मंगलवार, 31 जुलाई 2012

कम खतरनाक नहीं है बच्चों की मनो -वैज्ञानिक हेटी करते रहना



 कम खतरनाक नहीं है बच्चों की मनो -वैज्ञानिक हेटी करते रहना 

मनोवैज्ञानिक तौर पर बच्चों  की हेटी करना उन्हें तुच्छ समझना उनके साथ किया जाने वाला एक आम दुर   व्यवहार है .माहिरों को इस दुर्व्यवहार के लक्षणों को पहचानने के प्रति खबरदार रहने के लिए ब्रितानी रिसर्चरों ने कहा है .बच्चों के साथ की गई मार कुटोवल की तरह ही उनकी मनोवैज्ञानिक तौर पर हेटी करना खतरनाक है नुकसानदेह है उनके आने वाले कल के लिए .इस साइकोलोजिकल और इमोशनल एब्यूज में आप शामिल कर लीजिए बच्चों को आतंकित करना उनकी उपेक्षा करना ,उन्हें तुच्छ समझना बूझना .टाइम .कोम के अनुसार आजकल बच्चों के साथ की गई यह रागात्मक संवेगात्मक बदसुलूकी एक अपवाद न होकर नियम सी आम हो गई है .माँ बाप ,देखभाल करने वाले कथित संरक्षकों की इस आदत से बच्चों को निजात दिलवाना उतना आसान भी नहीं है .वजह इसकी साफ़ है जहाँ  बालकों के साथ की गई यौन बदसुलूकी ,मारपीट को तात्कालिक तवज्जो मिल जाती है  इमोशनल एब्यूज के मामलों में ऐसा बिरले भी कहाँ हो पाता है जबकि फौरी ज़रुरत बन गई है उन्हें ऐसे संरक्षकों से दूर रखके उनकी परवरिश करना देख भाल करना .जर्नल पीडया-ट्रीक्स  में यह अध्ययन हाल ही में प्रकाशित हुआ है .इस मनोवैज्ञानिक बदसलूकी का खामियाजा आगे जाके इन नौनिहालों को उठाना पड़ेगा अध्ययन का यह दो टूक सन्देश है .बच्चों के साथ की गई इस रागात्मक बदसुलूकी के माहिर ऐसी बदसुलूकी करने वाले माँ बाप के लिए विशेष कक्षाएं लगाने की सलाह दे रहें हैं ताकि समय रहते बालकों की  इस उपेक्षा को मुल्तवी रखा जा सके समय रहते रोका जा सके .

We are talking about extremes and the likelihood of harm, or risk of harm, resulting from the kinds of behavior that make a child feel worthless, unloved or unwanted," Harriet MacMillan, one of the three pediatrician authors, told reporters.
कोई फिर भी न चेते तो उसकी मर्जी .
माहिरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के आगे सबसे बड़ी चुनौती इस प्रकार के दुर्व्यवहार का रेखांकन करना है क्योंकि इसका प्रक्षेपण किसी एक ख़ास घटना दुर्व्यवहार से न होकर चाइल्ड पेरेंट रिलेशन से है .
Can spanking cause mental illness?
अनुत्तरित है आज यह प्रश्न लेकिन हर वक्त बच्चों को भय दिखलाते रहना एक प्रकार का दुर्व्यवहार ही है कोई माँ उन्हें होस्टिल (बोर्डिंग स्कूल )में डालने ,डाल देने का भय गाहे बगाहे दिखलाती रहती है तो कोई स्कूल में उनकी शिकायत करने के लिए फोन ही घुमा देती है (फोन घुमाने डायल करने का अभिनय करती है .होम वर्क करवाते वक्त ऐसी खरी खोटी सुनाती है जिसका बच्चे ठीक से मतलब भी नहीं समझते मसलन "ये /तू नहीं पढेगा ,जा जाके जमादार बनजा और ये ललनाएं कोई साधारण मोम नहीं है कोई किसी नेवल कमांडर की बीवी है जो खुद से ही अपना रेंक एक दर्जा बढ़ाके घर रुपी गृहस्थी के जहाज़ की कैप्टेन बन जाती है तो कोई लेफ्टिनेंट की बीवी है (होती सिर्फ ये बीवियां हैं जिनका अकसर अपना कोई दर्जा नहीं होता ).माँ तो इनमे मुखरित ही नहीं होती है .


बेशक यदा कदा ही सही अच्छे खासे बच्चों पे अपना प्यार उड़ेलने वाले माँ बाप भी अपना आपा खोके बच्चों पे उत्तेजित होकर दहाड़ते हैं .चीखते हैं बे -तहाशा .बच्चा एक दम से सहम जाता है इस अप्रत्याशित व्यवहार (खीझ )का  मतलब भी नहीं समझ पाता.
बतलादें आपको सामाजिक मेलमिलाप उठ बैठ से अपने बच्चों को दूर रखना भी एक किस्म का दुर्व्यवहार ही कहलायेगा .आखिर
 सोशल इंटरेक्शन क्यों नहीं ?क्यों सिर्फ इस पर आपका (माँ बाप )का ही कब्जा रहे .
बेशक यदि बड़ा बच्चा अपने से छोटे को सता रहा है मार पीट कर रहा है और कहना नहीं मान रहा है आपका तो उसे अलग कमरे में छोड़ कर कमरा बाहर से बंद कर दें .अकेले में वह सोचेगा ज़रूर वह कर क्या रहा था और इस अलहदगी को आप भले दुर्व्यवहार भी न माने . 
यकीनन यहाँ किसी केजुअल विजिटर को यह कतई इल्म नहीं होगा कि आपका व्यवहार अपने बच्चों के साथ सच मुच है कैसा .वह अधिकतम यह ही सोच पायेगा शायद वह ही किसी गलत वक्त पे चला आया गलत दिन चुना उसने अपने आने का आपसे मिलने .भले उसे आपकी पेरेंटिंग पे शक भले हो लेकिन वह किसी नतीजे पे पहुँच नहीं पायेगा .
Time.com: How child abuse primes the brain for future mental illness
Psychological abuse can also include what you might call "corrupting a child" — encouraging children to use illicit drugs, for example, or to engage in other illegal activities.
इस अध्ययन के रचेताओं के अनुसार अमरीका और ब्रिटेन के एक सर्वे में शामिल ८-९% पुरुषों और ४%महिलाओं ने यह माना है कि बचपन में उनके साथ ज़मके भावात्मक और मनोवैज्ञानिक  बदसुलूकी हुई है .अमरीका में ही किये कितने ही अन्य सर्वेक्षणों में भी वयस्कों ने यह खुलके तसदीक किया है कि बचपन में उनके साथ रागात्मक सम्वेगात्मक और मनो -वैज्ञानिक दुर्व्यवहार अन्य छेड़छाड़ से कहीं ज्यादा  हुआ है .
इससे इस दुर्व्यवहार की व्याप्ति सहज ही समझी जा सकती है एक आम चलन सा बना हुआ है यह साइक्लोजिकल एब्यूज किड्स के साथ .वाह री पेरेंटिंग .
Because of that, pediatricians must be as sensitive to signs of emotional maltreatment as they are to signals of sexual or physical abuse, the authors say. And while it may be possible in the event of psychological abuse to intervene to improve the child's home life — especially where the root cause is a parent's own mental-health issue — the authors stress:
ज़ाहिर है माहिरों के लिए अब और इसकी अनदेखी करना मुमकिन नहीं रह गया है इस दुर्व्यवहार के छिपे संकेतों ,लक्षणों को उन्हें पहचानना ही होगा साफ़ साफ़ .कई मर्तबा इस दुर्व्यवहार की नव्ज़ और वजह माँ बाप की अपनी ही मानसिक सेहत से जुडी हो सकती है .वह खुद भी मासिक रूप से बीमार हो सकतें हैं .ऐसे में माहिरों का दखल ज़रूरी हो जाता है ताकी नौनिहाल अपने घर में शान्ति से रह सकें .

stress:
Consideration of out-of-home care interventions should not be restricted to cases of physical or sexual abuse; children exposed to psychological maltreatment may also require a level of protection that necessitates removal from the parental home.
इस बहाली से बच्चों को निकालना भी उतना ही ज़रूरी है जितना यौन शोषण और इतर दुर्व्यवहारों से .

4 टिप्‍पणियां:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

अभिभावकों के लिए ज़रूरी पोस्ट .....

Anita ने कहा…

जो माता-पिता स्वयं भी ऐसी ही परवरिश पाकर बड़े होते हैं उन्हें इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती, समाज को सजग होना होगा यदि पड़ोस में कोई बच्चा सताया जा रहा हो तो आवाज उठानी होगी..सार्थक पोस्ट!

Satish Saxena ने कहा…

आपक कार्य अद्वितीय है भाई जी !

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बिलकुल सही कहा है ॥बच्चे बहुत भावुक होते हैं ... उनका मनोवुज्ञान समझना बहुत ज़रूरी है .... डराना या उनको यह जाताना कि वो कुछ नहीं कर सकते ... उनके मस्तिष्क को विकृत कर देता है .... सार्थक पोस्ट