शुक्रवार, 13 जुलाई 2012

कब जांच करवाएं बीनाई (विज़न ,रिफ्रेक्शन) बच्चों की

कब जांच करवाएं बीनाई (विज़न ,रिफ्रेक्शन) बच्चों की 

क्या कहतीं   हैं माहिर ऑप्टो -मेट-रिस्ट(Optometrist)DR.Jenny Nance तथा    DR.Jody Simmons ,Independent Doctors of optometry ,Sam's Club ,6249 ,Franklin ,Tenn.   जानिए 

Start early on vision testing for kids 

आप के मुताबिक़ ५७ %अमरीकी अपने नौनिहालों को लेकर जांच के लिए तब तक नहीं पहुंचतें हैं जब तक वह kindergarten में दाखिला नहीं ले  लेतें हैं जबकि उन्हें यह जांच तब ही करवा लेनी चाहिए जब बच्चा छ :माह और एक साल के बीच ही है .

क्या करतें हैं यह माहिर  इस पहले चरण में ?

बकौल इनके आई कोर्डिनेशन ,alignment ,निकट दृष्टि -ता (Nearsightedness /shortsightedness /myopia)यानी बच्चे की दूर की वस्तुओं को न देख पाने की अक्षमता ,दूर -दृष्टि -ता यानी निकट की वस्तुओं को ठीक से न देख पाना ,depth perception ,color vision आदि की जांच इसी अवधि में की जाती है .

सब कुछ सामान्य होने पर अगली जांच के लिए आने के लिए कहा जाता तब जब बच्चे की उम्र तीन साल हो जाए ,बाद उसके पांच साल का होने पर और पांच साल के बाद आठ साल का होने तक हर साल जांच करवाने की सिफारिश की जाती है .

क्या ऐसी आवधिक जांच का मतलब बीनाई (विजन )सम्बन्धी सीखने की क्षमता का आकलन करना है ? 

Is the purpose of the annual visit to catch vision -related learning problems?

जी हाँ .

बच्चों की बीनाई बहुत जल्दी तबदील हो जाती है .

कितने ही बच्चे जिन्हें ADHD(attention deficit hyperactivity disorder )रोग  निदान होता है डायग्नोज़ होता है वास्तव में convergence insufficiency से  ग्रस्त होतें हैं .इस स्थिति में दोनों आँखे  मिलकर ठीक से समायोजन और संकेन्द्रण नहीं कर पातीं हैं .आप जानतें हैं हमारी दो आँखें हैं ,दो प्रतिबिम्ब बनाती है अलग अलग रेटिनाओं पर दिमाग इन्हें मिलाकर एक करदेता है . देखता दिमाग है आँख नहीं .

इस स्थिति में बच्चों को पढने में कठिनाई महसूस होती है .बस वह पढ़ना बंद कर देतें हैं .अतिरिक्त उछल कूद में मशगूल हो जाते हैं .रोग निदान के रूप में सामने आता है -ADHD.

DR .JODY SIMMONS कहतीं हैं लाख टके की यह बात 

आपका बच्चा आत्म विमोह (ऑटिज्म )से ग्रस्त है अमूमन इसका पता  बच्चे के दो साला होने तक ही लग पाता है .

लेकिन शिशु (०-२ साला )की आँख की जांच से  इसका समय रहते पता चल जाता है .प्रारम्भिक  संकेत पकड़ लिए जातें हैं ऑटिज्म के .  

WHAT DO YOU TELL PARENTS ABOUT KIDS AND COMPUTERS ?

DR SIMMONS :

  बेशक  आज कंप्यूटर एक शैक्षिक माध्यम है ,एज्युकेशनल एड है .लेकिन बेहद ज़रूरी है "२०-२० -२० " rule का अनुसरण .

क्या है यह बीसम बीस बीसम बीस नियम  ?

इसका मतलब है   प्रत्येक मिनिट बाद बालक कंप्यूटर स्क्रीन से निगाह हटाकर बीस फीट दूर की किसी भी वस्तु को  बीस सेकिंड तक निहारे देखे .

ये ब्रेक लेने ज़रूरी है .

इससे आँख की पेशी को विश्राम मिल जाता है .

आबालवृद्धों के लिए बीसम बीस बीसम बीस का पालन करना समान रूप से उपयोगी है .

4 टिप्‍पणियां:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

बच्चों के मामले में एक्स्ट्रा केयर की ज़रुरत है .
अच्छी जानकारी दी है .

Arvind Mishra ने कहा…

उपयोगी जानकारी

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सार्थक सलाह ...

Satish Saxena ने कहा…

नयी और बहुत काम की जानकारी !
आभार वीरू भाई !