सभै घट रामु बोलै रामा बोलै ,राम बिना को बोलै रे
सर्व जीवों और शरीरों में परमात्मा व्याप्त है ,
उसके अतिरिक्त वहां और कौन बोलता है। (१ ). (रहाउ ).
मिट्टी एक ही है ,हाथी से लेकर चींटी तक असंख्य प्रकार के बर्तन उसी से बने हैं। जड़ ,जंगम ,कीट -पतंगों आदि सबमें राम समाया हुआ है। (१) .मुझे अब उस अनंत परमात्मा का ही ध्यान है ,अन्य सब आशाएं मैंने छोड़ दी हैं। संत नामदेव कहते हैं कि वे निष्काम हो गए हैं ,अब स्वामी और दास एक हो गए हैं (अर्थात प्रभु सब जगह व्याप्त हैं ,नामदेव उसी व्याप्ति में लीन हो गए हैं। (२ )(३).
सभै घट रामु बोलै रामा बोलै। राम बिना को बोलै रे। (१ )(रहाउ ).
एकल माटी कुंजर चीटी भाजन हैं बहु नाना रे।
असथावर जंगम कीट पतंगम घटि घटि रामु समाना रे । (१).
एकल चिंता राखु अनंता अउर तजहु सभ आसा रे।
प्रणवै नामा भए निहकामा को ठाकरु को दास रे। (२)(३).
https://www.youtube.com/watch?v=Vg6K99auDGE
2 years ago
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सर्व जीवों और शरीरों में परमात्मा व्याप्त है ,
उसके अतिरिक्त वहां और कौन बोलता है। (१ ). (रहाउ ).
मिट्टी एक ही है ,हाथी से लेकर चींटी तक असंख्य प्रकार के बर्तन उसी से बने हैं। जड़ ,जंगम ,कीट -पतंगों आदि सबमें राम समाया हुआ है। (१) .मुझे अब उस अनंत परमात्मा का ही ध्यान है ,अन्य सब आशाएं मैंने छोड़ दी हैं। संत नामदेव कहते हैं कि वे निष्काम हो गए हैं ,अब स्वामी और दास एक हो गए हैं (अर्थात प्रभु सब जगह व्याप्त हैं ,नामदेव उसी व्याप्ति में लीन हो गए हैं। (२ )(३).
सभै घट रामु बोलै रामा बोलै। राम बिना को बोलै रे। (१ )(रहाउ ).
एकल माटी कुंजर चीटी भाजन हैं बहु नाना रे।
असथावर जंगम कीट पतंगम घटि घटि रामु समाना रे । (१).
एकल चिंता राखु अनंता अउर तजहु सभ आसा रे।
प्रणवै नामा भए निहकामा को ठाकरु को दास रे। (२)(३).
https://www.youtube.com/watch?v=Vg6K99auDGE
2 टिप्पणियां:
राम बिना को बोलै रे
जय श्रीराम!
बहुत सुन्दर
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