गुरुवार, 23 जून 2011

कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए किसे लेनी चाहिए स्टे -टीन्स?

शोध की खिड़की से छनकर नित नै जानकारी रही है .हमारी बुद्धि मत्ता इसमें ही है हम उसमें से सार तत्व निकालें .फोक को छोड़ दें .एक रिसर्च रिपोर्ट का शीर्षक है :हाई -डोज़ स्टे -टीन्स मे रेज़ दी रिस्क ऑफ़ डाय बिटीज़.जब हमने इसे खंगाला तो निष्कर्ष यह निकला :दिल के जिन मरीजों को यह तजवीज़ की गई है उन्हें लेते रहना चाहिए क्योंकि इसके फायदे के बरक्स नुक्सानात बहुत कम हैं
गौर कीजिये इन आंकड़ों पर :तकरीबन ४९८ लोग यदि नियमित एक साल तक हाई डोज़ स्टे -टीन्स की लेते रहें तब कहीं जाकर सेकेंडरी डायबिटीज़ का एक नया मरीज़ सामने आयेगा .दूसरी तरफ १५५ लोगों को एक साल तक हाई डोज़ स्टे -टीन्स लेने पर हार्ट अटेक से बचावी चिकित्सा एवं सुरक्षा मिल जाती है
हाई डोज़ इस दवा की ब्लड सुगर लेविल्स में इजाफा कर देती है
एनीमल स्टडीज़ से पता चला है स्टे -टीन्स इंसुलिन के प्रति मसल रेजिस्टेंस (पेशीय प्रति -रोध )को बढा देतीं हैं .इसी वजह से खून में ज्यादा शक्कर प्रवाहित होने लगती है .इसी बढे हुए ब्लड सुगर लेविल्स की वजह से डाय -बिटीज़ की पुष्टि हो जाती है .लेकिन स्टे -टीन्स द्वारा प्रेरित खून में प्रवाहित इस बढ़ी हुई शक्कर के दीर्घावधि नतीजे क्या हैं यह किसी को भी मालूम नहीं है
कुल मिलाकर विचार मंथन के बाद माहिरों ने नतीज़ा इस प्रकार निकाला -स्टे -टीन्स थिरेपी दिल की बिमारी के मरीजों खासकर हाई रिस्क ग्रुप के लिए बहुत अच्छी है .अलबत्ता जिन्हें हाई डोज़ दी जा रही है उनके मामले में सेकेंडरी डाय -बिटीज़ पर नजर रखीजाए तथा हेल्दी लोगों को सिर्फ कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए बचावी चिकित्सा के रूप में यह दवा सोच समझ कर ही दी जाए
निश्चय ही दिल के मरीजों को अपने खानपान में सुधार और एक्सरसाइज़ के बाबत भी अपने कार्डियोलोजिस्ट से विमर्श करना चाहिए
उक्त अधययन जर्नल ऑफ़ अमेरिकन मेडिकल असोशियेशन में प्रकाशित हुआ जिसके अंतर्गत ३२,७५२ मरीजों का ब्योरा (प्रकाशित और -प्रकाशित अध्ययनों से संकलित करके )दिया गया है
अधययन में एक वर्ग के मरीजों को साल तक स्टे -टीन्स की हाई डोज़ (८० मिलिग्रेम रोजाना )तथा दूसरे को कम डोज़ मुहैया करवाई गई
दोनों समूहों से कुल ,७४९ मरीज़ सेकेंडरी डाय -बिटीज़ की लपेट में आगये .हाई -डोज़ वर्ग में जोखिम १२ %बढ़ा
२०१० में लांसेट में प्रकाशित एक अधययन में बतलाया गया ,स्टे -टीन्स लेने वालों में लेने वालों के बरक्स ख़तरा सेकेंडरी डाय -बिटीज़ का % बढ़ जाता है
लेकिन इन नतीजों का मतलब यह नहीं है जो स्टे -टीन्स ले रहें हैं वे इस से छिटक कर अलग हो जाएँ .दोहरा दें माहिरों की राय -फायदे ज्यादा हैं संभव नुक्सानात सेकेंडरी डाय -बिटीज़ के कम हैं .

2 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

स्टेटिन्स के उपयोग पर महत्वपूर्ण अपडेट !

SANDEEP PANWAR ने कहा…

आज फ़िर अपने पुराने रंग में हो जी,
उपयोगी जानकारी मिली है।