राहुल की चुरू रैली के निहितार्थ समझिएगा
डोंडिया -खेडा और चुरू-असली मुद्दों से ध्यान हटाने की साजिश है
भले दोनों की कहानी अलग अलग है। बिना
कसाई को देखे बकरे के मिमियाने म्हं म्हं करने से यह सिद्ध नहीं होता कि वह मारा जा रहा है। जो कुछ
मंदमति चुरू में कह रहें हैं वह कांग्रेस की राजनीति का छिछोरापन है। अगर आपकी जान को ख़तरा है तो
पुलिस में रिपोर्ट दर्ज़ कराओ। ऍफ़ आई आर की कापी लो। संविधान यही कहता है।शिंदे तो ऐसा कुछ कह
नहीं रहे हैं यदि गृह मंत्रालय में किसी अधिकारी को कोई इस आशय की रिपोर्ट मिली है तो उसका नाम
बतलाओ। उन लोगों का नाम बतलाओ जिनसे आपकी जान को ख़तरा है। उच्छिष्ट भावुकता से कुछ नहीं
होगा।
जो आदमी मीडिया सेंटर में संविधान का अपमान करवाके तालियाँ बजवा सकता है वह उसी मीडिया सेंटर में
जाके ये क्यों नहीं कह सकता आज तक मेरी दादी ,मेरे पिता जी ,मेरे चाचाजी की ह्त्या के लिए कमीशन क्यों
नहीं बिठाया गया। मैं आज कमीशन बिठाता हूँ सुप्रीम कोर्ट के अमुक सेवा निवृत्त जज को इसका मुखिया
बनता हूँ मुझे तीन महीने में रिपोर्ट चाहिए।
भारत का आम नागरिक भी जानना चाहता है हत्याएं किस विदेशी शक्ति के षड्यंत्र के तहत की गईं ।
फिल वक्त तो लोग यही कहते हैं इंदिरा जी ने जो राजनीतिक चाले और षड्यंत्र रचे वह उन्हीं का शिकार हुईं
खुद तो मरी हीं जाते जाते ४ -५ हजार सिखों को और मरवा गईं ।
राजीव जी ने जाके कोलम्बो में श्री लंका की हिमायत की,जयवर्धने का समर्थन किया लिट्टे के खिलाफ। अपनी
ही सेना को मरवाया जो इस प्रकार की आतंकी कारवाई के लिए तब तक प्रशिक्षित ही नहीं थी। लिट्टे के आतंकी
पेड़ों के मचानों पे बैठे गोलियां दाग रहे थे उस झुरमुठ में से ।
बाद में विक्रम सिंघे का जिन्होनें लिट्टे का सफाया करवाया। आखिर यह सब किस कारण से हुआ ?
शाशन आपका है आप कमीशन क्यों नहीं बिठाते ?क्यों नहीं अपनी अम्मा से पूछते मेरे बाप के
हत्यारे(हत्यारिन )को क्यों माफ़ किया ?क्या यह भारतीय परम्परा है एक स्त्री अपने पति के हत्यारे को यूं सरे
आम माफ़ करे।
आखिर भोपाली बाज़ीगर इस गांधी परिवार से कौन से जन्म की दुश्मनी निकाल रहा है।
भोपाली बाज़ीगर के झमुरे बनोगे तो बुरे फंसोगे भैया जी।
राम राम ।
सन्दर्भ -सामिग्री :
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में कांग्रेस के चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए चुरू में बीजेपी पर जोरदार तरीके से हमला बोला। उन्होंने बीजेपी की कथित विभाजनकारी नीतियों का जिक्र करते हुए आतंकवाद के लिए उसे ही जिम्मेदार बताया। उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी की हत्या की कहानी सुनाते हुए इमोशनल कार्ड खेला और कहा कि बीजेपी राजनीतिक लाभ के लिए चोट पहुंचाती है और हिन्दू-मुस्लिमों को लड़वाती है। राहुल गांधी ने कहा कि देश को बांटने की साजिश करने वालों ने मेरी दादी और पापा को मारा और एक दिन मुझे भी मार देंगे, लेकिन मैं डरता नहीं हूं।
चुरू की रैली में राहुल गांधी की उच्छिष्ट भावुकता
डोंडिया -खेडा और चुरू-असली मुद्दों से ध्यान हटाने की साजिश है
भले दोनों की कहानी अलग अलग है। बिना
कसाई को देखे बकरे के मिमियाने म्हं म्हं करने से यह सिद्ध नहीं होता कि वह मारा जा रहा है। जो कुछ
मंदमति चुरू में कह रहें हैं वह कांग्रेस की राजनीति का छिछोरापन है। अगर आपकी जान को ख़तरा है तो
पुलिस में रिपोर्ट दर्ज़ कराओ। ऍफ़ आई आर की कापी लो। संविधान यही कहता है।शिंदे तो ऐसा कुछ कह
नहीं रहे हैं यदि गृह मंत्रालय में किसी अधिकारी को कोई इस आशय की रिपोर्ट मिली है तो उसका नाम
बतलाओ। उन लोगों का नाम बतलाओ जिनसे आपकी जान को ख़तरा है। उच्छिष्ट भावुकता से कुछ नहीं
होगा।
जो आदमी मीडिया सेंटर में संविधान का अपमान करवाके तालियाँ बजवा सकता है वह उसी मीडिया सेंटर में
जाके ये क्यों नहीं कह सकता आज तक मेरी दादी ,मेरे पिता जी ,मेरे चाचाजी की ह्त्या के लिए कमीशन क्यों
नहीं बिठाया गया। मैं आज कमीशन बिठाता हूँ सुप्रीम कोर्ट के अमुक सेवा निवृत्त जज को इसका मुखिया
बनता हूँ मुझे तीन महीने में रिपोर्ट चाहिए।
भारत का आम नागरिक भी जानना चाहता है हत्याएं किस विदेशी शक्ति के षड्यंत्र के तहत की गईं ।
फिल वक्त तो लोग यही कहते हैं इंदिरा जी ने जो राजनीतिक चाले और षड्यंत्र रचे वह उन्हीं का शिकार हुईं
खुद तो मरी हीं जाते जाते ४ -५ हजार सिखों को और मरवा गईं ।
राजीव जी ने जाके कोलम्बो में श्री लंका की हिमायत की,जयवर्धने का समर्थन किया लिट्टे के खिलाफ। अपनी
ही सेना को मरवाया जो इस प्रकार की आतंकी कारवाई के लिए तब तक प्रशिक्षित ही नहीं थी। लिट्टे के आतंकी
पेड़ों के मचानों पे बैठे गोलियां दाग रहे थे उस झुरमुठ में से ।
बाद में विक्रम सिंघे का जिन्होनें लिट्टे का सफाया करवाया। आखिर यह सब किस कारण से हुआ ?
शाशन आपका है आप कमीशन क्यों नहीं बिठाते ?क्यों नहीं अपनी अम्मा से पूछते मेरे बाप के
हत्यारे(हत्यारिन )को क्यों माफ़ किया ?क्या यह भारतीय परम्परा है एक स्त्री अपने पति के हत्यारे को यूं सरे
आम माफ़ करे।
आखिर भोपाली बाज़ीगर इस गांधी परिवार से कौन से जन्म की दुश्मनी निकाल रहा है।
भोपाली बाज़ीगर के झमुरे बनोगे तो बुरे फंसोगे भैया जी।
राम राम ।
सन्दर्भ -सामिग्री :
दादी-पापा को मारा, मुझे भी मार देंगे: राहुल गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में कांग्रेस के चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए चुरू में बीजेपी पर जोरदार तरीके से हमला बोला। उन्होंने बीजेपी की कथित विभाजनकारी नीतियों का जिक्र करते हुए आतंकवाद के लिए उसे ही जिम्मेदार बताया। उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी की हत्या की कहानी सुनाते हुए इमोशनल कार्ड खेला और कहा कि बीजेपी राजनीतिक लाभ के लिए चोट पहुंचाती है और हिन्दू-मुस्लिमों को लड़वाती है। राहुल गांधी ने कहा कि देश को बांटने की साजिश करने वालों ने मेरी दादी और पापा को मारा और एक दिन मुझे भी मार देंगे, लेकिन मैं डरता नहीं हूं।
चुरू की रैली में राहुल गांधी की उच्छिष्ट भावुकता
चुरू की रैली में राहुल गांधी
2 टिप्पणियां:
राहुल जी को परिपक्क होने में समय लगेगा
ये अच्छा है हर चीज के लिये बी जे पी को पकडो।
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