बुधवार, 25 नवंबर 2009

नकली एच दी एल का मतलब ?

चिकित्सा कर्मियों ने असली हाई -डेंसिटी -लिपो प्रोटीन कणों के गुन धर्म वाले ही अब नकली कण प्रयोग शाला में तैयार किए हैं जो रक्त प्रवाह में शामिल होकर असली कणों की तरह ही धमनियों को खुला रखने में मदद गार होंगें .कचरा यानी प्लाक धमनियों की अंदरूनी दीवारों पर ज़मा होकर इन्हें अवरुद्ध कर देता है इसी प्लाक के रप्चर होने पर "सेरिब्रो वेस्क्युलर एक्सीडेंट "आम भाषा में कहें तो स्ट्रोक और हार्ट अतेक्स का ख़तरा पैदा होता है ।
कोलेस्ट्रोल के लेब निर्मित कण एक दिन आर्टरी डीज़ीज़ के रोग निदान और कारगर इलाज़ में समान रूप से कारगर सिद्ध होंगें ।
इन कणों को मेडिकल इमेजिंग में कारगर बना ने के लियें इनके केन्द्रक (कोर )को गोल्ड और इतर मेटल्स से तैयार किया गया है .इन की मदद से प्लाक के बन ने की बेहतर तरीके से मानिटरिंग की जा सकेगी .नार्थ वेस्त्रँ यूनिवर्सिटी के शिकागो स्तिथ केम्पस में "एच दी एल नेनो पार्टिकल्स "तैयार कर लिए गए हैं .इन कणों की खूबी यह है ,जहाँ असली एच दी एल कणों की कोर वसा युक्त होती है ,वहीं इनकी कोर गोल्ड से तैयार की गई है .स्वर्ण की बनी यह कोर एक स्केफोल्ड की भांति ही काम करगी जिसके गिर्द असली कोलेस्ट्रोल की तरह ही चर्बी के अनु चस्पां हो जायेंगें ।
इस प्रकार से तैयार "सिंतेथिक एच दी एल "किसी भी तरह से असली कोलेस्ट्रोल से कम नहीं हैं यह कोलेस्ट्रोल से ज़बर्जस्त तरीके से नत्थी हो उसे सर्क्युलेशन से बाहर कर देता है .आजमाइशों से इस तथ्य की पुष्टि हुई है ।
एच दी एल ला -इक नेनो पार्टिकल्स "इमेजिंग और डायग्नोसिस "दोनों का ही काम करेंगें .आथीरो -इस्केलो -रितिक प्लाक से यही कण एक दिन निजात दिलवाएंगे .

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