शुक्रवार, 12 अगस्त 2016

निज नारी के संग ,नेह तुम नित्य बढईयो। पर नारी की सेज ,भूल सुपने नहीं जइयो








निज नारी के संग ,नेह  तुम नित्य बढईयो। 

पर नारी की सेज ,भूल सुपने  नहीं जइयो। 

पर नारी सो नै छुरी पैनी कर जानो  ,

पर नारी के भजे काल व्यापो तन मानो। 



रीत न जानत प्रीत की, फैशन(पैशन ) की परतीत 

बिच्छु बिसियर  बैश्या, कहो  कबन के मीत 

चंचलान के चरित को ,चीन्ह सकत  नहिं  कोय ,

ब्रह्मा बिष्नु रुद्रादी सब, सुरपत  कोऊ होय।  


निज नारी के संग ,नेह  तुम नित्य बढईयो। 

पर नारी की सेज ,भूल सुपने  नहीं जइयो। 

पर नारी सो नै छुरी पैनी कर जानो  ,

पर नारी के भजे काल व्यापो तन मानो।

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रीत न जानत प्रीत की, फैशन(पैशन ) की परतीत 

बिच्छु बिसियर  बैश्या, कहो  कबन के मीत 

चंचलान के चरित को ,चीन्ह सकत  नहिं  कोय ,

ब्रह्मा बिष्नु रुद्रादी सब, सुरपत  कोऊ होय।  

https://www.youtube.com/watch?v=ottBojc32Rs


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