बाबा फरीद कहते हैं कि किसी को भी फीका वचन (कटु वचन )न बोलो ,क्योंकि सबमें प्रभु (स्वामी )विद्यमान है। किसी के हृदय को दु :खी न करो ,क्योंकि प्रत्येक जीव एक बहुमूल्य रत्न है। हे प्राणी ,सबका हृदय माणिक्य समान है ,अतः किसी के मन को दुखाना अच्छा नहीं। यदि तुम परमात्मा -पति को मिलना चाहते हो तो कभी किसी का दिल न दुखाओ।
इकु फीका ना गालाइ सभना मै सचा धणी। हिआउ न कैही ठाहि माणक सभ अमोलवे।
सभना मन माणिक ठाहणु मूलि मचांगवा। जे तउ पीरिआ दी सिक हीआउ न ठाहे कहीदा।
इकु फीका ना गालाइ सभना मै सचा धणी। हिआउ न कैही ठाहि माणक सभ अमोलवे।
सभना मन माणिक ठाहणु मूलि मचांगवा। जे तउ पीरिआ दी सिक हीआउ न ठाहे कहीदा।
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