कर सिर्फ संभावनाओं में जीतें हैं ,मैं ये कर दूंगा ,वो कर दूंगा ,ये करूंगा वो करूंगा वह वर्तमान को भी जी नहीं पाते .ज़िन्दगी को बे -मजा कर लेतें हैं .
जो अब जो है उसे स्वीकार कर उसका लुत्फ़ उठाना सीख जातें हैं वही सबसे ज्यादा प्रसन्न बदन ,सेहत बदन ,स्वस्थ रहतें हैं .
सन्दर्भ -सामिग्री :Anger at your past life can make you ill /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,BANGALORE ,MARCH 29,P13.



कैंसर रोग निदान की नै इमेजिंग टेकनीक.

कैंसर रोग निदान की नै इमेजिंग टेकनीक.
New imaging teck that can help detect cancer early /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,BANGALORE,MARCH 28,2012,P17.
  अभिनव  प्रोद्योगिकी  की परवाज़ का भी ज़वाब नहीं साइंसदानों ने एक ऐसी प्राविधि ईजाद की है , इमेजिंग प्रोद्योगिकी विकसित कर ली है जो कैंसर रोग समूह के कैंसरों की शिनाख्त उस चरण में भी कर लेगी जो दिमाग में प्रसार तो पा चुके हैं लेकिन कैंसर गांठें अभी आकार में छोटी ही बनी हुईं  हैं .
चूहों पर संपन्न किया गया है यह अध्ययन जिसके तहत एक ऐसी अभिनव डाई(चिकित्सीय अभिरंजक) की पड़ताल की गई है जो एम् आर आई  स्केन्स में मुखरित होती है .ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की विज्ञप्ति के अनुसार यह डाई या कंट्रास्ट एजेंट एक ख़ास अणु(VCAM-1) की निशान -देही(शिनाख्त ,पहचान ) कर उससे चस्पां ही हो जाती है .
रिसर्चरों के मुताबिक़ यही वह अणु है जो उन ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाओं ) से सम्बद्ध रहता है ताल्लुक रखता है जिनका सम्बन्ध कैंसर से जोड़ा जा चुका है तथा यह अणु भारी तादाद में वहां मौजूद रहता है .
कैंसर को शरीर के अन्य हिस्सों से उठाकर(उड़ाकर ,स्थानांतरित कर ) दिमाग तक यही अणु अपने साथ ले जाता है .
दिमाग तक  शरीर के अन्य हिस्सों तक कैंसर इसी अणु के अंतरण की वजह से ही फैलता है .
एम् आर आई स्केन  दिमाग में इस अभिनव डाई  का रेखांकन करता है .खुलकर दिखलाता है कैंसर ग्रस्त हिस्सों को .इसी की  बदौलत कैंसर की बहुत छोटी छोटी गठाने (स्माल ट्यूमर्स)  भी पकड़ में आ जातीं हैं .
यही वजह है  की  स्माल ट्यूमर्स का इलाज़ होल ब्रेन रेडियो -थिरेपी से आरम्भिक चरण में शुरू हो पाता है अब .सर्जरी से भी इसी चरण में अब इलाज़ किया जा सकेगा .
दूसरी तरफ अभिनव रसायन चिकित्सा (न्युअर  कीमोथिरेपी ) विकसित की जा रहीं हैं .लेकिन फिल वक्त लार्जर ब्रेन ट्यूमर की शिनाख्त ही परम्परा गत इमेजिंग तरीकों से हो पा रही है .जबकि इन्हीं का इलाज़ करना दुष्कर सिद्ध होता है .इन अर्थों में यह अन्वेषण एक बड़ी उपलब्धि कही जायेगी .
नै रोग्निदानिक टेक्नीक से कितनों को ही अकाल काल कवलित होने से बचाया जा सकेगा .
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
 
एंटार्कटिका के गिर्द दक्षिणी सागर में आश्चर्यजनक तौर जो गहराई पर बेहद ठंडा पानी बहता है गत चंद दशकों में उसके गायब  होने  की रफ़्तार कुछ ज्यादा ही रही है .इस जल राशि  को 'एंटार्कटिक बोटम वाटर 'कहा जाता है .इसके यूं बेतहाशा रफ़्तार विलुप्त होते चले जाने  से साइंसदान हतप्रभ हैं .एंटार्कटिका के गिर्द खुछ ख़ास क्षेत्रों में ही यह राशि बनती है .दरअसल सतह के ऊपर बहती  ठंडी    हवा इस जल का शीतलीकरण करती रहती है .जब यह हिम राशी में तब्दील हो जाता है इसकी नमकीनियत   बढ़ जाती है .यह सतह से नीचे चला आता है भारी होकर .खारा नमकीन जल अपेक्षाकृत भारी होने की वजह से नीचे चला आता रहा है .जब पानी में से हवा ठंडक निकाल देती है तब हिम राशि बनती है तथा आसपास के बिना ज़मे जल के हवाले यह साल्ट       हो जाती है .एक     कुदरती      चक्र      के तहत     यह सिलसिला     चलता   रहता   है अपनी  रफ़्तार .
समुन्दर में गहरे पैठा यह अपेक्षाकृत भारी जल  उत्तर की  तरफ प्रसार करता रहता है ,इस प्रकार दुनिया भर के गहरे समुन्दरों को लबालब    रखता   चलता है और   धीरे   धीरे  अपने   ऊपर की अपेक्षाकृत गुनगुनी  परतों वाली जल राशि से संयुक्त   होता   रहता है .उसमे    रिलमिल  जाता    रहा  है .आहिस्ता आहिस्ता .
गौर   तलब  है दुनिया भर के सागरों  में मौजूद  डीप  ओशन  करेंट्स  अन्दर  अन्दर  प्रवाहमान  गहरी जल धाराएं  आलमी ताप (तापमानों ) और कार्बन  के परिवहन  में एहम  भूमिका  निभाती  आईं  हैं .बत्लादें आपको हमारे समुन्दर कार्बन के सबसे बड़े सिंक हैं .पृथ्वी  की जलवायु  इन्हीं  के हाथों  विनियमित  होती  आई  है .
पूर्व    के अध्ययनों     से विदित   हुआ  था  यह गहरे बहती जल धाराएं    इनमे  मौजूद  विशाल  जल राशि गरमाने  लगी  है ,अपनी नमकीनियत   भी  खोती  रही है . लेकिन  हालिया  अध्ययन  इसके तेज़ी से मात्रात्नक   रूप   से कम  होने की इत्तला  दे   रहा है .भूमंडलीय जलवायु के लिए यह अच्छी खबर नहीं है .
लेबल :सिमट रहा है एंटार्कटिक  बोटम      वाटर  .समुन्दर डीप ओशन करेंट्स ,जलवायु ,कार्बन सिंक .

बुधवार, 28 मार्च 2012

कैंसर रोग निदान की नै इमेजिंग टेकनीक.

कैंसर रोग निदान की नै इमेजिंग टेकनीक.
New imaging teck that can help detect cancer early /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,BANGALORE,MARCH 28,2012,P17.
  अभिनव  प्रोद्योगिकी  की परवाज़ का भी ज़वाब नहीं साइंसदानों ने एक ऐसी प्राविधि ईजाद की है , इमेजिंग प्रोद्योगिकी विकसित कर ली है जो कैंसर रोग समूह के कैंसरों की शिनाख्त उस चरण में भी कर लेगी जो दिमाग में प्रसार तो पा चुके हैं लेकिन कैंसर गांठें अभी आकार में छोटी ही बनी हुईं  हैं .
चूहों पर संपन्न किया गया है यह अध्ययन जिसके तहत एक ऐसी अभिनव डाई(चिकित्सीय अभिरंजक) की पड़ताल की गई है जो एम् आर आई  स्केन्स में मुखरित होती है .ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की विज्ञप्ति के अनुसार यह डाई या कंट्रास्ट एजेंट एक ख़ास अणु(VCAM-1) की निशान -देही(शिनाख्त ,पहचान ) कर उससे चस्पां ही हो जाती है .
रिसर्चरों के मुताबिक़ यही वह अणु है जो उन ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाओं ) से सम्बद्ध रहता है ताल्लुक रखता है जिनका सम्बन्ध कैंसर से जोड़ा जा चुका है तथा यह अणु भारी तादाद में वहां मौजूद रहता है .
कैंसर को शरीर के अन्य हिस्सों से उठाकर(उड़ाकर ,स्थानांतरित कर ) दिमाग तक यही अणु अपने साथ ले जाता है .
दिमाग तक  शरीर के अन्य हिस्सों तक कैंसर इसी अणु के अंतरण की वजह से ही फैलता है .
एम् आर आई स्केन  दिमाग में इस अभिनव डाई  का रेखांकन करता है .खुलकर दिखलाता है कैंसर ग्रस्त हिस्सों को .इसी की  बदौलत कैंसर की बहुत छोटी छोटी गठाने (स्माल ट्यूमर्स)  भी पकड़ में आ जातीं हैं .
यही वजह है  की  स्माल ट्यूमर्स का इलाज़ होल ब्रेन रेडियो -थिरेपी से आरम्भिक चरण में शुरू हो पाता है अब .सर्जरी से भी इसी चरण में अब इलाज़ किया जा सकेगा .
दूसरी तरफ अभिनव रसायन चिकित्सा (न्युअर  कीमोथिरेपी ) विकसित की जा रहीं हैं .लेकिन फिल वक्त लार्जर ब्रेन ट्यूमर की शिनाख्त ही परम्परा गत इमेजिंग तरीकों से हो पा रही है .जबकि इन्हीं का इलाज़ करना दुष्कर सिद्ध होता है .इन अर्थों में यह अन्वेषण एक बड़ी उपलब्धि कही जायेगी .
नै रोग्निदानिक टेक्नीक से कितनों को ही अकाल काल कवलित होने से बचाया जा सकेगा .
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
 
एंटार्कटिका के गिर्द दक्षिणी सागर में आश्चर्यजनक तौर जो गहराई पर बेहद ठंडा पानी बहता है गत चंद दशकों में उसके गायब  होने  की रफ़्तार कुछ ज्यादा ही रही है .इस जल राशि  को 'एंटार्कटिक बोटम वाटर 'कहा जाता है .इसके यूं बेतहाशा रफ़्तार विलुप्त होते चले जाने  से साइंसदान हतप्रभ हैं .एंटार्कटिका के गिर्द खुछ ख़ास क्षेत्रों में ही यह राशि बनती है .दरअसल सतह के ऊपर बहती  ठंडी    हवा इस जल का शीतलीकरण करती रहती है .जब यह हिम राशी में तब्दील हो जाता है इसकी नमकीनियत   बढ़ जाती है .यह सतह से नीचे चला आता है भारी होकर .खारा नमकीन जल अपेक्षाकृत भारी होने की वजह से नीचे चला आता रहा है .जब पानी में से हवा ठंडक निकाल देती है तब हिम राशि बनती है तथा आसपास के बिना ज़मे जल के हवाले यह साल्ट       हो जाती है .एक     कुदरती      चक्र      के तहत     यह सिलसिला     चलता   रहता   है अपनी  रफ़्तार .
समुन्दर में गहरे पैठा यह अपेक्षाकृत भारी जल  उत्तर की  तरफ प्रसार करता रहता है ,इस प्रकार दुनिया भर के गहरे समुन्दरों को लबालब    रखता   चलता है और   धीरे   धीरे  अपने   ऊपर की अपेक्षाकृत गुनगुनी  परतों वाली जल राशि से संयुक्त   होता   रहता है .उसमे    रिलमिल  जाता    रहा  है .आहिस्ता आहिस्ता .
गौर   तलब  है दुनिया भर के सागरों  में मौजूद  डीप  ओशन  करेंट्स  अन्दर  अन्दर  प्रवाहमान  गहरी जल धाराएं  आलमी ताप (तापमानों ) और कार्बन  के परिवहन  में एहम  भूमिका  निभाती  आईं  हैं .बत्लादें आपको हमारे समुन्दर कार्बन के सबसे बड़े सिंक हैं .पृथ्वी  की जलवायु  इन्हीं  के हाथों  विनियमित  होती  आई  है .
पूर्व    के अध्ययनों     से विदित   हुआ  था  यह गहरे बहती जल धाराएं    इनमे  मौजूद  विशाल  जल राशि गरमाने  लगी  है ,अपनी नमकीनियत   भी  खोती  रही है . लेकिन  हालिया  अध्ययन  इसके तेज़ी से मात्रात्नक   रूप   से कम  होने की इत्तला  दे   रहा है .भूमंडलीय जलवायु के लिए यह अच्छी खबर नहीं है .
लेबल :सिमट रहा है एंटार्कटिक  बोटम      वाटर  .समुन्दर डीप ओशन करेंट्स ,जलवायु ,कार्बन सिंक .


छरहरे रहतें हैं अकसर चोकलेट प्रेमी .

छरहरे रहतें हैं अकसर चोकलेट प्रेमी .
Dark secret :Gorge on chocolates to stay slim/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,MARCH 28 ,2012
साइंसदानों  ने पता लगाया है वे लोग जो हफ्ते में कई मर्तबा चोकलेट खाते रहतें हैं छरहरे बने रहतें हैं बरक्स उनके जो कभी कभार ही चोकलेट खातें हैं .साइंसदानों का अब यह भी कहना है सवाल केवल केलोरी की मात्रात्मक -ता का ही नहीं है उसकी कम्पोजिसन बनावट का भी है .
अध्ययन में १००० लोगों की खुराक पर नजर रखी गई .उनके द्वारा खपत में ली गई दिन भर में कुल केलोरीज़ ,बॉडी मॉस इंडेक्स का भी जायजा लिया गया जिसे मोटापे का निर्धारक तत्व माना जाता है .
बेशक चोकलेट केलोरीज़ का ज्यादा भार लिए है लदी है केलोरियों से लेकिन इसमें मौजूद रहतें हैं कुछ ऐसे तत्व कुछ ऐसे घटक जो वजन घटाने के पक्ष में जातें हैं .,फैट संश्लेषण से इन घटकों का कुछ लेना देना नहीं रहता है .जैसा की अब तक माना समझा जाता रहा है .
यह अंतर सम्बन्ध तब भी देखा गया जब अन्य  चीज़ों पर भी गौर किया गया मसलन कौन कितना व्यायाम करता है सक्रीय रहता है दिनचर्या में .
यह भी पता चला एहम बात यह नहीं है आप कित्ती चोकलेट खातें हैं एहम बात यह है हफ्ते में कितनी मर्तबा खातें हैं .अध्ययन में खाई हुई चोकलेट की कुल मात्रा का कोई अंतर सम्बन्ध नहीं देखा गया .
असल बात वजन के निर्धारण में केलोरियों की संख्या नहीं है केलोरियों की कम्पोजीशन ही है .
केलिफोर्निया विश्विद्यालय संदियेगो कैम्पस के साइंसदानों ने इस अध्ययन को संपन्न किया है .
बकौल रिसर्चरों के एंटीओक्सिडेंट यौगिक Catechins ,लीन मसल मॉस को पुख्ता करतें हैं बढातें हैं .वजन को घटाने में विधाई भूमिका भी निभा सकतें हैं .
चूहों पर संपन्न अध्ययन में यह पुष्ट भी हुआ है .जिन चूहों को लगातार १५ दिन तक डार्क चोकलेट में पाए जाने वाला epicatechin दिया गया उनके कसरत प्रदर्शन में भी सुधार हुआ मसल की बुनावट भी पुख्ता हुई .सुधरी .
मनुष्यों पर आजमाइशें  होना बाकी है .  

मंगलवार, 27 मार्च 2012

बड़े दिमाग वालों के होतें हैं ज्यादा दोस्त .

कितनी दूर तक निभाते हैं आप दोस्ती ?क्या शोहरत है आपकी दोस्तों में, दोस्ती निभाने में बतलायेगा आपके दिमाग का साइज़ (आकार ).ऑक्सफोर्ड विश्व -विद्यालय के माहिरों ने आपके दोस्तों की संख्या और आपके मष्तिष्क के आकार के बीच परस्पर एक अंतर -सम्बन्ध की पुष्टि की है .
Brain size linked to how many friends you have /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,MAR26,2012,P15.
आँखों  के ठीक ऊपर दिमाग का एक हिस्सा होता है ' दी ओर्बिटल प्री -फ्रन्टल -कोर्टेक्स 'यह हिस्सा उन लोगों में अपेक्षाकृत ज्यादा बड़ा पाया गया है जो यारों के यार है और ज्यादा लोगों से जिनका याराना है .
'दी प्रोसीडिंग्स ऑफ़ दी रोयल सोशायटी  बी जर्नल 'में यह सारा मामला (इस अध्ययन की रिपोर्ट )छपी है .पता चला है एक से ज्यादा दोस्त बनाए रखने में एक से ज्यादा ही बोध सम्बन्धी संज्ञानात्मक सेटों को सुचारू रूप दक्ष रखने की कायम किये रहने की ज़रुरत पड़ती है .
इस हुनर  को यूं कहिये हुनरों को ,इन  स्किल्स को  एक नाम दिया गया है-मेंट -लाइज़िंग   या फिर माइंड रीडिंग .यानी आपमें सामने वाले के दिमाग में क्या चल रहा है वह जान लेने का अतिरिक्त कौशल .
और यह वैयक्तिक क्षमता दिमाग के ख़ास हिस्सों के आकार से ताल्लुक रखती है .खासकर दिमाग  का एक हिस्सा फ्रन्टल लोब इस काम को अंजाम देने की योग्यता से सम्बद्ध समझा गया है .
Frontal lobe is the front part of each hemisphere of the brain.It is the anterior part of each ce -rebral hemisphere (cerebrum),extending as far back as the deep central sulcus (cleft) of its upper and outer surface .Immediately anterior to the central sulcus lies the motor cortex ,responsible for the control of voluntary movement ,the area further forward -the prefrontal lobe -is concerned with behaviour ,learning ,judgment and personality.
लेबल :बड़े दिमाग वालों के होतें हैं ज्यादा दोस्त .दिल दिमाग और दोस्त ?
राम राम भाई !  राम राम भाई ! राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के बनामपाक कला :
  सलाद ड्रेसिंग के लिए हंग कर्ड  या चक्का दही का स्तेमाल कीजिये .चक्का दही तैयार करने के लिए लो फेट या लाईट मिल्क (सपरेटा दूध ) बाज़ार    से खरीद कर जामुन(तोड़   ,खट्टा  )      लगाके   ज़मा  दीजिये  .इस प्रकार तैयार दही को मलमल के महीन कपडे में गांठ बाँध के चार घंटे तक लटका रहने दीजिए .और ड्राई करना है तो इसे वजन से दबाकर छोड़ दीजिये .अब इसे फैंट कर सलाद पर  बुरक दीजिये .यही है चक्का या हंग कर्ड .
कुकिंग टिप्स :
(इसे नुखा -ए -सेहत न  समझा जाए  ,स्वाद     खोरों    के   लिए   है     यह      ):
रेड  मीट  को पकाने के बाद उसे कमरे के ताप पर ही रखा रहने दे .ज्यादा जूसी हो जाएगा ,जूस समान रूप से वितरित हो जाएगा .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
गर्भ धारण के मौके बढ़ाती है गर्मागर्म चाय .गर्भ धारण के मौके बढ़ाती है गर्मागर्म चाय .यह कमाल है उस एंटी -ओक्सिडेंट का जो चाय में पसरा रहता है .बोस्टन विश्वविद्यालय के रिसर्चरों के अनुसार जो महिलायें नियमित चाय का सेवन करतीं हैं उनके गर्भधारण करने के मौके २७ %बढ़ जातें हैं बरक्स उनके जो चाय कभी पीती ही नहीं है .चाय में मौजूद एंटीओक्सिडेंट तत्व प्रजनन  क्षमता गर्भ धारण क्षमता ,गर्भाधान की संभावना को बढाता है .
दूसरी तरफ इसी अध्ययन से यह भी इल्म हुआ है दिन में  रोजाना दो मर्तबा फजी ड्रिंक्स पीना गर्भधारण के मौके कम कर देता है .  इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप डाईट  सोडा पी  रहें  हैं या  रेग्युअल्र शक्कर संसिक्त  सोडा .
रोजाना दो मर्तबा कथित सोफ्ट ड्रिंक्स पीने  वाली महिलाओं के लिए गर्भ धारण के मौके (संभावना )२० %कम हो जाती है अन्यों के बरक्स जो इनके चस्के से दूर ही  रहतीं हैं .
जिनकी वरीयता में कोफी पीना शामिल है उनपर कोई असर नहीं पड़ता देखा गया है इस अध्ययन में .गर्भ धारण के मौके संतान चाहने वाली ऐसी महिलाओं के लिए न कम होतें हैं ,न बढ़ते हैं .
३६०० ऐसी महिलाओं का गहन विश्लेषण करने के बाद जो गत एक बरस से बच्चा चाह रहीं थीं ये निष्कर्ष निकाले गएँ हैं .
ये महिलायें चाय कैसे पीती थीं लेमन के साथ या दूध के रिसर्चरों को इसका इल्म नहीं है अलबत्ता दिन में दो या तीन बार चाय का सेवन करने वाली संतान की इच्छुक महिलाओं के लिए गर्भधारण के मौकों में २७%इजाफा देखा गया .बेशक कुछ और चीज़ें भी इनकी जीवन शैली में शरीक रहीं हो सकती है .मसलन अपेक्षाकृत ज्यादा उम्र की थीं ये संतान  चाहने वाली और चाय पीने वाली महिलायें बरक्स उनके जो चाय पीती ही नहीं थीं .   

रविवार, 25 मार्च 2012

फिर जकड़ा मुंबई को एक नै किस्म की तपेदिक ने .

फिर जकड़ा मुंबई को एक नै किस्म की तपेदिक ने .
 New form of TB gives docs sleepless nights/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,MARCH 24,2012,FRONT  PAGE NEWS ITEM.
15  वर्षीय वीणा की रोगनिदानिक रिपोर्ट निराशा पैदा करती है .हतोत्साहित हैं उसके चिकित्सक .

फेफड़ों के एक्स रे की रिपोर्ट बतलाती है उसके फेफड़ों पे बरपा तपेदिक का बहुत छोटा जीवाणु (ट्यूब -कुलोसिस -बसिलस)केवल दो दवाओं के प्रति संवेदी है (दो दवाओं का नोटिस लेता है )शेष आठ दवाओं के प्रति बे -असर बना रहता है उनका नोटिस ही नहीं लेता .
अब इसे चाहे एक्स्ट्रीमली /एक्स्तेंसिवली /टोटल ड्रग रेज़िस्तेंत ट्यूब -कुलोसिस कहो या कुछ और क्या फर्क पड़ता है .असल सवाल यह है केवल दो दवाओं से इस किशोरी का इलाज़ कैसे किया जाए ?
दवाओं के प्रति पूर्ण प्रति -रोध दर्शा रही है तपेदिक की यह स्ट्रेन.
भले अभी विश्व -स्वास्थ्य संगठन इसे टोटली  ड्रग रेज़िस्तेंत बतलाना जल्द बाज़ी माने (यही कहा है उसने अपनी हालिया जिनेवा बैठक में)लेकिन मुंबई इसकी प्रेत छाया से आजिज़ आ रहा है .विश्व तपेदिक  दिवस पर तपेदिक के माहिर इस बाबत आश्वश्त नहीं है .स्थिति गंभीर है ,चिंताजनक है .
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
 
मरीजों का दुःख दर्द बद से बदतर बनाया  है तपेदिक की महंगी दवाओं ने.
TB patients' woes  worsen due to expensive drugs/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,MARCH 24 ,2012.P6.
Victim Can Infect 10 Others In A Year:Docs
मुंबई नगरी में एक दम से दवा रोधी तपेदिक की नै किस्म के मामलों में चौतरफा इजाफा हुआ है .सबसे ज्यादा अरक्षित ,सुभेद्य और नाज़ुक साबित हुए घाटकोपर और कुर्ला जैसे वह इलाके जहां प्रतिवर्ग किलोमीटर ज्यादा   लोग रह रहें हैं ,जनसंख्या बहुल इलाके हैं जो .भीड़ भाड़  वाले इलाकों में एक को रोग होने का मतलब है इस एयर बोर्न डिजीज का सांस कफ़ के ज़रिये दस और लोगों तक पहुंचना .

पिछली    रिपोर्ट में हमने  बदले  हुए  नाम  से  जिस  किशोरी  वीणा  का  ज़िक्र  किया  है  वह  घाटकोपर  की  रमाबाई   कोलोनी  में  ही  रहती  है  .इसके  अलावा  भी  यहाँ  गंभीर  रूप  से   दवा रुपी तपेदिक के दो मामले डॉ .अमोल मान्रेकर की पकड़ में रोग निदान के बाद इसी मार्च के महीने में आयें हैं .
इनमें से एक मरीज़ तो सिर्फ एक दवा के प्रति ही संवेदनशीलता (सेंसिटिविटी )दर्शा रहा है .जबकि तपेदिक का इलाज़ दवाओं के मिश्र ड्रग कोम्बो से किया जाता है .एक साथ एक से ज्यादा दवाएं दी जाती हैं .बकौल डॉ .मान्रेकर -

अब यह एक अकेली दवा जो सेंसिटिविटी दिखला रही है पहले तो बहुत मंहगी है दूसरे इस बात की कोई गारंटी नहीं है कोई निश्चय नहीं है यह असर करे ही अकेले .
ऐसे कैसे एक गरीब मरीज़ से कहा जाए क़ि  तू यह मंहगी दवा खरीद के खा .
बेशक मुंबई नगरी के लिए यह प्रबंध किया गया है ,जो मरीज़ तपेदिक के निजी चिकित्सकों के पास पहुंचेंगे उन्हें भी सरकारी सहायता से सुलभ दवाएं मुहैया करवाई जायेंगी .लेकिन यह प्रबंध अभी ज़मीन पर नहीं उतरा है .
सरकारी प्रबंध है होते होते ही होगा .
लिहाजा डॉ .मान्रेकर ने ऐसे ही निम्न वर्ग के दो मरीजों को सरकारी अस्पताल भेज दिया है .दोनों ही सीवियर ड्रग रेज़िस्तेंत ट्यूब -कुलोसिस की चपेट में हैं .
बेशक इन्हें आदिनांक कोई दूसरी पंक्ति की (सेकिंड लाइन ड्रग )दवा अभी नहीं दी गई है .सरकार  इनकी इससे पहले  दोबारा जांच करना चाहती है . 

जनवरी में हिंदुजा अस्पताल ने ऐसे १२ मरीजों के बारे में बतलाया था जो वहां इलाज़ के लिए पहुंचे थे जो पूर्ण तय : दवा रोधी तपेदिक की चपेट में थे .(टोटली  ड्रग रेज़िस्तेंत बतलाया गया था इन्हें ).बाद इसके दिल्ली से चिकित्सकों और माहिरों की एक टीम मुंबई पहुंची थी इसकी पड़ताल के लिए जिसने इन मामलों को   टोटली ड्रग रेज़िस्तेंत बतलाना जल्द बाज़ी और ऐसी पेशकश को अपरिपक्व होना बतलाया.
अलबत्ता सभी २४ नागर तपेदिक वार्डों को एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक तपेदिक जिले के रूप में मान्य समझा गया . l .इन्हें स्पेशल स्टाफ और ज़रूरी इन्फ्रा -स्ट्रक्चर भी मुहैया करवाया गया .
BMC ने ६८३ ड्रग रेज़िस्तेंत मरीजों की शिनाख्त की है .इनमे से ३४७ मरीजों को विस्तृत जांच के बाद चिकित्सा संघ ने केटेगरी चार में रखा है .आठ अन्यों को केटेगरी पांच में रखा गया है .
यही कहना है डॉ .मिनी खेत्रपालसाहिबा  का .आपको मुंबई का प्रथम तपेदिक नियंत्रक अधिकारी (अफसर) बनाया गया है .
बकौल आपके चंद महीनों में ही कई अस्पतालों में तपेदिक के बेड की संख्या बढ़ा दी गई है .सभी अस्पतालों को दवाएं दे दी गईं हैं ताकि ड्रग रेज़िस्तेंत ट्यूब -कुलोसिस का समुचित इलाज़ हो सके .
सेवरी टी बी अस्पताल में इसके मरीजों के इलाज़ के लिए बेडों की संख्या ४४ से बढाकर ९० कर दी गई है .
दस वार्डों में घर घर जाकर निगरानी का काम भी किया जाएगा कौन दवा खा रहा है कौन नहीं .दवा नियमित खाना एक बड़ा मुद्दा है .लोग थोड़ा आराम आने पर दवा बीच में ही छोड़ देतें हैं .यहीं से दवा रोधी तपेदिक की नींव पड़ती है.
राम राम भाई ! राम राम भाई !  राम राम भाई !
 
गुज़िस्तान सालों में बदलता  रहा है तपेदिक का प्रकार. (मिजाज़ ,स्वरूप ,परस्पर एक दूसरे से भिन्न रोग  की किस्में  ) .
१९९० के दशक के मध्य के बरसों में यानी मिड -९० ईज़ में मल्टीड्रग रेज़ीस्तेंट स्ट्रेन के मामले पकड में आये .(MDR-TB)
२००६ में एक्स्ट्रीमली ड्रग रेज़ीस्तेंट टी बी का प्रगटीकरण हुआ .(XDR-TB).
2008 इटली  में  रोग  के  ऐसे दो मामले सामने आये जिनमें सभी पहली और दूसरी पंक्ति की दवाओं के प्रति प्रति -रोध मिला .
२००९ ईरान में तपेदिक के ऐसे १५ मरीज़ सामने आये जिन पर उपलब्ध सभी टी बी प्रति -रोधी दवाएं बे -असर रहीं .इन्हें एक्स्ट्रीमली ड्रग रेज़िस्तेंत (XXDR -TB )और टोटली   ड्रग  रेज़िस्तेंत  टी बी (TDR-TB )कहा बतलाया   गया  .                     जनवरी २०१२ में भारत में चार मरीजों को पूर्ण दवा प्रति -रोधी तपेदिक का मरीज़ बतलाया गया .जन संचार माध्यमों ने ऐसे ही चार और मामलों का भी इसी समय उल्लेख किया .
मार्च २०१२ में विश्व -स्वास्थ्य संगठन ने चर्चित मामलों को पर्याप्त और पुख्ता  प्रमाणों  के अभाव में इनके TDR-TB होने से अपनी असहमति जतलाई . 
विश्व -स्वास्थ्य संगठन के नामकरण के अनुसार MDR-TB STRAIN उसे माना समझा जाएगा जो प्रथम पंक्ति की दोनों ही मुख्य दवाओं 'ISONIAZID'और RIFAMPICIN के प्रति बे -असर बनी रहे प्रति रोध दिखलाए .
संगठन के अनुसार रोग की XDR-TB,एक्स्तेंसिवली    ड्रग रेज़िस्तेंत  किस्म उसे माना जाएगा जिसमें MDR -TB सुईं  से  दी जाने वाली निम्न में से  किसी एक ( एमिकसिंन .कैनामायसिन ,या फिर कैप्रियोमाय्सिंन )के अलावा भी किसी फ्ल्युओरो -क्विनो -लोन्स के प्रति भी प्रति -रोध दर्शाए .
तीन वजहों से विश्व -स्वास्थ्य संगठन को T DR-TB STARIN प्रयोग पर एतराज है :-
(1)  Drug susceptibility testing (DST) key to defining new levels of drug resistance ,lacks accuracy for several drugs used to treat multidrug -resistant (MDR )and extensively drug -resistant (XDR)-TB.
(2) Insufficient correlation of DST results with clinical response to treatment for several drugs used to treat XDR-TB.
(3)New drugs are undergoing clinical trials and could prove effective against drug resistant strains.
राम राम भाई !   राम राम भाई !  राम राम भाई !
 नुश्खे सेहत के :             भूख बढाता है नित्य प्रति आधा चमच्च अदरक का रस इतने ही शहद के साथ मिलाकर चाटना .
नुश्खे सेहत के :  यदि होंठ फट गए है क्रेक्द लिप्स से आप आजिज़ आ रहें हैं ,दही में एक चुटकी हल्दी पाउडर मिलाकर लगाइए .अलावा इसके दही हल्दी का लेप चेहरे पे निखार (नूर )लाएगा ,सन बर्न्स से भी बचाएगा .चेहरे पे भी इसका उबटन स्तेमाल करिए परम्परा बद्ध  नुश्खा है .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
चर्चा मंच के लिए विशेष :ज़रा सोचिये भाई साहब :
ज़रा सोचिये :क्यों थुक्कड़ बे -खबर हैं आसन्न खतरे से जबकि मुंबई नगरी तपेदिक रोग की एक बेहद संक्रामक भीष्म किस्म (स्ट्रेन) की चपेट में आती जा रही है जो आपके जन स्थलों पर लापरवाह होकर थूकने ,कफ उलीचने ,छींकने से फैलता है .थूक और कफ की छोटी छोटी   हवा में तैरती बुंदियों के ज़रिए.
पब्लिक प्लेस पर सरे आम थूकने  पर महानगर पालिका ने यूं २०० रुपया जुर्माना आयद किया है .लेकिन लोग फिर भी नजर बचाके कहीं भी थूक  देतें हैं .ज्यादा तर शातिर पकड में नहीं आते .

जनस्थलों  पार्कों ,सड़कों यहाँ तक की नजर बचाके चलती बसों से थूकना एक सामजिक जुर्म है बुराई भी है जो हमारे सौन्दर्य बोध के पर कुतरती है .

थूकना  एक गैर सामाजिक चीज़ है  फिर भी १.१ लाख मुंबई के थुक्कड़ लोगों को जुलाई से दिसंबर २०११ के दरमियान जुर्माना भरना पड़ा है अपनी इस आदत के चलते .क्लीन अप मार्शल्स को कितनो ने हेंकड़ी दिखाते हुए जुर्माना अदा भी नहीं किया है .
सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस वर्ग के ७० फीसद जुर्म थूकने से ही ताल्लुक रखते हैं .इस मद में एकत्रित कुल राशि ३.२१ करोड़ में से २.२४ करोड़ थुक्कड़  लोगों से वसूला गया है .  

शनिवार, 24 मार्च 2012

एक साधारण सा रक्त परीक्षण करेगा दिल के दौरे की भविष्यवाणी .

एक साधारण सा रक्त परीक्षण करेगा दिल के दौरे की भविष्यवाणी .
एक अमामूली सा ब्लड टेस्ट अब समय रहते यह बतला देगा कहीं अगले पखवाड़े आपको दिल का दौरा तो पड़ने वाला नहीं है .
A Simple blood test can predict heart attacks/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,P21.
अमरीकी रिसर्चरों को दिल के मरीजों में एब्नोर्मल सेल्स मिलीं हैं जो आम सेल्स के बरक्स खासी बड़ी हैं .असामान्य है विकृत हैं कुदरती कोशाओं से अलग दिखतीं हैं .
रिसर्चरों का यह भी कहना है अब एक आम रक्त परिक्षण से दिल के दौरे के खतरे को समय रहते भांप लिया जाएगा .
स्क्रिप्स ट्रांसलेश्नल साइंस इंस्टिट्यूट के साइंसदानों ने पता लगाया है ,जिन मरीजों को  दिल का दौरा पड़ा है उनकी एंडोथेलियल ब्लड सेल्स असामान्य तौर पर आकार में वृहद् हैं ,खराब हैं ,विकृति लिए हैं .कभी कभार इनमे एक से ज्यादा नाभिक (न्यूक्लियस )भी दिखतें हैं .
इन्हें जांच परख कर अब आइन्दा निकट भविष्य में पड़ने वाले दिल के दौरे का पता लगाया जा सकेगा .
साइंस ट्रांसलेश्नल मेडिसन में यह अध्ययन इसी सप्ताह प्रकाशित हुआ है .
चिकित्सकों को यह तो इल्म था क़ि  धूम्र पान जैसे व्यसन ,मोटापा ,खून में चर्बी का ज्यादा घुला रहना दिल की बीमारियों के खतरे के वजन को बढ़ा देतें हैं लेकिन दिल के दौरे क़ी प्रागुक्ति करना हृद -वाहिकीय विज्ञान(कार्डियो -वैस्क्युअलर साइंस    )के लिए 'खुल जा सिम सिम 'की तरह रहा है .होली ग्रेल रहा है .अलब्ध रहा है लेकिन इसे हासिल करने की बे -इन्तहा कोशिश की गई है .
इस अध्ययन में उन पचास मरीजों को शामिल किया गया है जो दिल का दौरा पड़ने के बाद आपात कालीन चिकित्सा के लिए अस्पताल पहुंचे थे .जांच करने पर इनमे ये एब्नोर्मल सेल्स मिले .
इसकी उपयोगिता और स्तरीयता का अन्यत्र प्रमाणीकरण होवे तो अगले बरस तक ही यह  परीक्षण आम जन को मयस्सर होवे , इसका विधिमान्यकरण प्रतीक्षित है .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के :
पेट में अफारा है ,बादी हो रही है या गैस बनती है ?
       सुबह उठते ही खाली पेट एक ग्लास ताज़ा जल के साथ दो कलियाँ छिलका हटाकर लहसुन की गटक लें .गैस से जुडी समस्याओं से राहत मिलेगी .
फेफड़ों को हवा ले जाने वाली नलियों में ब्रोंग्कस, में श्वसनी नलियों में यदि सूजन है जिसकी वजह से बुरी तरह खांसी आती है खांसी का दौरा सा पद जाता है ,ब्रोंकाइटिस या श्वसनी शोथ की चपेट में आयें हैं तब फूल गोभी का सूप गरमा गर्म आजमाइए .राहत मिलेगी .
Have a bowl of cauliflower soup to cure a bad bout of bronchitis.
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
ज़रूरी नहीं है दिल का दौरा पड़ने पर एड्रीनेलिन की सुईं आपको रास आये .
Adrenaline shot may not always help heart patients./TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,MARCH 22,2012,P21.
एक जापानी अध्ययन के अनुसार अकसर दिल का दौरा पड़ने पर घर और अस्पताल के बीच राहत के लिए  दिल के मरीजों को एड्रीनेलिन (जिसे एपिनेफ्राइन भी कह देतें हैं ) का टीका लगा दिया जाता है ,लेकिन यह ज़रूरी नहीं है यह टीका दीर्घावधि असर के तौर पर हरेक को रास आये .
दिल की धड़कन यकायक बंद हो जाने पर अकसर मरीजों को घर और अस्पताल के बीच में एड्रीनेलिन का टीका लगा दिया जाता है .बेशक इनके दिल की ओर रक्त प्रवाह तो  शुरू हो जाता है दिल रक्त उलीचना भी शुरू कर देता है लेकिन महीने बाद ही ये ही मरीज़ बिना ब्रेन डेमेज के बचे रह जाएँ इसकी संभावना भी कम ही रह जाती है .
इसका मतलब यह हुआ उक्त टीका दिल को तो बचा लेता है लेकिन दिमाग को नुकसानी से  नहीं बचा पाता.इनके ब्रेन डेड होने की संभावना बढ़ जाती है .ब्रेन डेड होना अंतिम मृत्यु है ,क्लिनिकल डेड मरीज़ को मशीनों से ज़िंदा रखा जा सकता है .ब्रेन डेड को नहीं .
अपने अध्ययन में रिसर्चरों की टीम ने उन ४,१७ ,००० मरीजों पर गौर किया जो कार्डिएक अरेस्ट के बाद इलाज़  के लिए अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं तक २००५ -२००८  के दरमियान लाये गए थे .
अमरीका में हर बरस अस्पतालों के बाहर ही ३,८० ,००० लोगों के दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है .
ऐसे में सी पी आर (कार्डिएक  पल्मोनरी री -सैशिटेशन यानी CPR)के अलावा कभी कभार बिजली का हल्का झटका भी दिल को चालु करने के लिए दिया जाता है लेकिन अधिकाँश मरीजों को अस्पताल की राह होने पर एड्रीनेलिन का टीका ही दिया जाता है .
ये टीका खून की उन नालियों को संकरा कर देता है उनमें सिकुडन पैदा कर देता है जो दिल को रक्त नहीं ले जातीं हैं जिनका रूख शेष शरीर की ओर रहता है .ऐसे में दिल तक अधिकतम रक्त की आपूर्ति होने लगती है .
अध्ययन की अवधि में कुल मिलाकर १५,००० लोगों को ही एड्रीनेलिन का टीका दिया गया था .इनमे से १९ %का सर्क्युलेशन एम्बुलेंस में ही चालु हो गया था .जबकि शेष को जिन्हें यह टीका नहीं दिया गया था इनमे से ६%के मामलों में ही ऐसा हो सका था .
यह अध्ययन अमरीकी चिकित्सा संघ  के एक प्रपत्र (जर्नल ऑफ़ अमरीकन मेडिकल अशोशियेशन ) में प्रकाशित हुआ है .
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के :
              अम्ल शूल,खट्टापन ,अम्लता,तीखापन ,अम्ल रोग यानी एसिडिटी   से बचाव के लिए एक लॉन्ग दोपहर और रात के खाने के बाद चूसें .चबाके खा जाएँ बाद में .
सर दर्द से बचाव के लिए प्रात :एक सेब नमक काली मिर्च लगाके खाएं .
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
गर्भवती माताओं द्वारा कोकेन जैसी एक दवा का सेवन क्या क्या गुल खिला सकता है ?
Meth use by moms harm babies:/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI /P21 .
जो माताएं मौज मस्ती के लिए कोकेन जैसी एक नशे की दवा 'मीथा-एम्फी -टेमाइन'का स्तेमाल करतीं हैं वह अपने अनजाने ही अपने अजन्मे को मुसीबत में डाल सकतीं हैं .
बाल्यावस्था में ही ऐसे बच्चों में व्यवहार से जुडी अनेक समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं .एक नवीन अध्ययन के अनुसार जिन बच्चों का साबका (सामना )गर्भस्थ होने पर ही जन्म पूर्व ही ,इस कोकेन जैसे उत्तेजक पदार्थ से पड़ता है उनकी बढवार अवरुद्ध हो सकती है गर्भावस्था में ही .ऐसे में जन्म के समय इनका स्ट्रेस लेविल बहुत अधिक बढ़ जाता है .अंग संचालन सम्बन्धी विकास (मोटर डिवलपमेंट )भी असर ग्रस्त होता है .यही  लब्बोलुआब है इस अध्ययन का .
Amphetamine:It is a drug or any of its derivetive  .It was used earlier to treat depression and as an appetite suppresant.
Methamphetamine:It is also a form of of the stimulant amphetamine.Its chemical formula is C10H15N.
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
हल्दी का एक यौगिक पार्किन्संस रोग का पुख्ता इलाज़ ?
Turmeric compound key to Parkinson's cure/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,P21.
हल्दी  में मौजूद है एक यौगिक  'कुर्क्युमिन '(Curcumin) .समझा  जाता  है यह यौगिक न्यूरो -दिजेनरेतिव  डिजीज पार्किन्संस का पुख्ता इलाज़ बन सकता है .एक भरोसे मंद इलाज़ की ओर ले जा सकता है .यह एक ऐसी प्रोटीन को अपने निशाने पे ले लेता है जो इस अप -विकासी रोग की वजह बनती है .इस प्रोटीन का नाम है :अल्फा -सान्युक्लीन '(Alpha-synuclein).
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने पता लगाया है कुर्क्युमिन इस रेंगने वाली प्रोटीन को गुच्छ बनाने से रोक देता है .इस स्लो -रिग्लिंग प्रोटीन की यही क्लम्पिंग रोग के पहले चरण की नींव रख देती है .आदिनांक लाइलाज बने इस रोग से दुनिया भर में कोई चालीस लाख लोग असर ग्रस्त हैं .
नुश्खे सेहत के :
जायफल को बारीक पीसकर तिल के तेल में मिलाकर कमर के निचले भाग में मालिश करें ,कमर दर्द में राहत मिलेगी .
HEALTH TIPS:
  Add nutmeg seasame oil .Apply this mixture on your lower back for relief from backaches.
नुश्खे  सेहत  के  :
पैरों की बिवाई के लिए घी में नमक पाउडर मिलाकर सोने से पहले मलिए .
Apply ghee with some salt on the cracks on your feet before going to bed.

बुधवार, 21 मार्च 2012

गेस्ट आइटम : छंदोबद्ध रचना :दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है .

                   गेस्ट आइटम :                                                छंदोबद्ध रचना :दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है .
                                                                   -डॉ .नन्द लाल मेहता 'वागीश 'डी.लिट ',पूर्व वरिष्ठ अध्येता ,संस्कृति मंत्रालय ,भारत सरकार .,शब्दालोक ,१२१८,सेकटर ४,अर्बन इस्टेट ,गुडगाँव (हरियाणा )१२२-००१
     आओ सारे मिलकर देखें ,किस्मत किसकी सोहनी है ,
     दिल्ली के दंगल में अब तो ,कुश्ती अंतिम होनी है .
.                        राजनीति की इस चौसर पर ,जैसे गोटी ,वोट ज़रूरी
                         ऐसे काले धन की खातिर ,भ्रष्ट व्यवस्था ,बहुत ज़रूरी .
साथ- साथ दोनों चलतें हैं ,नहीं कहीं कोई तकरार ,
गठ -बंधन की आड़ में यारो ,कैसी अज़ब गज़ब सरकार ,
                          मंत्री मुख में पड़ीं लगामें ,शक्लें सब मनमोहनी हैं ,
                          दिल्ली के दंगल में अब तो ,कुश्ती   अंतिम होनी है .
मंद बुद्धि के पाले में ,फिर तर्क जुटाते कई उकील ,
चम्पू कई हैं जुगत भिड़ाते ,गढ़ते चमकदार तस्वीर
                           कहतें हैं अब उम्र यही है ,इंडिया की बदले ,तकदीर
                           निकल गई गर हाथ से बाज़ी ,पड़ेगी दिल्ली खोनी है
                           उन्नीस की गिनती है ,उन्नीस ,इक्कीस कभी न होनी है ,
                           दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती ,अंतिम होनी है .
 लाख  भोपाली जादू टोने ,अफवाहें छल ,छदम घिनौने
काम नहीं कर पायेंगे ये ,अश्रु जल से चरण भिगोने
अपनी रोनी सूरत से तुम बदसूरत ,चैनल को करते
 दोहराते हो झूठ बराबर ,शर्मसार भारत को करते ,
अब तो आईना सच का देखो ,सर पर बैठी होनी है ,
दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है .
प्रस्तुति एवं सहभावी :वीरेन्द्र शर्मा .(वीरुभई )
लेबल :मध्यावधि चुनाव ,चुनाव ,काग भगोड़ा और मंद मति राजकुमार .
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
 
नुश्खे सेहत के :
उच्च रक्त चाप में राहत के लिए :चार तुलसी के पत्ते ,दो पत्ते मीठे नीम्बू के पानी में घोट पीसके चाटिये.
मधुमेह में रक्त शर्करा के विनियमन के लिए :
   कच्चा पपीता पानी में उबाल कर सेवन कीजिये रोजाना .
राम राम भाई !

राम राम भाई !   राम राम भाई !


किशोर द्वारा दर्द नाशी दवा के गलत स्तेमाल का खामियाजा .

राम राम भाई !  राम राम भाई !
किशोर द्वारा दर्द नाशी दवा के गलत स्तेमाल का खामियाजा .अशोक थोरात (उम्र सोलह बरस )ने पेट और कमर दर्द रहने पर उसकी चिकित्सा अपने आप शुरू कर दी .यह एक ही ब्रांड की दर्द नाशक दवा की गोलियां जनवरी के पूरे महीने  ४-५ रोज़ के हिसाब से खाता रहा .फरवरी में दर्द से एक दम अशक्त होने के बाद इसे अस्पताल में आके भर्ती होना पड़ा .जांच से पता चला इसके पेट में अल्सर था जो मनमाने अविवेकपूर्ण दर्द नाशी भकोसते रहने से बद से बदतर हो गया .यहाँ तक के इन अल्सरों में छिद्रण हो गया .बर्स्ट हो गए ये अल्सर .एक बेहद की पेचीला सर्जरी के तहत उदर और आंत्र शल्य चिकित्सा के माहिर गैस्ट्रो-इन -तेस्तिनल सर्जन ने इसके उदर से वसा की    एक पर्त निकालकर इन छिद्रों को बंद किया .
माहिरों के अनुसार अपने अनजाने इन दवाओं के नुक्सानात से ना -वाकिफ युवा इनका अधिकाधिक स्तेमाल कर रहें हैं .जो बहुत ही खतरनाक काम है .दर्द नाशियों के मनमाने अविवेकपूर्ण स्तेमाल ने ही घावों को बद से बदतर कर बर्स्ट करवा दिया .
सर्जरी का यह करिश्मा कल्याण स्थित 'फोर्टिस अस्पताल' के उद्रान्त्र सर्जन डॉ .अशोक बोरिस्सा ने कर दिखाया है . यह एक पेचीला शल्य कर्म था .
दर्द नाशियों का मनमाना अविवेकी स्तेमाल अनेक तरह के जोखिम पैदा करदेता है .
जिनमे शामिल हो सकतें हैं :
(१)गुर्दों की नुकसानी ( kidney damge ).
(2)ह्रदय गति का रुकजाना (cardiac arrest).
(3)कब्ज़  का  बने  रहना  (constipation).
(4)आंत्र छिद्रण (Perforations in  intestines.).
(5)मिचली /मतली /उबकाई /उलटी होने की अनुभूति (Nausea).
सन्दर्भ  -सामिग्री  :Painkiller abuse drills holes in teen's stomach/SUNDAY TIMES /MARCH 18 ,2012,FRONT PAGE .
राम राम भाई !  राम राम  भाई !
नुश्खे सेहत  के :
  ताम्बई चमड़ी से छुटकारे के लिए (धूप में देर तक बैठने ,सूरज को ताकते रहने से चेहरे की त्वचा का रंग ताम्बे जैसा हो जाता है )हल्दी पाउडर के साथ कच्चा (बिना उबाला हुआ )दूध मिलाकर एक  पेस्ट तैयार करें इसे चेहरे पे लगाके १५ मिनिट के बाद चेहरा धौ डालें .
To get rid of a tan ,apply a paste of turmeric powder and milk on your face ;wash it off after 15 miniutes.
कील मुंहासों से राहत के लिए कच्चे लहसुन की तीन कलियाँ रोजाना एक महीने तक  खाएं .
Acne can be cured by eating three cloves of raw garlic once a day for a month .
रेशों  से ,फाइबर्स या रफेज़ भरपूर मूली पाचन में सहायक   है.जल  की मात्रा को भी शरीर में बनाए रहती है मूली,  बवासीर में राहत पहुंचाती है .
Radish is rich in roughage  .This facilitates digestion and retains water ,which helps in relieving piles.
स्त्राबेरीज़ में मौजूद फिनोल्स (phenols )ओस्टियोआर्थरायतिस से मुकाबले  में राहत पहुंचाती है .ओस्तियोआर्थ्राइतिस एक इन्फ्लेमेत्री(शरीर में सूजन और जलन पैदा करने वाला प्रज्वलन कारी  विकार है) डिसऑर्डर है .
The phenols in strawberries fight against inflammatory disorders such as osteoarthritis.
Osteoarthritis:It is a degenerative disease of joints resulting from wear of the articular cartilage,which may lead to secondary changes in the underlying bone .The joints are painful and stiff with restricted movement.
It is a type of arthritis marked by progressive cartilage deterioration in synovial joints and vertebrae .
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के :
              अम्ल शूल,खट्टापन ,अम्लता,तीखापन ,अम्ल रोग यानी एसिडिटी   से बचाव के लिए एक लॉन्ग दोपहर और रात के खाने के बाद चूसें .चबाके खा जाएँ बाद में .
सर दर्द से बचाव के लिए प्रात :एक सेब नमक काली मिर्च लगाके खाएं .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
अब पढ़िए जुल्म की इंतिहा - 

जुल्म की मुझ पे , इंतिहा कर दे ,
मुझसा ,बे -जुबाँ, फिर कोई मिले ,न मिले .
पूरी शताब्दी हो गई  है नपुंसक   ,
पिछले  दो   सौ  सालों   से  ,देख  रही  है ,बलात्कार .
ये हाल हैं बांग्ला देश के चकला घर के.यहाँ यौन  -   कर्मी कैद हैं जो गोतेमाला  के बंदी गृह को मात देतें हैं .यहाँ कम उम्र की मासूमों को मांसल दिखलाने के लिए ,पीन -स्तनी ,दर्शाने के लिए उन्हें दिया जा रहा है एक  स्तीरोइड'औराड़ेक्सोंन '( Oradexon).
यही  वह स्तीरोइड है जो कुछ किसान गायों को मांसल बनाने के लिए देतें  हैं ताकि प्रति किलोग्राम वजन उनसे ज्यादा मांस प्राप्त किया जा सके .
वहां चाय बीडी सिगरेट की दुकानों पर यह स्तीरोइड आम मिल रहा है .क्षुधा   वर्धक  है यह स्तीरोइड जो गरीबी   को ढक लेता है .जोबन से मदमाती खाते पीते घरों की दिखाता है इन बे -ज़ुबानों को .
इसके सेवन के बाद ये गरीब लडकियां  आराम से 10-15 ग्राहकों   को निपटा   लेतीं   हैं .भले     इनके   दीर्घावधि  असर  सर्व  ज्ञात   हैं .भले अन्दर    से टूटी   हुई  बे -जान  ,बे -रूह  हों , ये निस्सहाय आत्माएं .
  

Teenage brothels hold dark secreot‎

The neighborhood of around a hundred of buildings with more than 800 small rooms is one of the 14 official brothels of Bangladesh, but are in essence a prison for around 900 sex workers. The young sex workers of this brothel must serve at least 10-15 customers each day. It is common practice among prostitutes of Kandapara brothel in Tangail to take steroids like Oradexon — a steroid used by farmers to fatten their cattle. The drug can be found in any tea or cigarette stall around the brothel. It increases their appetite, making them gain weight rapidly and giving the appearance that these poorly nourished teens are in fact healthy and older - attracting clients who prefer girls with "curves".Oradexon, they say, keeps them going, even though there are known risks associated with its long-term use. Here is a photo essay by Andrew Biraj that takes a look at the dark secret behind Bangladesh's "teenage" brothels.

राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !

मुख दुर्गन्ध नाशी ही नहीं मुख कैंसर से भी बचाती है 'ग्रीन  टी '
Green tea can beat bad breath ,cancer/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,P15/MARCH 19,2012.
इजराइल    प्रोद्योगिकी    संस्थान   की एक ताजातरीन शोध के अनुसार 'ग्रीन- टी' न सिर्फ दुर्गन्ध  मय सांस(मुख निश्वास से पैदा दुर्गन्ध )   से   बचाती है ,मुख कैंसर से भी बचाव कर सकती है .
यह कमाल है इसमें मौजूद  उन जादुई पोलिफिनोल्स (एंटीओक्सिडेंट )का जो मुख में ऐसे कई यौगिकों का खात्मा कर देतें हैं जो दुर्गन्ध  की वजह बनतें हैं .दंत क्षय और ओरल कैंसर की वजह भी यही यौगिक बनते हैं .इसीलिए इसे अब कुदरती सुपर फ़ूड माना जाने लगा है .कुदरत का ऐसा तोहफा जो न सिर्फ हृद रोगों और कैंसर रोग समूह से बचाए रह सकता है,खून से चर्बी भी निकाल बाहर करता है .पार्किन्संस एवं लाइलाज बने एल्जाईमार्स रोग को भी मुल्तवी रखे सकता है .
ताज़ा शोध में रिसर्चरों ने एक ख़ास फिनोल ई जी सी जी (EPI-GALLO-CATECHIN  3  GALLATE,संक्षिप   रूप EGCG) की  पड़ताल  की  है  .यही इस हरी -चाय का प्रमुख घटक है .मुख स्वास्थ्य को बनाए रखने में अब ग्रीन टी की ओर अधिकाधिक ध्यान गया है .हालाकि हरी चाय और साधारण चाय का पौधा एक ही है लेकिन दोनों के संश्लेषण का ,संशाधन का तरिका जुदा है .इसमें  केफीन की मात्रा कमतर रह  जाती है .केफीन शून्य भीइसे बनाया जा सकता है  .अलग स्वादों में भी .लेकिन डेरा रहता है इसमें पोलिफिनोल्स  का .
चीन , धुर पूरब में यह हज़ारों सालों से चलन में है .अब ब्रितानी
 लोग भी इसका दीवाना होने लगें हैं ,अमरीकी भी .भारतीय भी जो खुद से प्यार करतें हैं .    
इसका केलोरी भार भी कम रहता है क्योंकि यह बिना दूध बिना शक्कर के ही पी जाती है .
उल्लेखित अध्ययन  आर्काइव्ज़ ऑफ़ ओरल बायलोजी में प्रकाशित हुआ है .
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के :
       कील मुंहासों से छुटकारे के लिए नारियल के तेल में ताज़ा मीठा  नीम्बू(Lime  juice) निचोड़ के मिलाये .चेहरे पर हलके हलके लगाएं .जहां जहां मुंहासे हैं वहां वहां .
ड्राईनेस इन दी आईज ?
बारबार पलकें झपकाते रहिये (.कुछ लोगों को घूरने घूरते रहने की आदत होती है ,अच्छी नहीं है यह आदत ,सौन्दर्य बोध भी नष्ट होता है ,एशियाइयों का ख़ास शगल  है यह  ).बारहा पलकें झपकाते  रहिये .आँखों का सूखापन कम होगा .
Blinking your eyelids regularly is an effective remedy to cure dryness  in the eyes.
राम राम भाई !   राम राम भाई !  राम राम भाई !मधुमेह के खतरे को बढाता है सफ़ेद चावल .

परिष्कृत सफ़ेद पोलिश किया हुआ चावल प्रमुख भोजन के रूप में मधुमेह के खतरे को बढ़ा सकता है .ब्रितानी विज्ञान प्रपत्र 'ब्रिटिश मेडिकल जर्नल 'के ताज़ा अंक में रिसर्चरों ने यही दावा किया है .
हार्वर्ड के शोध कर्ताओं ने यह नतीजा   ऐसे ही नहीं निकाल लिया है इसके लिए दो एशियाई मूल के लोगों खासकर   चीन और जापान के वासिंदों पर तथा  दो पश्चिम के वासिंदों खासकर   अमरीका और ऑस्ट्रेलियाई आबादी पर संपन्न   अध्ययनों का पुनाराकलन किया गया है, विस्तृत समीक्षा की गई है .ज्ञात  हो  भारत  के भी कितने ही राज्यों में चावल प्रमुख खाद्य बना हुआ है .
इस सन्दर्भ में हमें बार -बार मूल चंद अस्पताल के प्रख्यात हृदय रोग विज्ञानी डॉ .के .के अग्रवाल का विस्तार व्याख्यान याद आता है जो पूर्वा सांस्कृतिक केंद्र,डिस्ट्रिक्ट सेंटर लक्ष्मी नगर  ,नै  दिल्ली में आपने दिया था . किस्सा गोई करते करते ही आपने यह बतला दिया था कि  सफ़ेद परिष्कृत चीज़ें (सफ़ेद चावल ,चीनी ,मैदा आदि ) सेहत  के लिए ठीक  नहीं हैं  खासकर उनके लिए  जिनकी  जीवन  शैली  में बैठे  बैठे काम  करने  की मजबूरी  है .यूं ही ब्राउन राईस को हैप नहीं किया गया है .मोटे अनाज का फंडा फ़िज़ूल नहीं है .
सन्दर्भ -सामिग्री :White rice may raise daibetes risk:/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,P15 ,MARCH 19 ,2012.
लेबल :सफ़ेद चावल ,मधुमेह ,जीवन शैली .