बुधवार, 24 अगस्त 2016

माना की इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके , कुछ (हार )खार कम ही कर गए ,गुज़रे जिधर से हम।



माना की इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके ,

कुछ (हार )खार कम ही कर गए ,गुज़रे जिधर से हम।

https://www.youtube.com/watch?v=w_2QabR2EDI

Japji Sahib Katha Pauri 2 - Giani Sant Singh Ji Maskeen

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Japji Sahib Katha Pauri 2 - Giani Sant Singh Ji Maskeen

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