खुदा से पहले क्या था ?
हमारा अपना विधान है तू पहले एक थाली में मोती ले आ। फिर मैं तेरे सवालों का ज़वाब दूंगा।
अब तू इनको आवाज़ के साथ गिन। एक ,दो ,तीन। ... दस्तगीर की बांह पकड़ ली ,नानक बोले तुझे गिनती करनी ही नहीं आती। एक। ... यहां ही तू गलती कर रहा है। तू एक से पहले गिनती कर। खुदा से पहले कुछ भी नहीं ये सारी गिनती उस एक से ही है।
खुदा रहता कहाँ है ?
हमारी ज़वाब देने की मर्यादा है। तू पहले दूध मंगा एक बर्तन में। कटोरा दूध से भरा हुआ आ गया। पीर बोला महाराज पी लो ,फिर मेरे सवाल का ज़वाब दो।
मैं इसके पाक होने पे शक नहीं कर रहा। पर इसके बीच में कुछ है। फकीरा बोला हमें तो दिखाई देता नहीं तुम्हें देता है तो कह दो।
इसमें मख्खन है पर दिखाई नहीं देता।
संसार में निरंकार है खुदा है दिखाई नहीं देता। तू पहले भरोसा कर ले फिर दिखाई देगा।
रब कुछ करता भी है या निरा निकम्मा ही है ?
तू सिंह आसान पे बैठा है मैं खड़ा हूँ।
तू यहां खड़ा हो मैं वहां तेरे आसन पर बैठता हूँ।
खुदा यही कुछ करता है जो राजगद्दी पे बैठा होता है उसे खड़ा कर देता है जो खड़ा होता है उसे गद्दी पे बिठा देता है।
सुख में बहु संगी भये ,दुःख में संग न कोय ,
कह नानक हर भज मना ,अंत सहाई होय।
सुख में आन मिलत बहु बैठत ,
रहत चहुँ दिश घेरे ,
https://www.youtube.com/watch?v=nAtKSmsRL-E
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