मंगलवार, 13 जुलाई 2021

'बढ़ती आबादी अंत बर्बादी '

'बढ़ती आबादी अंत बर्बादी ' बात उन दिनों की है जब दुनिया की आबादी पांच अरब के पार चली गई थी। यही विषय था वार्ता का आकाशवाणी रोहतक से जो मुझे एक वार्ताकार के रूप में दिया गया था।साल और दिन था ११ जुलाई  १९८७। दुनिया भर का ध्यान इस ओर गया लेकिन हुआ क्या ?मर्ज़ बढ़ता गया ज्यों -ज्यों दवा की।आबादी की रफ्तार को थामने में कहीं धर्म आड़े आया कहीं परम्पराएं। चर्च गर्भपात की खिलाफत करता रहा है [प्रयोगशला में इंटेलिजेंट क्रिएशन की भी।इसे ईश की  अमानत में खयानत माना गया। यहां तक की स्टेम सेल रिसर्च को सरकारी सहायता मुहैया नहीं करवाई गई यहां भी चर्च आड़े आया।

अमरीका और कनाडा का भौगोलोक क्षेत्र विशाल है जनसंख्या घनत्व कभी मुखरित ही नहीं हो पाता वहां। एक वर्ग मील में ९४ लोग रहतें हैं अमेरिका में। कनाडा में मात्र यही संख्या ११ है प्रति वर्गमील में। जबकि चीन में यह आंकड़ों ३९७ है प्रति वर्गमील क्षेत्र  के लिए। भारत के लिए यह संख्या १२०२ प्रति वर्ग मील है जबकि हमारा भौगोलोक क्षेत्र चीन का  एक तिहाई  है।हमारी आबादी चीन से आज मात्र पांच करोड़  ही कम है वे एक अरब चौवालीस करोड़ हैं तो हम एक अरब उन्तालीस करोड़ के पार निकल गए हैं।अमेरिका का क्षेत्र हमसे १९९ फीसद ज्यादा है।     

नारे खूब उछले -

छोटा परिवार सुखी परिवार। 

हम दो हमारे दो।  

बस दो या तीन बच्चे होते हैं घर में अच्छे। 

मज़ाक भी चला किसी के चार बीवियां हों तो नारा हो जाएगा

 हम पांच हमारे आठ।

 नारों से क्या होता है आदमी की नीयत होनी चाहिए काम करने की आज जीवन से अपेक्षाएं बहुत बढ़ गईं  है। एक छोर पर 

डबल इनकम नो किड्स। 

का नारा चला है ,इसी का आनुषंगिक रहा है

 सहजीवन लिविंग टुगेदर 

लेकिन ये सब महज़ एक सीमित वर्ग का ही शगल रहा है। नरेटिव नहीं बन पाया है। 

जब भी हमारे देश में जनसंख्या को सीमित करने की बात  होती है विघ्नसंतोषी अपने -अपने बिलों में से निकल आते हैं। ये कोई मानने को तैयार नहीं धरती एक ही है। आदमी का एकल परिवास यही धरती अब सात अरब नब्बे करोड़ लोगों का पोषण करने में कब से लड़खड़ाने लगी है एक धरती और चाहिए सबके पोषण के लिए।बच्चों को कोई अल्लाह की रहमत अल्लाह की मर्ज़ी बतलाता है कोई उसका करम।      

यूं हर साल 11 जुलाई को पूरे विश्व में जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि, दुनिया के  सभी  व्यक्ति बढ़ती जनसंख्या (world population day 2021)की ओर ध्यान  अवश्य  दें  और जनसंख्या को कंट्रोल करने में अपना योगदान भी अवश्य करें. इस दिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई क्रियाकलाप किए जाते हैं. ताकि जनता जागरूक हो सके और जनसंख्या पर कंट्रोल कर सके. जनसंख्या वृद्धि विश्व के कई देशों के सामने बड़ी समस्या का रूप ले चुकी है. खासकर विकासशील देशों में ‘जनसंख्या विस्फोट’ गहरी चिंता का विषय है. ऐसे में इस मौके पर आइए अपने आसपास के लोगों को जागरूक करते हैं. आइए पढ़ते हैं जनसंख्या दिवस के ये स्लोगन (world population day 2021 Slogan)-

जब जनसँख्या पर लगाम होगा,
तभी तो पूरे विश्व में भारत का नाम होगा.

पृथ्वी पर बढ़ती आबादी का बोझ ना डालो,

इसके परिणामों से बच जाओगे यह वहम ना पालो.

विश्व को बढ़ती आबादी की समस्या के प्रति जगाना है,
दुनिया भर में तरक्की का यह संदेश फैलाना है.

बच्चों को ईश्वर का उपहार ना बताओ,
आबादी को बढ़ाकर प्रकृति का उपहास ना उड़ाओ.

बढ़ती आबादी एक दिन बनेगी बर्बादी का कारण,
जनसंख्या नियंत्रण करके करो इसका निवारण.

यदि हमने जनसंख्या नियंत्रण का उपाय नही किया,

तो पृथ्वी पर जीवन का विनाश होने से कोई नही रोक पायेगा.

क्या है विश्व जनसंख्या दिवस की थीम? 

इस साल विश्व जनसंख्या दिवस 2021 की थीम 'कोविड-19 महामारी का प्रजनन क्षमता पर प्रभाव' है। इस साल यह वैश्विक स्तर पर यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और प्रजनन व्यवहार पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव पर अधिक प्रकाश डालने के लिए मनाया जाएगा। 

विश्व जनसंख्या दिवस 2021 की थीम है 'अधिकार और विकल्प उत्तर है, चाहें बेबी बूम हो या बस्ट, प्रजनन दर में बदलाव का समाधान सभी लोगों के प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों को प्राथमिकता देना है।'

चीन के बाद भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। जहां दुनिया के 18.47 प्रतिशत में चीन का योगदान है, वहीं भारत वैश्विक आबादी के 17.70 प्रतिशत हिस्से को साथ भी पीछे नहीं है। वर्ल्डोमीटर के आंकडों के अनुसार, भारत के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका की पूरी दुनिया की आबादी का 4.25 प्रतिशत हिस्सा है।

संयुक्त राष्ट्र कहता है कि जनसंख्या में वृद्धि बड़े पैमाने पर प्रजनन आयु तक जीवित रहने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि और प्रजनन दर में बड़े बदलाव, शहरीकरण में वृद्धि और प्रवास में तेजी के साथ हुई है। यह चेतावनी देता है कि आने वाली पीढ़ियों पर इसका असर होगा। इस समस्या को दूर करने के लिए विश्व स्तर पर जनसंख्या प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए।


किस तरह मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस? 


इस दिन पूरी दुनिया में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए तरह-तरह से उपायों से लोगों को परिचित कराया जाता है। इसके अलावा परिवार नियोजन के मुद्दे पर भी बातचीत की जाती है। इस दिन जगह-जगह जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम होते हैं और उन कार्यक्रमों के जरिये लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है, ताकि बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सके। 

World Population Day 2021: History, significance and theme of occassion observed on 11 July

World Population Day. Image source: News18

    World Population Day is observed every year on 11 July to remind people of the challenges being faced due to overpopulation. The day is marked to call for attention to issues like the importance of family planning, child marriage, gender equality, human rights, and others.

    Amid the COVID-19 pandemic and fear, there has been a lot of focus on creating awareness about overpopulation on a national or global level so that the world ensures a long-term growth of our existing resources.

    जैसे -जैसे जीव -अवशेषी ईंधनों का सफाया हो रहा है हमारी कार्बन की भूख भी उसी अनुपात में बढ़ रही है अब तो अंतरिक्ष में पर्यटन शुरू होने को है  होड़ा-  होड़ी निजी निगमों के बीच होने को है एविएशन फ़्यूल हो या अन्य ईंधन कार्बन फुटप्रिंट बढ़ाते ही हैं। सभ्य होते जाने के साथ पर्यावरण पारितंत्रों को हम विनष्ट करने की कगार पे ले आये हैं कहीं जंगल की आग बुझाये न बुझे हैं। 

    डेथ वेळी नेवादा के निकट ५४ -५५ सेल्सियस के साथ दहक रही है कहीं बे -तहाशा सूखा कहीं अ-प्रत्याशित सैलाब ,बादल की फटन बिजली का कहर बन के टूटना ये विनाश की तरफ ही कदम ताल है। अभी तो शुरुआत है आगे आगे देखिये होता है क्या ,इब्तिदाए इश्क है रोता है क्या ?




     

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