मंगलवार, 1 मार्च 2016

डिग्री डिलीट के लौटैया ,अभिव्यक्ति के बीन बजैया , पुरूस्कार के चरण चटइया,कुंवर कन्हैया पूछ रहे तुम कहाँ गए ?

यही लोग  हैं जो  सरेआम जेहादियों के साथ खड़े होकर देश और समाज ,संस्कृति और भारत की संप्रभुता को अपमानित प्रताड़ित करते हैं। मार्क्सवाद के  बौद्धिक गुलाम तो शुरू से  ही ये  काम कर रहें हैं। अब कांग्रेस भी चमन  लूटने और कलंकित करने वालों की जमात में आ बैठी है। कांग्रेस ने विघटन  जो बीज गत दशकों में बोये थे ,वृक्ष बन फल देने लगें हैं। उसी वृक्ष का एक कड़वा  फल है केजर बवाल। तमाम ऐसी सोच वालों और इनके साथ खड़े दिखलाई दिए पुरस्कार लौटंकों के नाम चंद लाइनें :

डिग्री डिलीट के लौटैया ,अभिव्यक्ति के बीन बजैया ,

पुरूस्कार  के चरण चटइया,कुंवर कन्हैया पूछ रहे तुम कहाँ गए ?

चैनलियों संग ता -ता -थइयां ,रात दिनों की ज़ुबाँ  लड़इया ,

लिट -फेस्टों के ,करम -कलैया ,कलम घिसैया पूछ रहे तुम कहाँ गए ?

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