क्या धूम्रपान करना आपके जोड़ों की हिफाज़त करता है .?
Does Smoking Help Protect the जोइंट्स?
धूम्रपान बेशक आपके लिए वात -स्फीति (emphysema,),दिल की बीमारियाँ और मस्तिष्क आघात (ब्रेन अटेक ,स्ट्रोक ),तथा जल्दी इस दुनिया को छोड़ जाने के खतरे के वजन को बढाता है ,लेकिन खुदा न खास्ता यदि आप बच गए तो मौजा ही मौजा हैं ,जीवन के आखिरी चरण में आपको अपने घुटने शायद न बदलवाने पड़ें .हिप्स एंड नीज रिप्लेसमेंट सर्जरी और स्मोकिंग ,क्या है अंतर सबंध ?
विचित्र किन्तु अध्ययन आधारित निष्कर्ष है यह .अध्ययन जिसमे ११ ,०००उम्र दराज़ ऑस्ट्रेलियाई बुजुर्गों को शरीक किया गया जो सभी धूम्रपान करते थे लेकिन जिन्होनें जितना ज्यादा अवधि तक धूम्रपान किया था उनके उसी अनुपात में आर्थ -राइटिस या अन्य वजहों से होने वाली हिप्स और नीज बदल शल्य चिकित्सा की संभावना भी उसी अनुपात में कमतर रह गई थी .जिन्होनें ४८ सालों तक या और भी ज्यादा अवधि तक धूम्रपान किया था उनके लिए ऐसे शल्य कर्म की आवशयकता ४१ %-५१% घट गई थी .(स्रोत: विज्ञान पत्रिका Arthritis & Rheumatism)पूर्व संपन्न अध्ययनों ने ऐसा ही इशारा ज़रूर किया था लेकिन एक मात्रात्मक अंतर सम्बन्ध इस अध्ययन से सामने आया दिखता .बेशक एक तरफ मोटापा दूसरी तरफ ताबड़ तोड़ कसरत की आदत आर्थ -राइटिस के जोखिम को बढ़ाती तथा स्मोकिंग इसके वजन को कम करते देखी गई है .जब इन तमाम कारणों पर एक साथ विचार किया गया आकलन में इन्हें भी शरीक किया गया स्मोकंग के संग साथ तब यह जोखिम यकसां (एक बराबर )निकला .(आंकड़ों में आर्थ -राइटिस के अलावा अन्य मेडिकल कंडीशंस पर भी गौर किया गया उनके मद्दे नजर और सबसे ज्यादा यह कि स्मोकर्स उम्र के इस आखिरी पडाव तक चले आये थे इसे भी शरीक किया गया बावजूद इन तमाम एब -दारियों के .
Nicotine may play a role,::पशुओं और मानवीय ऊतकों पर लेब आजमाइशों में पता चला है निकोटिन जोड़ों की उपास्थियों(joint cartilage, ) की कोशिकाओं में उत्तेजन पैदा करके ओस्टियो -आर्थ -राइटिस की उग्रता को कम कर सकती है .
वेट बियरिंग जोइंट्स की स्मोकिग कैसे हिफाज़त प्रदान करता है इसे बूझने के लिए अभी और अध्ययन चाहिए ही चाहिए .यदि ऐसा पुष्ट होने पर कुछ बचावी उपायों की ,इलाजों की रण -नीति तैयार क़ी जा सकी तब ही जोइंट रिप्लेसमेंट में कमी आये इसका सोचा गुना जा सकेगा उससे पहले नहीं .
रिसर्चर यह भी जोड़ने की उतावली ईमानदारी से दिखातें हैं -जोड़ों के स्वास्थ्य का धूम्रपान न तो ज़वाब है और न ही इसे इलाज़ और बचावी रण नीतियों में शामिल करने का सोचा जा सकता है .(हम सभी जानतें हैं ऐबों में धूम्रपान और रोगों में डायबिटीज़ होने का मतलब क्या है ).
Does Smoking Help Protect the joints?
धूम्रपान बेशक आपके लिए वात -स्फीति (emphysema,),दिल की बीमारियाँ और मस्तिष्क आघात (ब्रेन अटेक ,स्ट्रोक ),तथा जल्दी इस दुनिया को छोड़ जाने के खतरे के वजन को बढाता है ,लेकिन खुदा न खास्ता यदि आप बच गए तो मौजा ही मौजा हैं ,जीवन के आखिरी चरण में आपको अपने घुटने शायद न बदलवाने पड़ें .हिप्स एंड नीज रिप्लेसमेंट सर्जरी और स्मोकिंग ,क्या है अंतर सबंध ?
विचित्र किन्तु अध्ययन आधारित निष्कर्ष है यह .अध्ययन जिसमे ११ ,०००उम्र दराज़ ऑस्ट्रेलियाई बुजुर्गों को शरीक किया गया जो सभी धूम्रपान करते थे लेकिन जिन्होनें जितना ज्यादा अवधि तक धूम्रपान किया था उनके उसी अनुपात में आर्थ -राइटिस या अन्य वजहों से होने वाली हिप्स और नीज बदल शल्य चिकित्सा की संभावना भी उसी अनुपात में कमतर रह गई थी .जिन्होनें ४८ सालों तक या और भी ज्यादा अवधि तक धूम्रपान किया था उनके लिए ऐसे शल्य कर्म की आवशयकता ४१ %-५१% घट गई थी .(स्रोत: विज्ञान पत्रिका Arthritis & Rheumatism)पूर्व संपन्न अध्ययनों ने ऐसा ही इशारा ज़रूर किया था लेकिन एक मात्रात्मक अंतर सम्बन्ध इस अध्ययन से सामने आया दिखता .बेशक एक तरफ मोटापा दूसरी तरफ ताबड़ तोड़ कसरत की आदत आर्थ -राइटिस के जोखिम को बढ़ाती तथा स्मोकिंग इसके वजन को कम करते देखी गई है .जब इन तमाम कारणों पर एक साथ विचार किया गया आकलन में इन्हें भी शरीक किया गया स्मोकंग के संग साथ तब यह जोखिम यकसां (एक बराबर )निकला .(आंकड़ों में आर्थ -राइटिस के अलावा अन्य मेडिकल कंडीशंस पर भी गौर किया गया उनके मद्दे नजर और सबसे ज्यादा यह कि स्मोकर्स उम्र के इस आखिरी पडाव तक चले आये थे इसे भी शरीक किया गया बावजूद इन तमाम एब -दारियों के .
Nicotine may play a role,::पशुओं और मानवीय ऊतकों पर लेब आजमाइशों में पता चला है निकोटिन जोड़ों की उपास्थियों(joint cartilage, ) की कोशिकाओं में उत्तेजन पैदा करके ओस्टियो -आर्थ -राइटिस की उग्रता को कम कर सकती है .
वेट बियरिंग जोइंट्स की स्मोकिग कैसे हिफाज़त प्रदान करता है इसे बूझने के लिए अभी और अध्ययन चाहिए ही चाहिए .यदि ऐसा पुष्ट होने पर कुछ बचावी उपायों की ,इलाजों की रण -नीति तैयार क़ी जा सकी तब ही जोइंट रिप्लेसमेंट में कमी आये इसका सोचा गुना जा सकेगा उससे पहले नहीं .
रिसर्चर यह भी जोड़ने की उतावली ईमानदारी से दिखातें हैं -जोड़ों के स्वास्थ्य का धूम्रपान न तो ज़वाब है और न ही इसे इलाज़ और बचावी रण नीतियों में शामिल करने का सोचा जा सकता है .(हम सभी जानतें हैं ऐबों में धूम्रपान और रोगों में डायबिटीज़ होने का मतलब क्या है ).
7 टिप्पणियां:
आप ने सही कहा -धूम्रपान और डायबिटीज़ जै सी बीमारी दीमक की तरह शरीर को खाजाती है..ये किसी और बीमारी में शरीर का हिफाजत कैसे कर सक्ती है..? सर्थक लेख..आभार..
धूम्रपान बुरी आदत है.....एक सार्थक प्रस्तुति !
आपकी हर पोस्ट बहुत ज्ञानवर्धक होती है .धूम्रपान बहुत बुरी आदत है .यह पीने वाले के साथ-साथ उसके साथ रहने वालों पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालती है .सार्थक पोस्ट हेतु आभार
bahut ashchary janak jankari hai.
जानकारीपरक तथा ज्ञानवर्धक है.
जानकारी के लिये धन्यवाद.अफ़सोस कि मैंने धूम्रपान किया ही नहीं,नहीं तो जोड़ों के दर्द से बचने की संभावना तो रहती.मगर ये भी ठीक है कि इससे और बीमारियाँ पनप सकती थीं.
interesting post
educating one
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