सोमवार, 7 नवंबर 2016

कहीं न कहीं अमरीका का चुनाव भी इस सबसे जुड़ा हुआ है ट्रम्प पाक की हदबन्दी करके ....

अमरीकी राष्ट्रपतीय चुनाव भारत क्या आलमी स्तर पर बेहद की दिलचस्पी की वजह बनता जा रहा है। भले हमारी सदाशयता हिलेरी के साथ रही है लेकिन इस मुद्दे पर जब हमने अपने एक प्रबुद्ध दोस्त डॉ. नन्द लाल मेहता 'वागीश 'जी से बात की तो उनकी दलील काम वजनी नहीं लगी।

आप केवल भारत के लिए ही नहीं फ्रांस के लिए भी डोनाल्ड ट्रम्प का विजयी होना हितकर बतलाते हैं। जैसे मोदी के भारत से पूर्व का भारत एक सॉफ्ट स्टेट समझा जाता रहा है वही हाल कुछ कुछ फ्रांस का दहशद गर्दों  ने बनाके रख छोड़ दिया है। जब मर्जी होती है आते हैं। ओबामा भले अपनी भलमनसाहत  के लिए जाने जाते रहे ओसामा का भी उन्होंने खात्मा किया लेकिन कभी कहकर इस्लामी आतंकवाद की आलोचना नहीं की। इस दौर में यदि अमरीका को अपना खोया हुआ वैभव और साख ,रूतबा फिर से प्राप्त करना है तो भी डोनाल्ड ट्रम्प का जीतना ज़रूरी है।

डोनाल्ड ट्रम्प जब अपनी सी पर आते हैं तो सामने वाले पहलवान के बाल तक खौंस लेते हैं सिर्फ पटखनी देकर नहीं छोड़ते ,आज दहशतगर्दों को यदि कोई उनकी बनाई हुई साइकोलॉजिकल जन्नत सच में दिखला सकता है तो वह डोनाल्ड ट्रम्प हैं । पख्तून -भारत -डोनाल्ड ट्रम्प और फ्रांस तथा इस दौर में वह सभी राष्ट्र जो आइसिस के प्रत्यक्ष ,अ -
प्रत्यक्ष सिंकंजे में आते जा रहे हैं मिलकर ही इस इस्लामी बुनियादपरस्तों के साथ जंग में विजयी हो सकते हैं। पख्तूनों ने मांग की है काशी नगरी को जहां से मोदी नाम का बब्बर शेर चुनाव जीता है पख्तूनों की निर्वासित राजधानी बना दिया जाए ,पख्तूनों को मान्यता दी जाए एक अलग राष्ट्र की फिर देखिये हम खुद ही एक एक करके हाफीज़ सईदों  को सफाया कर देंगें भारत को यह तोहमत नहीं उठानी पड़ेगी।

कहीं न कहीं अमरीका का चुनाव भी इस सबसे जुड़ा हुआ है ट्रम्प पाक की हदबन्दी करके उसे न सिर्फ आईना दिखला सकते हैं पाक को उसकी सीमा भी  समझा दिखला सकते हैं अभी तक पाक संभावनाओं में ही जीता रहा है।

(ज़ारी ) 

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