शनिवार, 30 जुलाई 2016

महफ़िल में तेरी लौटके फिर आगया हूँ मैं , शायद मुझे निकलाकर ,पछता रहें हों आप

महफ़िल में तेरी लौटके फिर आगया हूँ मैं ,

शायद मुझे निकलाकर ,पछता रहें हों आप।

Thank you America ,away from home ,you are another home for me .I love you America ,and the people

here in from the core of my heart .

1 टिप्पणी:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

क्या बात है जी ... आप आये बहार आई ...