पार्टनर का शिकायती लहजा एंजाइना के खतरे के वजन को बढा देता है .
पार्टनर का शिकायती लहज़ा एंजाइना के खतरे को ...
आपके पार्टनर का चौबीसों घंटों का शिकायती लहज़ा ,आपके प्रति आलोचनात्मक स्थाई तेवर ,किसी भी काम के लिए दवाब बनाए रहना ,किसी काम के लिए लगाता बार बार कहते फटकारते रहना एंजाइना के खतरे को बढा देता है ।
अपने अध्ययन में कोपेनहैगन विश्वविद्यालय के साइंसदानों ने डेनमार्क के ४५०० लोगों को शरीक किया इसमें औरत और मर्द दोंनो थे ।
अध्ययन कि शुरुआत में (सन २००० )ये तमाम सहभागी ह्रदय रोगों से ग्रस्त नहीं थे .एक वर्ग चालीस साला तथा दूसरा पचास साला लोगों का था .६ सालों तक इन पर निगाह रखी गई .सेहत का जायजा लिया जाता रहा ।
पता चला साथी कि झिडकियां सहते चले आरहे लोगों के लिए एंजाइना के खतरे का वजन चार गुना बढ़ गया है .बच्चों और परिवार के दूसरे सदस्यों के इस्युज़ (झमेलों )ने ऐसे खतरे के वजन क दो गुना बढा दिया था ।
एंजाइना कोरोनरी हार्ट डिजीज की ही एक सौगात है जिसमे हृदय को पूरी रक्तापूर्ति न होकर आंशिक तौर पर ही हो पाती है .नतीजा होता है सीने में दर्द जो अकसर स्टर्नम से उठता है .कई मर्तबा बाजू से होकर ऊंगलियों तक आजाता है .कभी रेडियेट न होकर जबड़े ,कमर ,स्टमक तक ही सीमित (लोकेलाइज़ )रहता है .कुछ को सीने में दवाब तो कुछ को लगता है कहीं धुयें में फंस गएँ हैं ।
मेनी डिस -क्राइबस दी फीलिंग एज सीवीयर टाईट -नेस ,अदर्स से इट मोर रिज़ेम्बिल्स ए डल "एक" ,दी जर्नल ऑफ़ एपी -डेमिया -लाजी एंड कम्युनिटी हेल्थ रिपोर्ट्स कोंसटेंट नेगिंग बाई ए पार्टनर कैन बी ए पोटेंट ट्रिगर फॉर एंजाइना .
6 टिप्पणियां:
बढियां ,नयी जानकारी
पर इस बात को कोई मानता कहां है :)
बहुत बढ़िया लिखा है आपने! अच्छी जानकारी देने के लिए धन्यवाद!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
एक बेहद ज़रूरी विषय का मनोवैज्ञानिक पक्ष प्रस्तुत किया है आपने ! वैज्ञानिक शोधों से इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है ! अफ़सोस ये है की शायद एक प्रतिशत लोग ही इस विषय को समझते हैं और और उसकी अहमियत को समझते हुए जरूरी स्टेप लेते हैं !
नवीन जानकारी...
बहुत ही सार्थक और उपयोगी जानकारी दी है आपने ........आभार
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