Get moving: More health risks of sitting Reported .
ब्रितानी चिकित्सा पत्रिका (British Medical Journal. )में ताज़ा प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक़ कामके घंटों के बाद भी जो महिलायें ज्यादातर वक्त बैठे बठे गुजारतीं हैं व्यायाम से भी दूर ही रहतीं हैं उनके लिए पल्मोनरी एम्बो -लिज़्म के खतरे का वजन बढ़ जाता है ,बरक्स उन महिलाओं के जो अपेक्षाकृत कमतर समय बैठे -बैठे बिताने के अलावा थोड़ा बहुत व्यायाम भी कर लेतीं हैं .सबसे पहले यह बतलादें कि पल्मोनरी एम्बोलिज्म (पी ई )वह स्थिति है जिसमे रक्त प्रवाह में कहीं से भी आकर खून का कोई थक्का उस मुख्य धमनी में आ फंसे जो फेफड़ों को रक्त ले जाती है .इस कंडीशन के लिए जिन महिलाओं का इलाज़ किया जाता है मेयो क्लिनिक के आकडे बतलातें हैं उनमें से एक तिहाई काल कवलित हो जातीं हैं ।आदिनांक किसी भी शल्य के बाद बैठे रहने की मजबूरी पी .ई की ज्ञात वजह समझी गई है अब इसमें एक रिस्क फेक्टर महिलाओं का देर तक बैठे रहना और आ जुडा है ।
इस कंडीशन का जोखिम बे -शक ओरल कोंत्रासेप्तिव पिल्स लेने वाली महिलाओं के लिए भी दर्ज़ किया गया है लेकिन बैठे रहने वाली महिलाओं के लिए यह इस जोखिम का वजन इससे से थोड़ा ज्यादा ठहराया गया है .
समाधान यही है बैठे बठे समय बिताने के समय को कम किया जाए ।
जन स्वास्थ्य अभियान इस जड़ता को लक्षित कर तोड़ने के लिए चलाए जाने चाहिए ।
अध्ययन में सबसे ज्यादा ख़तरा उस वर्ग की महिलाओं में दर्ज़ किया गया जो दफ्तर के बाद भी हफ्ते में ४१ घंटा बैठे -बैठे वक्त काट रहीं थीं.(वास्तव में तो वक्त ही आदमी की सवारी करता है काटता है उसकी उम्र के पल हर पल ).और सबसे कम उनमें जिनमें यह बैठे रहने की साप्ताहिक अवधि १० घंटा से भी नीचे ही रही थी .
अध्ययन से यह भी पुष्ट हुआ समान समय बैठे रहने वाली महिलाओं में पी ई के खतरे का वजन उनमें कम रहा जो थोड़ा व्यायाम भी कर लेतीं थीं बरक्स उनके जो व्यायाम बिलकुल भी नहीं कर रहीं थीं या फिर कम कर रहीं थीं ।
१९७६ में शुरु हुआ था यह अध्ययन जिसके मार्फ़त १८ साला आंकड़े ६९,९५० महिला नर्सों के बाबत जुटाए गए थे ।
१९८८ में एक बार इस अध्ययन की अप डेटिंग भी की गई .महिलाओं से घर में बिठाये अ-क्रिय जड़ता वाले रूटीन के बारे में सवाल ज़वाब किये गए .
अध्ययन में शामिल ९० %महिलायें गोरी (वाईट )थीं ,जिससे यह भी इल्म हुआ उस दौर में कितने %सफ़ेद चमड़ी की महिलायें नर्सिंग को अपना पेशा बनाए हुए थीं .
सन्दर्भ -सामिग्री :-http://thechart.blogs.cnn.com/2011/07/05/get-moving-more-health-risks-of-sitting-reported/?hpt=he_c2
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